Chitrakoot News: अब तक आधा दर्जन संदिग्ध उठाए, कई पहलुओं पर चल रही जांच: एसपी

Chitrakoot News: मुख्यालय के धुस मैदान स्थित उप निबंधन कार्यालय में चोरी के बाद की गई आगजनी के मामले की जांच पुलिस बारीकी से कर रही है। डीवीआर में नजर आए दो संदिग्धों के पुलिस स्क्रैच भी एक्सपर्टों के जरिए तैयार करा रही है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 25 Jan 2024 3:28 PM GMT
Half a dozen suspects in custody after theft in sub-registration office
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उप निबंधन कार्यालय में चोरी के बाद आधा दर्जन संदिग्ध हिरासत में: Photo- Newstrack

Chitrakoot News: मुख्यालय के धुस मैदान स्थित उप निबंधन कार्यालय में चोरी के बाद की गई आगजनी के मामले की जांच पुलिस बारीकी से कर रही है। डीवीआर में नजर आए दो संदिग्धों के पुलिस स्क्रैच भी एक्सपर्टों के जरिए तैयार करा रही है। वैसे अभी तक हुई छानबीन में यह माना जा रहा है कि शातिरों का मूल इरादा रजिस्ट्री आफिस के भीतर रखे जमीनों की खरीद-फरोख्त संबंधी दस्तावेजों को खत्म करना था, इसी इरादे से शायद शातिराना अंदाज में इस वारदात को अंजाम दिया गया है। इस मामले की जांच एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी की अगुवाई में सीओ सिटी, एसओजी, सर्बिलांस सेल व कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीमें कर ही है।

बताते हैं कि अभी तक पुलिस ने करीब आधा दर्जन संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया है। जिनके जरिए पुलिस छानबीन कर रही है। खास बात यह है कि रजिस्ट्री आफिस में चोरी के बाद लगाई गई आग खुद सवालों के घेरे में है। आम लोगों में भी इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं है। विभागीय तौर पर भी छानबीन शुरु कर दी गई है। अधिकारी आग से जले दस्तावेजों की जानकारी जुटा रहे है।

जले बैनामों की तहसीलदार कार्यालय से लेंगे दूसरी प्रति

डीआईजी स्टांप बांदा डा आरके मिश्र भी विभागीय तौर पर छानबीन कर रहे है। एक दिन पहले ही वह यहां आए थे और पूरे मामले की जानकारी ली थी। बताया कि फिलहाय यह वारदात केवल चोरी की नियत से घुसे चोरों ने किया है। उनका मकसद शायद कैश चोरी करने का रहा होगा। जिसके लिए शातिरों ने लॉकर भी तोड़ने का प्रयास किया है, जिसमें वह विफल रहे है। बताया कि आग से जो भी बैनामे जले है, उनकी दूसरी प्रति तहसीलदार कार्यालय व डीवीआर में उपलब्ध है, जिससे यह दस्तावेज आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे। अन्य जले दस्तावेज आनलाइन रिकवर होगे।

जानकार रहे शातिर, कार्यालय में नहीं तैनात रहा सुरक्षा गार्ड

चोरी और आगजनी की वारदात को अंजाम देने वालों में निश्चित तौर पर कोई न कोई जानकार शातिर जरूर शामिल रहा है, जिसे कार्यालय के भीतर तक पूरी जानकारी रही है। सूत्रों की मानें तो उपनिबंधक कार्यालय में प्राइवेट लोग बाहर से लेकर अंदर तक डटे रहते है। यहां पर बात यह भी है कि पुरानी कोतवाली परिसर से अतिक्रमण हटाए जाने के बाद खंडहर बन गया है, जहां पर हर समय अराजक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। पुराने भवनों में लगी कीमती लकडियों से लेकर दरवाजे आदि चोरी के इरादे से शातिर पहुंचते है। खास बात यह है कि उपनिबंधक कार्यालय में सुरक्षागार्ड की भी तैनाती नहीं है।

बोले जिम्मेदार

एसपी अरुण सिंह ने बताया मामले की बारीकी से छानबीन चल रही है। अभी तक हुई जांच में उभरकर यह सामने आया है कि शायद दस्तावेजों को नष्ट करने के इरादे से आग लगाई है। कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए लाया गया है। डीवीआर में नजर आए संदिग्धों के स्क्रैच बनवाए गए है। जिनको चिन्हित करने का प्रयास किया जा रहा है।


Shashi kant gautam

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