Chitrakoot News: जल शक्ति विद्यापीठ ने चित्रकूट में दिया पानी की पाठशाला का संदेश

Chitrakoot News: जल ही जीवन है कहने भर से कुछ नही होगा बल्कि जल खुद जीवन मांग रहा है कि मुझे जीवन दो और अपना जीवन सुरक्षित रखों। यकीनन जल संकट से सामना होते ही आदमी पागल हो जाता है, कल्पना करिए कि...

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 1 Aug 2024 1:15 PM GMT (Updated on: 1 Aug 2024 1:16 PM GMT)
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Chitrakoot News (Pic: Newstrack)

Chitrakoot News: जल ही जीवन है कहने भर से कुछ नही होगा बल्कि जल खुद जीवन मांग रहा है कि मुझे जीवन दो और अपना जीवन सुरक्षित रखों। यकीनन जल संकट से सामना होते ही आदमी पागल हो जाता है, कल्पना करिए एक दिन पानी ना मिले तो दिनचर्या से लेकर रात तक कुछ कर पाएंगे क्या ? इसलिए पानी की पाठशाला विश्व के किसी भी विश्वविद्यालय से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। देश में 25 करोड़ से अधिक युवा बच्चे शिक्षा प्रशिक्षण रिसर्च प्राप्त करते हैं जिन्हें समुदाय के आधार पर पुरखों के जल जोड़ने के बेजोड़ तरीकों के बारे में बताना होगा। प्राथमिक विद्यालय माध्यमिक विद्यालय हाई स्कूल और इंटर कॉलेज में दो सप्ताह में एक दिन स्कूल में पानी की पाठशालाएं बगैर पैसे के किसानों के ज्ञान के आधार पर लगाई जानी चाहिए। जल ही जगन्नाथ है पानी ही परमेश्वर है जल शक्ति विद्यापीठ ने इस दिशा में एक सामुदायिक पहल की है। अधिकांश गांव में पानी की पाठशालाओं की मांग हो रही है। हमने अपने साथियों से कहा है कि वह इस दिशा में प्रयास करें।

आदमी को मालूम सबकुछ है लेकिन उसे ज्ञान नही है जैसे भविष्य के लिए चेतना विकसित नही है तो इसी चेतना को विकसित करने के लिए पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय ने एक अनोखी पाठशाला की शुरूआत की है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की पहली चलती फिरती पाठशाला गुरुवार को जनपद चित्रकूट के सेमरिया जगन्नाथवासी गांव के पंचायत भवन मे लगायी, जिसमे गांव की जल योद्धा पूर्व प्रधान दिव्या त्रिपाठी मौजूद रहीं। त्रिपाठी ने कहा कि बड़े गर्व और सौभाग्य की बात है कि जल के इतिहास में मेरे गाँव सेमरिया जगन्नाथवासी का नाम स्वर्ण अक्षरों मे अंकित होगा क्योंकि पानी की पाठशाला की शुरूआत ही इस गांव से हुई है तो भविष्य मे गांव एक बड़ा उदाहरण बनेगा। मैं गांव में पूर्व की तरह जल संरक्षण के उद्देश्य को पूरा करने के लिए निरंतर कार्य करूंगी।


पानी की पाठशाला में पूर्व राज्य मंत्री सतीश पाल भी सम्मिलित हुए तो उन्होंने ग्रामीणों से जल का ज्ञान समझने का निवेदन किया और कहा कि जाग जाइए मौत की नींद सोने से पहले कि बिन पानी के मौत की नींद सोना पड़े इससे उत्तम है कि जल को वह खजाना समझो जिसे पाकर अपना जीवन समृद्ध समझते हैं तो जल से बड़ा खजाना कुछ और नहीं है क्योंकि शुद्ध जल से स्वस्थ देह का निर्माण होता है।


फिल्म निर्देशक अशोक शरण ने कहा कि अफ्रीका एक शहर केप टाउन इसलिए प्रसिद्ध हो गया क्योंकि वहाँ जल नहीं है और लोगों को वहाँ से बाहर रहने की सलाह दी गई। इस तरह वह दुनिया का पहला निर्जल शहर हो गया तो सोचिए बिन पानी के एक दिन आपकी सारी संपत्ति आपके काम की नहीं रह जाएगी। पूरा गांव और पूरा शहर निर्जन हो सकता है और कहावत है बिन पानी सब सून। इसलिए पानी के ज्ञान को पाकर जल संरक्षण हेतु काम कीजिये जिससे भविष्य में आपकी पीढ़ियों का उज्जवल भविष्य रहें।

जलशक्ति विद्यापीठ के सचिव अंकित कुमार ने कहा कि यह पाठशाला निरंतर संपूर्ण उत्तर प्रदेश और बाद में देश भर में लगेगी। यह संपूर्ण विश्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने ग्रामीण जनों को जल ज्ञान से अभिभूत कर सेमरिया जगन्नाथवासी को जल ग्राम के रूप में पहचान दिलाने हेतु प्रेरित किया। जहाँ संतोष त्रिपाठी ने सेमरिया जगन्नाथवासी को अटल भूजल योजना के अंतर्गत लाए जाने की उम्मीद जताई। जिससे समाज और सरकार के संयुक्त प्रयास से सेमरिया जगन्नाथवासी जलग्राम के रूप में पहचान हासिल करेगा। पाठशाला समापन पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही दिव्या त्रिपाठी ने सबका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पानी के लिए तीसरा विश्व युद्ध ना हो जिसके लिए पानी की पाठशाला बड़ी भूमिका निभाएगी। कार्यक्रम में गांव की जागरूक जनता उपस्थित रही व सभी ने विचार साझा किए व जल संरक्षण हेतु शपथ ली गई।

Durgesh Sharma

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