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Chitrakoot News: तीन दिन पहले खेत से लापता किसान का शव बरामद, मचा हडकंप
Chitrakoot News: शिकारियों को जानकारी हुई तो खुद को बचाने के लिए बच्चालाल का शव उठाकर बड़ाहार के जंगल में एक गहरे खंदक में छिपा दिया।
Chitrakoot News: मानिकपुर थाना क्षेत्र के सरैंया चौकी के गढ़चपा गांव के भौंठी पुरवा से बीते तीन दिन पहले खेत से लापता युवा किसान का शव मंगलवार को दोपहर बाद बड़ाहार के जंगल में एक खंदक से पुलिस ने बरामद किया है। किसान की मौत वन्य जीवों के शिकार को लेकर बिछाए गए तार में दौड़ रहे विद्युत करंट की चपेट में आने से हुई है। मौत के बाद शिकारियों ने खुद को बचाने के लिए शव को जंगल में लेकर एक खंदक के भीतर छिपा दिया था। पुलिस ने दो शिकारियों को गिरफ्तार किया है। जबकि एक अन्य फरार हो चुके शिकारी की पुलिस तलाश कर रही है।
जाने पूरा मामला
गढचपा गांव के मजरा पतेरिया भौंठी पुरवा निवासी 33 वर्षीय किसान बच्चालाल बीते 27 जनवरी की शाम अन्ना जानवरों से खेत में लहलहा रही फसल को बचाने के लिए रखवाली करने गया था। जब वह घर वापस नहीं लौटा तो परिजनो ने काफी खोजबीन की। इसके बाद थाना मानिकपुर में 28 जनवरी को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उसी दिन शाम को परिजनों ने सरैंया में जाम भी लगाया था। इसके बाद परिजन और पुलिस लापता किसान की लगातार तलाश करती रही।
बताते हैं कि पुलिस को इलाके में वन्य जीवों का शिकार करने के लिए तार बिछाकर करंट दौड़ाए जाने की जानकारी मिली। फलस्वरूप पुलिस ने कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लकर पूछताछ की। जिससे पुलिस को इस मामले में अहम सुराग लगा। पुलिस ने मंगलवार को बड़ाहार के जंगल में खंदक के भीतर किसान के छिपाए गए शव को बरामद कर लिया। सूचना पाकर सीओ मऊ जयकरन सिंह, मानिकपुर थाने के क्राइम इंस्पेक्टर प्रभुनाथ यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि बच्चालाल किसी दूसरे काश्तकार का खेत बटाई में लिए थे। जिसमें बोई फसल की रखवाली के लिए गया था। वहीं पर शिकारियों ने तार बिछाकर करंट दौड़ा रखा था। रात का अंधेरा होने की वजह से बच्चालाल करंट की चपेट में आया और उसकी मौत हो गई।
शिकारियों को जानकारी हुई तो खुद को बचाने के लिए बच्चालाल का शव उठाकर बड़ाहार के जंगल में एक गहरे खंदक में छिपा दिया। बताया कि इसमें रामचरन व रामू निवासी बड़ाहार मजरा गढ़चपा को गिरफ्तार कर लिया है। उनका तीसरा एक अन्य साथी फरार हो गया है। जिसकी तलाश चल रही है। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार दोनों शातिरों ने बताया कि बच्चालाल के शव को वह लोग बांस की लाठी में बांधने के बाद कंधे के सहारे लादकर जंगल ले गए थे। वहीं पर खंदक के भीतर शव को छिपा दिया था।
वन्य जीवों के शिकार में लोगों की ले रहे जान
वन्य जीवों का शिकार करने के लिए पाठा के गांवों में तार बिछाकर दौडाए जाने वाले करंट की चपेट में आने से यह पहली मौत नहीं है। इसके पहले भी कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। बताते हैं कि शिकारी जंगल के किनारे वाले गांवों में खासकर खेतों के आसपास काफी दूरी तक खुली तारें फैला देते है, जिनमें करंट दौड़ा दिया जाता है। रात में रखवाली करने के दौरान किसान करंट की चपेट में आते हैं। इस तरह की कई घटनाएं इलाके में हो चुकी है। इसके बाद भी जिम्मेदार महकमे कोई ध्यान नहीं दे रहे है।