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Chitrakoot News: जो सुख है प्रभु गान में ओ सुख नही है बैकुंठधाम में, प्रसंग सुन भक्ति भाव में डूबे श्रोता
Chitrakoot News: महाराज ने कथा के दूसरे दिन अपने अमृतमय वाणी से देश के कोने कोने से आए कथा रसिक गुरु भाई बहनों एवं कथा स्थल पर उपस्थित सभी कथा प्रेमियों को प्रभु की के जाप और गान का महात्म बताते हुए कहा कि जो सुख बैकुंठ में नहीं है ओ सुख प्रभु के गान में जप में है।
Chitrakoot News: परमहंस संत रणछोड़ दास जी महाराज के कर कमलो से जानकीकुंड में स्थापित श्री रघुवीर मंदिर ट्रस्ट बड़ी गुफा में अरविंद भाई मफत लाल की जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में चल रही नौ दिवसीय कथा में मिथिला धाम से पधारे परम पूज्य किशोरी शरण मधुकर महाराज (मुढिया बाबा सरकार) राम कथा का गान कर रहे है। महाराज ने कथा के दूसरे दिन अपने अमृतमय वाणी से देश के कोने कोने से आए कथा रसिक गुरु भाई बहनों एवं कथा स्थल पर उपस्थित सभी कथा प्रेमियों को प्रभु की के जाप और गान का महात्म बताते हुए कहा कि जो सुख बैकुंठ में नहीं है ओ सुख प्रभु के गान में जप में है।
महाराज रामकथा का रसपान कराते हुए कहा कि त्रेतायुग में जब मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम का इस धरा से अपने धाम जाने का समय आया और प्रभु सरयू नदी में जल समाधि लेने के लिए निकल पड़ते है तो सारे आयोध्यावासी और उनके अनंत भक्त भी उनके साथ सरयू नदी की ओर चल देते है मगर उनके परम सेवक भक्त हनुमान जी एकांत में उनके नाम का जाप करने में बैठे थे। प्रभु राम की नजर जब हनुमान जी पर पड़ी तो उनको आश्चर्य हुआ कि सब भक्त मेरे साथ मेरे धाम जाने के लिए मेरे साथ जल समाधि लेने जा रहे है और ये एकांत बैठे है तो प्रभु राम ने हनुमान जी से कहा कि हनुमान तुम एकांत बैठकर मेरे नाम का गान कर रहे हो और सब मेरे साथ मेरे बैकुंठ धाम जा रहे है तुम भी मेरे साथ मेरे बैकुंठ धाम चलो तो हनुमान जी महाराज ने जाने से मना कर दिया और कहा कि प्रभु जो सुख आपके जप और गान में है ओ सुख बैकुंठ में नहीं है। वहां तो सेवक बनकर ही रहना पड़ेगा आपका गान करने को नही मिलेगा। इसलिए हे प्रभु बैकुंठ में ओ सुख नही जो आपके जप में है इसलिए मुझे यही रहने दीजिए इस प्रसंग को सुन सभी श्रोत भक्ति भाव में डूब गए। इस मौके पर चित्रकूट के तमाम साधु संत, आम जनमानस, तमाम प्रांतों से पधारे गुरु भाई बहन एवं सदगुरू परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।