Chitrakoot News: पाठा क्षेत्र में जंगल से सटे गांवों में शिकारियों का रैकेट सक्रिय

Chitrakoot News: शिकारी जंगल के किनारे वाले गांवों में खासकर खेतों के आसपास काफी दूरी तक खुली तारें फैला देते है, जिनमें करंट दौड़ा दिया जाता है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 31 Jan 2024 2:44 PM GMT
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Chitrakoot News (Pic:Newstrack)

Chitrakoot News: वन्य जीवों का शिकार करने के लिए पाठा के गांवों में तार बिछाकर दौडाए जाने वाले करंट की चपेट में आने से गढ़चपा गांव के मजरा पतेरिया भौंठी पुरवा में होने वाली पहली मौत नहीं है। इसके पहले भी कई लोगों की जानें जा चुकी है। शिकारी जंगल के किनारे वाले गांवों में खासकर खेतों के आसपास काफी दूरी तक खुली तारें फैला देते है, जिनमें करंट दौड़ा दिया जाता है। रात में रखवाली करने के दौरान किसान करंट की चपेट में आते है।

एमपी सीमा से सटा रानीपुर टाईगर रिजर्व का जंगल इस समय शिकारियों की गिरफ्त में है। वन्य जीवों का शिकार करने के इरादे से शिकारी जंगलों से सटे गांवों के खेत-खलिहानों में खुले तार बिछाकर करंट दौड़ा देते है। चार दिन पहले गढ़चपा गांव के मजरा पतेरिया भौंठी पुरवा निवासी बच्चालाल की करंट से मौत हुई है। जिसका शव शिकारियों ने खंदक में छिपा दिया था।

वैसे देखा जाए तो यह पहला मामला नहीं है। पिछले 15 जनवरी को मारकुंडी क्षेत्र में भी एक मजदूर महिला की करंट की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। देखा जाए तो वन्यजीव, पालतू जानवरों के साथ इंसानी जिंदगियां अब शिकारियों के बिछाए तार में दौड़ रहे करंट की चपेट में आकर जिंदगी गवां रहे है। शिकारियों पर जिम्मेदार विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

तीसरे शिकारी को पुलिस ने दबोचा

भौंठी पुरवा में करंट की चपेट में आने से किसान बच्चालाल की मौत के बाद उसका शव शिकारियों ने खुद को बचाने के लिए बडाहार जंगल में एक खंदक के भीतर छिपा दिया था। इसमें शामिल दो शिकारियों रामचरन व रामू को पुलिस ने मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। जबकि तीसरे की पुलिस तलाश कर रही थी। बताते हैं कि तीसरे शिकारी चुन्नी कोल निवासी बडाहार कोलान को भी पुलिस ने दबिश के बाद बुधवार को दबोच लिया है।

Durgesh Sharma

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