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Chitrakoot News: ग्रामोदय विश्वविद्यालय में दस दिवसीय संस्कृत संभाषण कार्यशाला संपन्न

Chitrakoot News: महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आयोजित दस दिवसीय संस्कृत संभाषण कार्यशाला के समापन अवसर पर सहभागी विद्यार्थियों ने संस्कृत भाषा संभाषण कर कार्यशाला की सफलता की झांकी प्रस्तुत की।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 27 Dec 2024 10:17 PM IST
Chitrakoot News: ग्रामोदय विश्वविद्यालय में दस दिवसीय संस्कृत संभाषण कार्यशाला संपन्न
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ग्रामोदय विश्वविद्यालय में दस दिवसीय संस्कृत संभाषण कार्यशाला संपन्न (newstrack)

Chitrakoot News: महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आयोजित दस दिवसीय संस्कृत संभाषण कार्यशाला के समापन अवसर पर सहभागी विद्यार्थियों ने संस्कृत भाषा संभाषण कर कार्यशाला की सफलता की झांकी प्रस्तुत की।

इस अवसर पर प्रतिभागियों ने संस्कृत संभाषण कौशल का सराहनीय प्रदर्शन भी किया। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी बांटे।कुलगुरु प्रो भरत मिश्र द्वारा संस्कृत भाषा में किया गया अध्यक्षीय उद्बोधन विशेष रहा।उन्होंने संस्कृत भाषा में अपने सारगर्भित और प्रभावी उद्बोधन में कहा कि संस्कृत भाषा में ही भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा सुरक्षित है और अब विज्ञान के नवीनतम अनुसंधानो में भी संस्कृत महत्वपूर्ण भाषा के रूप में स्थापित हो रही है ।प्रतिभागियों और प्रशिक्षकों को बधाई देते हुए उन्होंने अपेक्षा की है कि संस्कृत विभाग द्वारा संस्कृत और संस्कृति की इसी प्रकार सेवा निरंतर होती रहेगी और हमारा विश्वविद्यालय इस कार्य को ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तार देगा।

कार्यशाला संयोजक और संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. कमलेश थापक ने कहा कि यह कार्यशाला एक शुरुआत है। इसी श्रृंखला में विभिन्न सत्रों का आयोजन चित्रकूट के निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा। आइक्यूएसी सेल के संयोजक प्रो डीपी राय ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से संस्कृत और संस्कृति के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाने का प्रयास किया गया है।

कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो नंदलाल मिश्रा ने संस्कृत कविताओं के द्वारा संस्कृत के महत्व और इस प्रकार की कार्यशाला के प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग की शिक्षिका डॉ प्रज्ञा मिश्रा ने किया। सत्र संचालन मुख्य प्रशिक्षक युवराज मिश्र ने किया। इस मौके पर डा. तुषारकांत शास्त्री , सुरेंद्र कुमार तिवारी सहित स्थानीय संस्कृत महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक और ग्रामोदय विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी मौजूद रहे।



Ragini Sinha

Ragini Sinha

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