×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Chitrakoot: 'संस्कृति उत्सव से होगी मानव मूल्यों की स्थापना'- कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय

Sanskriti Utsav 2023: इस अवसर पर प्रोफेसर पांडे ने उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों में मानव मूल्यों को स्थापित करने में इस आयोजन की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 10 Jan 2024 9:12 PM IST
Sanskriti Utsav 2023
X

'संस्कृति उत्सव-2023' (Social Media) 

Chitrakoot News: उत्तर प्रदेश पर्व हमारी संस्कृति-हमारी पहचान के अंतर्गत 'संस्कृति उत्सव-2023' में जिला चित्रकूट के सांस्कृतिक दलों की जिला स्तरीय सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो .शिशिर कुमार पांडेय (VC Prof. Shishir Kumar Pandey) ने किया।

इस अवसर पर प्रोफेसर पांडे ने उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों में मानव मूल्यों को स्थापित करने में इस आयोजन की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, कि 'यह आयोजन चित्रकूट में नवोदित कलाकारों की पहचान कर उनकी प्रतिभा संवर्धन में मील का पत्थर सिद्ध होगा।'

चित्रकूट की मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर ने आयोजन को सरकार का अभिनव प्रयास बताते हुए सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं व्यक्त की। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी व सचिव जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद अनुपम श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की भूमिका को प्रस्तुत करते हुए इसके औचित्य को स्पष्ट किया। विदित हो यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में संस्कार भारती के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में चित्रकूट धाम मंडल में इस कार्यक्रम को आयोजित करने हेतु चित्रकूट के संस्कार भारती के जिला अध्यक्ष डॉ गोपाल कुमार मिश्र को मंडलीय नोडल अधिकारी नामित किया गया है। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने गायन प्रतियोगिता के अंतर्गत गायन में लोक गायन, सुगम संगीत में गीत गजल, वादन में तबला, हारमोनियम वादन, कथक, लोक नृत्य, आदिवासी संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में गायन प्रतियोगिता हेतु दिव्यांग विश्वविद्यालय की डॉ ज्योति विश्वकर्मा तथा मिर्जापुर से डॉ अर्चना पांडे , नृत्य प्रतियोगिता हेतु दिव्यांग विश्वविद्यालय के डॉ विशेष नारायण मिश्र तथा चित्रकूट इंटर कॉलेज कर्वी के डॉ आलोक शुक्ला विशेष रूप से उपस्थित रहे।

इस मौके पर समूह में 15 से अधिक तथा एकल प्रतियोगिताओं में 20 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया । आदिवासी संगीत में भी तीन प्रतियोगियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ विनोद कुमार मिश्र, डॉ महेंद्र कुमार उपाध्याय, डॉ हरिकांत मिश्र, संस्कार भारती के जिला इकाई के सचिव डॉ रजनीश कुमार सिंह, डॉ प्रमिला मिश्रा, डॉ संध्या पांडे, डॉ दिलीप कुमार, डॉ रवि प्रकाश शुक्ला सहित विश्वविद्यालय परिवार के समस्त सदस्य उपस्थित रहे।

सुबह 10:30 बजे से प्रारंभ हुई प्रतियोगिता देर शाम तक चली। जिसमें स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी निम्न प्रकार से हैं - सुगम गायन में वैभव प्रथम, आशा देवी द्वितीय एवं सुशील तृतीय स्थान, एकल लोक गायन में दिव्यांग विश्वविद्यालय की प्रियंका प्रथम, नीलम द्वितीय एवं सविता तृतीय स्थान प्राप्त की। समूह गान में नेहा एवं रागिनी के ग्रुप ने प्रथम स्थान, श्रुति और प्रियंका ग्रुप ने द्वितीय स्थान एवं अर्चना ग्रुप ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

एकल नृत्य में सुधांशु प्रथम, श्रद्धा गुप्ता द्वितीय, काव्या तिवारी तृतीय, समूह नृत्य में दादूराम ग्रुप प्रथम, हिमांशी ग्रुप द्वितीय एवं सीमा ग्रुप तृतीय। तबला वादन में संस्कार खरे प्रथम, तारावती द्वितीय एवं तृप्ति त्रिपाठी तृतीय। आदिवासी ग्रुप में एकलव्य सांस्कृतिक दल प्रथम और राम बहेरी ग्रुप द्वितीय स्थान प्राप्त किया। समस्त प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को मंडलीय प्रतियोगिता में प्रतिभा करने का अवसर प्राप्त होगा। मंडल स्तर की प्रतियोगिता मंडल मुख्यालय बांदा पर 16 जनवरी को प्रस्तावित है। जो प्रतिभागी प्रथम स्थान प्राप्त किए हैं वे कृपया पर्यटन विभाग से संपर्क कर मंडल प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने हेतु अपनी तैयारी करें। जो मंडल से प्रथम स्थान प्राप्त करेंगे उनकी प्रतियोगिता 20 एवं 21 जनवरी को लखनऊ में आयोजित होगी। वहां प्रथम प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और सामूहिक सांस्कृतिक दलों को उत्तर प्रदेश दिवस पर मंचन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा।

समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉक्टर गोपाल मिश्रा ने जिला प्रशासन के इस प्रयास पर आभार व्यक्त किया तथा संस्कृति विभाग का विशेष आभार व्यक्त किया जिन्होंने ऐसे आयोजन करके दूर दराज के आंचल के कलाकारों को संस्कृत विभाग के पोर्टल से जोड़ने का काम किया है। डॉक्टर मिश्रा ने यह भी आवाहन किया कि जो भी सांस्कृतिक दल या कोई भी कलाकार यदि भारतीय सांस्कृतिक विधा से जुड़ा है तो वह संस्कृति विभाग के पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करलें जिससे कि भविष्य में संस्कृति विभाग सीधे उनसे संपर्क करके उन्हें उनकी प्रतिभा को मंच देने का अवसर प्रदान कर सके।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story