Chitrakoot News: भागवत का अर्थ भक्ति, ज्ञान, वैराग्य व त्याग - नवलेश

Chitrakoot News: कथा वैराग्य व्यास नवलेश ने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्यादि कर्मो से बढ़कर है। कथा सुनकर पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 1 Jun 2024 2:24 PM GMT
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कथा वैराग्य व्यास नवलेश (Pic:Newstrack)

Chitrakoot News: भगवान श्री राम की तपोस्थली सीतापुर चित्रकूट में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वैराग्य व्यास नवलेश दीक्षित ने भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य बताया है। कहा कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करे उसे हम भागवत कहते है। इसके साथ-साथ भागवत के छह प्रश्न, निष्काम भक्ति, 24 अवतार श्री नारद जी का पूर्व जन्म, परीक्षित जन्म, कुन्ती देवी के सुख के अवसर में भी विपत्ति की याचना करती है। क्योंकि दुख में ही तो गोविन्द का दर्शन होता है। जीवन की अन्तिम बेला में दादा भीष्म गोपाल का दर्शन करते हुये अद्भुत देह त्याग का वर्णन किया।

कथा सुनकर भाव विभोर हुए श्रद्धालु

साथ ही परीक्षित को श्राप कैसे लगा तथा भगवान श्री शुकदेव उन्हे मुक्ति प्रदान करने के लिये कैसे प्रगट हुये इत्यादि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। श्रीमद् भागवत तो दिव्य कल्पतरु है यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नही साक्षात श्रीकृष्ण स्वरुप है। इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुये है। उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्यादि कर्मो से बढ़कर है। कथा सुनकर पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा के मध्य में मेरी लगी श्याम संग प्रीत और मां की ममता के महत्व का भजन सुनकर भक्त आत्मसात हो गये। मुख्य यजमान गिरजा शंकर पांडे पत्नी सुशीला देवी सपरिवार पूजन के मुख्य यजमान-रहे।

Durgesh Sharma

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