Chitrakoot News: डंपर-स्कार्पियो की भिडंत मामलें में एसआई सस्पेंड, एसपी ने सीओ सिटी को सौंपी जांच

Chitrakoot News: भरतकूप कस्बे के समीप डंपर-स्कार्पियों की भिडंत में दो युवकों की मौत के मामले में एसपी ने देर शाम रात्रि अधिकारी रहे एसआई इमरान खान को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच एसपी वृंदा शुक्ला ने सीओ सिटी हर्ष पांडेय को सौंपी है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 23 Nov 2023 3:54 PM GMT
SI suspended in dumper-Scorpio collision case, SP handed over investigation to CO City
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डंपर-स्कार्पियो की भिडंत मामलें में एसआई सस्पेंड, एसपी ने सीओ सिटी को सौंपी जांच: Photo- Newstrack

Chitrakoot News: भरतकूप कस्बे के समीप डंपर-स्कार्पियों की भिडंत में दो युवकों की मौत के मामले में एसपी ने देर शाम रात्रि अधिकारी रहे एसआई इमरान खान को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच एसपी वृंदा शुक्ला ने सीओ सिटी हर्ष पांडेय को सौंपी है। जांच प्रभावित न हो, इसको देखते हुए थाना प्रभारी सूबेदार बिंद को हटाए जाने की संभावना है। हालांकि देर शाम तक पूर्व सांसद परिजनों के साथ पोस्टमार्टम हाउस में डटे रहे। पुलिस अधिकारी पूर्व सांसद को किसी तरह मनाने में लगे है।

पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री समेत परिजनों के विरोध पर हुई कार्रवाई

एसपी ने बताया कि हादसा स्थल के पास एक जगह सीसीटीवी कैमरे लगे है। जिसमें हादसे से लेकर दोनों युवकों को निकाले जाने की गतिविधियों को देखा गया है। जिसमें पुलिस ने दोनों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला है। दोनों की मौत मौके पर ही हो चुकी थी। फलस्वरूप उनको अस्पताल ले जाने की जरुरत ही नहीं पड़ी। मामले की जांच कराई जा रही है। प्रथम दृष्ट्या रात्रि अधिकारी को दोनों को अस्पताल न ले जाकर मर्चरी लाने में दोषी पाया गया है, जिस पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।

पूर्व सांसद बोले, परिजनों से पहले डंपर मालिक को दी जानकारी

पोस्टमार्टम हाउस में पूर्व सांसद ने पुलिस अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। आरोप लगाया कि हादसे के बाद पुलिस ने मृतकों के परिजनों को पहले सूचना नहीं दी। बल्कि डंपर मालिक को अवगत कराया है। डंपर मालिक की ही जेसीबी मंगवाई गई और उसके ही लोडर से दोनों के शव पोस्टमार्टम हाउस भेजवाए गए है। आरोप लगाया कि डंपर मालिक की थाना पुलिस ने गहरी यारी है। जिसके चलते पुलिस ने परिजनों को गुमराह भी किया है।

पूर्व सांसद व भाजपा जिलाध्यक्ष आए आमने-सामने, नारेबाजी

पोस्टमार्टम हाउस में शाम तक हंगामा चलता रहा। पूरे दिन सीओ सिटी समेत कई थानों को पुलिस फोर्स भी डटा रहा। इस बीच पूर्व सांसद ने परिजनों के साथ पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी किया। शाम करीब चार बजे भाजपा जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी भी जानकारी मिलने के बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। यहां पर इस हादसे को लेकर राजनीति किए जाने की बात कहे जाने पर पूर्व सांसद व भाजपा जिलाध्यक्ष आमने-सामने आ गए और दोनों के बीच नोकझोक हुई। इसी बीच जिलाध्यक्ष के खिलाफ भी नारेबाजी हुई। जिलाध्यक्ष परिजनों के साथ बैठकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया और फिर वापस चले गए।

मिस्त्री को लेकर गाडी बनवाने जा रहा था हिमांशु

हिमांशु मिश्र शिवरामपुर कस्बा निवासी संजय अग्रवाल के ट्रकों के संचालन की जिम्मेदारी संभाले हुए था। बताते हैं कि एक गाड़ी भरतकूप तरफ खराब हो गई थी। जिसे बनवाने के लिए वह संजय की स्कार्पियो से मिस्त्री रामभवन को लिवाकर जा रहा था। तभी रास्ते में भरतकूप के पहले हादसे में दोनों की जान चली गई।


दोनों युवकों की नहीं हुई थी शादी

हादसे में जान गंवाने वाले दोनों मृतकों की अभी शादी नहीं थी। मृतक हिमांशु मिश्र दो भाई व एक बहन था। बेटे की मौत के बाद मां सरिता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। हिमांशु की अभी शादी नहीं हुई थी। वह फाइनेंस कंपनी में भी काम करता था। जबकि दूसरा मृतक रामभवन तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। उसके दो बहने है। मां भूरी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह शिवरामपुर में करीब सात वर्ष से गैराज खोलकर काम कर रहा था।

पुलिस पर गुमराह करने का परिजनों ने लगाया आरोप

मृतक हिमांशु के परिजनों ने पुलिस पर गुमराह करने का आरोप लगाया। बताया कि उनको करीब साढ़े चार बजे हादसे की जानकारी देते हुए पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचने को कहा। जब वह लोग वहां पहुंचे तो कोई नहीं मिला। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचने पर 15 मिनट में एंबुलेंस के आने की बात बताई गई। जबकि दोनों के शव मर्चरी हाउस में पहले ही पुलिस ने रखवा दिया था। करीब साढ़े सात बजे पुलिस ने उनको शव दिखाया।

अवैध खनन करने वालों की ही-हुजूरी करती पुलिस

पूर्व सांसद ने नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस महकमे के जिम्मेदार अधिकारियों पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप भी लगाए। सीओ सिटी व एसपी के पीआरओ से कहा कि पुलिस केवल बालू और ट्रक चलवाने वाले जनप्रतिनिधियों की जी हुजूरी करती है। जिस डंपर से हादसा हुआ है, उसके संचालक की कई गाडियों को प्रशासन ने नो इंट्री के दौरान आने-जाने की छुट दे रखी है। जिससे स्पष्ट है कि पुलिस की मिलीभगत से खनन माफिया बेलगाम हो गए है।

Shashi kant gautam

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