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Chitrakoot: स्वामी रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर भव्य स्वागत
Chitrakoot News: तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचन्द्र दास ने कहा कि जगदगुरू को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर वह बेहद खुश है। क्योंकि यह पुरस्कार उनके वैदुष्य, संस्कृत साहित्य में उनकी अनवरत सेवा का अंकन हुआ है।
Chitrakoot News: दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के संस्थापक स्वामी रामभद्राचार्य को भारतीय ज्ञानपीठ न्यास नई दिल्ली के भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के उपलक्ष्य में संत समाज, समाजसेवी, राजनेता, शिक्षकों-कर्मचारियों व छात्रों ने भव्य स्वागत किया गया। तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचन्द्र दास ने कहा कि जगदगुरू को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर वह बेहद खुश है। क्योंकि यह पुरस्कार उनके वैदुष्य, संस्कृत साहित्य में उनकी अनवरत सेवा का अंकन हुआ है।
स्वामी ने 250 ग्रंथों का किया है लेखन
उन्होने लगभग 250 ग्रंथों का लेखन किया है। गुरूदेव के संचालित विभिन्न प्रकल्पों में साहित्य सेवा, दिब्यांग जन सेवा, संत सेवा, गौ सेवा सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। वहीं स्वामी रामभद्राचार्य नें कहा कि जीवन का यह उचित सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार के रूप में मिला है। साहित्य की विधि में महाकाव्य के लेखन में गीत महाकाव्य, भार्गव राघवीयम, भृगंदुतम, पत्र काव्य, संस्कृत गध साहित्य, दशावतार समेत एकांकी नाटक की प्रथम रचना की है।
कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
इस मौके पर कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय, डॉ. ज्योति वैष्णव, डॉ. विशेष नारायण मिश्र, सांसद आरके सिंह पटेल, पूर्व राज्यमंत्री चंदिका उपाध्याय, पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र, प्रो. अलका पांडेय, मदन गोपाल दास, महंत दिव्य जीवन दास, जानकीकुंड अस्पताल के डॉ. बीके जैन, क्वापरेटिव बैँक अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, शानू गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी, नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता, प्रो. योगेश चन्द्र दुबे, कुलाधिपति निजी सचिव आरपी मिश्रा, कुलसचिव मधुरेंद पर्वत, डॉ. मनोज पांडेय, डॉ. विनोद मिश्रा आदि मौजूद रहे।