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Chitrakoot: सफाईकर्मी ने खंड विकास अधिकारी कार्यालय पर की खुदकुशी, पुलिस जांच में जुटी

Chitrakoot News: कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना कैद हुई है। जिसमें पुलिस ने पूरी घटना को बारीकी से देखा है। फुटेज में देखने पर मिला कि राजू अकेला आया था और करीब 15 मिनट तक गेट में फंदा लगाता रहा।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 24 Nov 2023 7:21 PM IST
Chitrakoot News
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Chitrakoot News (Pic:Newstrack)

Chitrakoot News: मुख्यालय कर्वी स्थित खंड विकास अधिकारी कार्यालय गेट पर शुक्रवार की दोपहर अपने गमछे से सफाईकर्मी ने फांसी लगा जान दे दी। अवकाश होने की वजह से उस दौरान कार्यालय बंद रहा। कुछ देर बाद लोगों की नजर पड़ी तो वह लटका मिला। घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है। पूरी घटना कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है।

2009 में हुई थी तैनाती

राजापुर कस्बे के लूपलाइन निवासी 38 वर्षीय राजू वर्ष 2009 में पंचायती राज विभाग में बतौर सफाईकर्मी के तौर पर नियुक्त हुआ था। वह मौजूदा समय पर कर्वी ब्लाक के डिलौरा में तैनात था। बताते हैं कि शुक्रवार को सरकारी छुट्टी होने की वजह से बीडीओ कार्यालय बंद था। दोपहर करीब 12 बजे राजू बीडीओ कार्यालय पहुंचा और उसने अपने गमछा से कार्यालय गेट चैनल के हत्थे में फंदा लगाया और फिर झूल गया। हालांकि उसके पैर पूरी तरह जमीन पर ही थे।

सीसीटीवी में कैद हुई घटना

कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना कैद हुई है। जिसमें पुलिस ने पूरी घटना को बारीकी से देखा है। फुटेज में देखने पर मिला कि राजू अकेला आया था और करीब 15 मिनट तक गेट में फंदा लगाता रहा। एक बार लगाने के बाद उसने फंदे को खोल दिया, लेकिन फिर दोबारा गले में फंदे को फंसाया और झूल गया। माना जा रहा है कि नशे में होने की वजह से राजू संभल नहीं पाया और जमीन में शरीर का आधा हिस्सा होने के बावजूद उसकी तड़प-तड़पकर जान चली गई। मृतक के चार बेटी व एक बेटा है। उसका पत्नी से घरेलू कारणों के चलते कई साल पहले अलगाव हो गया था। जिससे वह मुख्यालय कर्वी में भाभी के परिवार के साथ रहने लगा था।

घटना की जानकारी मिलने के बाद भाभी की बहू और बच्चे पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। आरोप लगाया कि करीब छह माह से राजू को वेतन नहीं मिला था। इधर वह काफी परेशान था और उसकी नशा सेवन की वजह से मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। बीडीओ आस्था पांडेय ने बताया कि राजू की अक्सर तैनाती स्थल में न जाने की शिकायतें मिलती थी। कई बार एडीओ पंचायत के माध्यम से ड्यूटी में जाने के लिए निर्देश दिए गए, लेकिन वह नशे की वजह से किसी की बात नहीं मानता था। डीपीआरओ कुमार अमरेन्द्र का कहना है कि सफाईकर्मी का वेतन बकाया नहीं है। अभी पिछले अक्टूबर माह का वेतन दिया गया है।

Durgesh Sharma

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