Chitrakoot News: शरदोत्सव में लोकनृत्यों की रही धूम, भारत रत्न नाना के कार्यो को किया गया याद

Chitrakoot News: भारत रत्न नानाजी देशमुख के जन्मदिवस अवसर पर चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान में पारम्परिक नृत्य एवं गायिकी केन्द्रित तीन दिवसीय शरदोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 30 Oct 2023 12:09 PM GMT
chitrakoot news
X

चित्रकूट में शरदोत्सव का आयोजन (न्यूजट्रैक)

Chitrakoot News: दीनदयाल शोध संस्थान में भारत रत्न नानाजी देशमुख के जन्मदिवस अवसर पर पारम्परिक नृत्य एवं गायिकी केन्द्रित तीन दिवसीय शरदोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन के दूसरे दिन चित्रकूट के सुरेन्द्रपॉल विद्यालय के विवेकानंद सभागार में शिव तांडव, हनुमान चालीसा एवं महिषासुर मर्दिनी नृत्य नाटिका के साथ सुप्रसिद्ध लोक नृत्य राई, घूमर, चगेंलिया और गरबा ने मौजूद दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।

शरदोत्सव के दूसरे दिन महंत सन्तोषी अखाड़ा रामजी दास, रामबेटा कुशवाहा जिला संघचालक सतना, गोपाल भाई जी अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान, राजाबाबू पाण्डेय राष्ट्रीय रामायण मेला, समाजसेवी राजेन्द्र त्रिपाठी ने मंच पर उपस्थित होकर दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम का संचालन गायत्री शक्ति पीठ के डॉ. रामनारायण त्रिपाठी द्वारा किया गया।

उन्होंने कहा कि शरदपूर्णिमा के अवसर पर चित्रकूटधाम में शरदोत्सव मनाने की अनुपम छटा है। शरदपूर्णिमा के दिन नानाजी का अवतरण हुआ। उन्होंने सत्ता व वैभव को त्यागकर समाज को प्रेरणा देने का काम नानाजी देशमुख ने किया है। समाज और देश की सेवा करने वाले व्यक्ति पूज्य हो जाते हैं। नानाजी ने अपने कार्यों से देश के सामने अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है।

लोकनृत्यों से बांधा समा

दूसरे दिन के कार्यक्रमों में लोकनृत्यों की धूम रही। जिसमें भारत की सांस्कृतिक परम्पराओं को एक सूत्र में बांधने और देश की एकता में लोकनाट्यों की गंभीर भूमिका और पौराणिक आस्थाओं को केन्द्र में रखकर हुये इन लोकनाट्यों में आंचलिकता की छाप स्पस्ट दिखाई दी। यह माना जाता है कि नृत्य अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा माध्यम होते हैं। ऐसे में किसी राज्य की संस्कृति से रूबरू होने के लिये वहाँ की लोक नृत्य कलाओं को जानना सबसे अच्छा रहता है।

राजस्थान के परंपरागत लोक नृत्य घूमर से हुई शुरूआत

कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान के परंपरागत लोक नृत्य घूमर से हुई, जिसे कृष्णा देवी वनवासी बालिका विद्यालय की बच्चियों द्वारा प्रस्तुत किया गया। उसके बाद अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान के तत्वावधान में बुंदेलखंड का मशहूर लोक नृत्य राई की प्रस्तुति हुई जिसमें पारंपरिक पोशाक पहने हुए महिला कलाकारों ने तबला, हारमोनियम, नगड़िया, मंजीरा, रामतूला, और लोकगीतों की थाप पर थिरकना शुरू किया तो सभागार में मौजूद दर्शक एक टक देखते रह गए। फिर सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय के बच्चों द्वारा महिषासुर मर्दिनी नृत्य नाटिका और पिरामिड का आकर्षक प्रदर्शन किया गया। जिसमें बताया गया कि देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर से नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया और समाज को भयमुक्त वातावरण प्रदान किया।


बच्चों ने योग पर आधारित किया खूबसूरत प्रदर्शन

उसके बाद सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट गुजरात के प्रसिद्ध लोक नृत्य गरबा की प्रस्तुति हुई। जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के बच्चों द्वारा योग पर आधारित खूबसूरत प्रदर्शन हुआ। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा चंगेलिया नृत्य प्रस्तुत किया जिसमें बुंदेलखंड की परंपरा बच्चे की पैदाइश पर बुआ चंगेलिया लेकर भाई के यहां जाती है और भाई इसे उतारकर बहन को उपहार (नेग) देता है। सबसे अंत में प्रवीण त्रिपाठी एवं शोभित करवरिया व उनकी टीम द्वारा शिव तांडव और हनुमान चालीसा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गई।

शरदोत्सव के मंच पर आज होगा कवि सम्मेलन

शरदोत्सव की तीसरी सांस्कृतिक संध्या पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। कवि सम्मेलन में अनिल मिश्रा (तेजस) निवाड़ी, संजय भारत मेहरौनी, श्रीमती विभा सिंह वाराणसी, रविशंकर सतना, पंकज पंडित ललितपुर आदि कवियों द्वारा ओज, गीत एवं हास्य के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन किया जाएगा।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

Next Story