Chitrakoot: फर्ज और अधिकार दोनों जानें, पानी की बर्बादी को रोकें: राज्यपाल

Chitrakoot News: राज्यपाल ने 120 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए पोषण किट वितरण किया। जिसमें राजभवन व बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से दस-दस किटें दी गई है। जबकि सौ किट पुष्टाहार विभाग ने उपलब्ध कराई है। इसके अलावा क्षय रोग से पीड़ित 580 रोगियों को पोषण पोटली बांटी गई।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 20 Dec 2023 12:16 PM GMT (Updated on: 20 Dec 2023 3:11 PM GMT)
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Chitrakoot News (Pic:Newstrack)

Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट के दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अधिकार और फर्ज को साथ रखना चाहिए। उन्होंने कर्वी विकासखंड क्षेत्र के कसहाई में रुर्बन योजना के तहत बनाए गए बारात घर में आंनगवाडी कार्यकत्रियों के साथ संवाद किया। पोषण किट वितरण करते हुए कहा कि बच्चे के चरित्र निर्माण में आंगनवाडी के साथ माता-पिता की अहम भूमिका होती है। आठ साल की उम्र तक बच्चे 80 फीसदी कार्य व्यवहार को सीख लेता है। इसलिए इस उम्र तक बच्चों को अच्छी राह दिखाने का सबसे उचित समय होता है।

राज्यपाल ने 120 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए पोषण किट वितरण किया। जिसमें राजभवन व बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से दस-दस किटें दी गई है। जबकि सौ किट पुष्टाहार विभाग ने उपलब्ध कराई है। इसके अलावा क्षय रोग से पीड़ित 580 रोगियों को पोषण पोटली बांटी गई। यह पोषण पोटली गोद लेने वाले 114 लोगों ने प्रदान की है। राज्यपाल ने मंच से खुद पांच मरीजों को पोषण पोटली दिया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत योजना के तहत केन्द्र सरकार ने योजना चलाई है। जिसमें गरीब बच्चों को सुविधाएं प्रदान की जा रही है। उनको अच्छी शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य, स्वच्छता हर तरह की चिंता उनके माता-पिता करते है।


उन्होनें कहा कि सरकार कोई भी हो, उसे सर्वाधिक आंगनवाडी केन्द्रों पर ध्यान देना चाहिए। संपन्न परिवार अपने बच्चों को अच्छी पढ़ाई से लेकर हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा देते है, लेकिन गरीब परिवार के बच्चे वंचित रहते है। आय कम होने से गरीब परिवार के बच्चे सुविधाओं के अभाव में पिछड़ जाते है। उनको भी अच्छी पढ़ाई से लेकर बेहतर पोषण की सुविधा मिलना जरुरी है। कहा कि अब तो बच्चे भी क्षयरोग का शिकार हो रहे है। ऐसे बच्चों के साथ घरों में अछूत जैसा व्यवहार होता है। स्कूलों में दूसरे बच्चे उनके पास बैठने से गुरेज करते है। ऐसे बच्चों को अच्छा पौष्टिक आहार मिलना चाहिए।


उन्होनें आगे कहा कि अगर पौष्टिक आहार मिले तो बच्चों की बीमारियां दूर हो जाती है। ऐसे गरीब परिवारों के बच्चों को गोद लेना चाहिए। हर घर जल का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार सभी को पीने का पानी मुफ्त में उपलब्ध कराती है। लेकिन लोग किस तरह से पानी को बर्बाद करते है। पानी न मिलने पर लोग प्रदर्शन पर उतरते है, यह अपना अधिकार मानकर लोग ऐसा करते है। लेकिन उनको अधिकार के साथ फर्ज भी निभाना चाहिए। अगर ऐसा रहा तो वह पानी बर्बाद नहीं करेंगे। इसके पहले राज्यपाल ने आंगनवाड़ी केन्द्र में पहुंचकर बच्चों से मिलकर बातचीत की।


राज्यपाल ने बन रहे भोजन की सराहना

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को जिला कारागार पहुँची जहाँ उनका भव्यतम किया गया। इसके बाद जेल में बंद महिला बैरक में महिला बंदियों से संवाद किया कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय की 40 की छात्राओं को भी उनके प्राचार्य के साथ कारागार में आमंत्रित किया गया था। उनके स्तर पर छात्राओं को निर्देशित किया गया था कि उनके दौरे से एक घंटे पहले ही छात्राएँ महिला बंदियों से संवाद करके जान लें कि - किन परिस्थितियों में उनसे अपराध हुआ, उनकी पारिवारिक दशा क्या है, अपराध करने के बाद उन पर क्या प्रभाव पड़ा, जेल में उनके स्वास्थ्य सुधार और पुनर्वास की क्या व्यवस्थाएं हैं।


कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल महोदया ने छात्राओं और महिला बंदियों से संवाद किया और उनके अनुभव जाने। सभी छात्राओं ने कारागार की व्यवस्थाओं को पहली बार देखने और अच्छा अनुभव करने की बात राज्यपाल से कही। राज्यपाल ने डीएम अभिषेक आंनद व एसपी वृन्दा शुक्ला से महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर न्याय समितियां गठित करने की बात कही।

राज्यपाल ने कारागार में निरुद्ध सभी महिलाओं ने कारागार में किसी भी प्रकार की समस्या न होने, सभी प्रकार की अनुमन्य सुविधाएँ मिलने उनके बच्चों को पौष्टिक आहार मिलने की बात राज्यपाल महोदया को बतायी। कहा कारागार की पाठशाला देखने का कार्यक्रम नहीं था किन्तु उन्होंने पाकशाला का भी भ्रमण किया और रसोई में बन रहे भोजन को देखा। पाकशाला की स्वच्छता और भोजन की प्रशंसा की गई। इस अवसर पर चित्रकूट धाम मंडल के मंडलायुक्त बाल कृष्ण त्रिपाठी, पुलिस महानिरीक्षक कारागार राजेश कुमार श्रीवास्तव, आदि मौजूद थे।


महामहिम ने दिव्यांग विश्वविद्यालय के बच्चों की आकर्षक पेंटिंग को सराहा

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय सीतापुर चित्रकूट के सभागार में स्वागत समारोह में शामिल हुई। महामहिम ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की तथा छात्र-छात्राओं द्वारा बनाई गई पेंटिंग का अवलोकन भी किया एवं विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के छात्र/छात्राओं द्वारा स्वागत गीत एवं सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की गई तथा योग विभाग के बच्चों द्वारा योग की क्रिया भी की गई। जिसको देख राज्यपाल महोदया भाव विभोर हुई।


इसके बाद महामहिम को रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अभी तक के कार्यक्रमों के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया जिसमें महामहिम राज्यपाल महोदय ने शिक्षकों से कहा कि जो भी कार्य विश्वविद्यालय में कारण उसमें बच्चों के क्रियाकलाप अवश्य होना चाहिए तथा फोटो के नीचे छात्र-छात्राएं क्या कर रहे हैं उसको भी दर्शाया जाए।


रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति शिशिर कुमार पांडेय ने महामहिम राज्यपाल को कामतानाथ की फोटो एवं बच्चों द्वारा महा महिमा राज्यपाल की मनाई गई फोटो को भेंट किया। तथा उन्होंने परम पूज्य रामभद्राचार्य महाराज एवं विश्वविद्यालय परिवार की ओर से स्वागत किया गया। इस अवसर पर डीएम अभिषेक आनन्द, एसपी वृंदा शुक्ला, कुलसचिव मधुरेंद्र कुमार, कुलपति बुंदेलखंड झांसी विश्वविद्यालय सहित संबंधित अधिकारी शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।


कामदनाथ दर्शन कर लगाई परिक्रमा, आरती में हुई शामिल

राज्यपाल ने कामदनाथ दरबार में पहुंचकर विधि-विधान से पूजन कर दर्शन किए। उन्होंने कामदनाथ प्रमुख द्वार व प्राचीन द्वार के साथ ही अन्य मठ-मंदिरों में दर्शन किया। इसके बाद गोल्फ कार से राज्यपाल ने परिक्रमा लगाई। यहां से वह रामघाट पहुंची और मंदाकिनी आरती किया। उनके साथ धर्मनगरी के साधू-संत भी शामिल रहे। इसके पहले प्रमुख द्वार पहुंचने पर एमपी प्रशासन से सतना एसपी आशुतोष गुप्ता, सीईओ सतना परीक्षित झाड़े ने राज्यपाल का स्वागत किया।

Durgesh Sharma

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