Chitrakoot News: सांसद से ग्रामीणों की नोकझोंक, दोबारा निरीक्षण करने पहुंचे सीईओ

Chitrakoot News: मुख्य कार्यपालक अधिकारी कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक के बाद दोबारा वापस लौटते समय फिर प्रस्तावित स्थल का जायजा लेने पहुंचे और ग्रामीणों से बात कर उनकी बात को सुना।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 29 Feb 2024 7:58 AM GMT
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 सांसद आरके सिंह पटेल की ग्रामीणों से नोकझोंक (Newstrack)

Chitrakoot News: बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को जीरो प्वाइंट भरतकूप के गोंडा गांव से एयरपोर्ट देवांगना से जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसके लिए बनाए जाने वाले लिंक एक्सप्रेस को लेकर यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने एक दिन पहले बुधवार को दौरा किया था। जिसमें प्रभावित होने वाले ग्रामीणों ने लिंक एक्सप्रेस वे का प्रस्तावित रुट बदलने की शिकायत दर्ज कराई। इसी बीच ग्रामीणों की मौजूद सांसद आरके सिंह पटेल से नोकझोक भी हुई।

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की जिलाध्यक्ष पूनम देवी के अलावा प्रभावित होने वाली बस्तियों में रहने वाले गरीबों व किसानों ने सीईओ के सामने विरोध जताते हुए शिकायती पत्र दिया। बताया कि लिंक एक्सप्रेस वे निर्माण का सर्वे होकर गोंडा रामपुर माफी होते हुए नेट में प्रकाशित एवं प्रदर्शित हो चुका है। लेकिन इस रुट में कुछ राजनीतिक रसूखदारों व जनप्रतिनिधियों के परिजनों व रिश्तेदारों के क्रशर प्रभावित हो रहे है। जिससे रसूखदारों के क्रशर बचाने के लिए इनके दबाव में लिंक एक्सप्रेस वे का रुट बदला जा रहा है। बदले जाने वाले रुट में अकबरपुर के मजरा भरतकूप क्षेत्र की आबादी प्रभावित हो रही है। क्योंकि यह घनी आबादी के बीच से निकाला जा रहा है। फलस्वरूप करीब डेढ़ सौ आदिवासियों की कालोनियां व लगभग सौ छोटे व्यापारियों के मकान इससे उजड़ जाएंगे। यहां पर जमीनें भी काफी महंगी है। क्योंकि भरतकूप का क्षेत्रफल कम है।

बीते 29 दिसंबर को एसडीएम सदर ने राजस्व टीम व यूपीडा इंजीनियर के साथ सर्वे किया था। जिसमें माना था कि आबादी उजड़ रही है। जबकि रामपुर माफी तरफ से केवल तीन-चार क्रशरों को ही दूसरी जगह विस्थापित कराना पड़ेगा। जिससे आबादी की अपेक्षा क्षति कम है। इसके अलावा गरीबों के मकान उजड़ने से बच जाएंगे। किसान उमेश सचना, प्रदीप, धनीराम, लवलेश आदि ने बताया कि सर्वे के दौरान अकबरपुर के 219 मकान कच्चे व पक्के प्रभावित हो रहे है। हाईटेंशन के तीन प्वाइंट व लंबाई 400 मीटर तथा 250 मीटर की परिधि में तीन क्रशर प्रभावित है। बताया कि पूर्व में उनकी काफी जमीनें एक्सप्रेस वे निर्माण में जा चुकी है। अगर शेष जमीन भी चली गई तो उन लोगों के परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो जाएगा। मांग किया कि रामपुर माफी की तरफ से बुंदेलखंड एक्सप्रेव वे को निकाला जाए।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक के बाद दोबारा वापस लौटते समय फिर प्रस्तावित स्थल का जायजा लेने पहुंचे और ग्रामीणों से बात कर उनकी बात को सुना। भरोसा दिया कि किसी के साथ गलत नहीं होगा। उन्होंने सर्वे एजेंसी को निर्देश दिए कि दो दिन के भीतर एक बार फिर से सर्वे किया जाए। जिसमें प्रस्तावित दोनो रुटों के सर्वे को देखें कि किसमें निर्माण के दौरान पैसा ज्यादा व कम लग रहा है। इसके साथ ही दोनों ही रुट पर आवास, जमीन के साथ ही धन व्यय का सर्वे किया जाए। नुकसान किसमें अधिक आ रहा है, यह अवश्य देखें।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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