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Christmas: 60 साल पहले ईसाई दोस्त ने बताई परेशानी तो मुस्लिम युवक ने ऐसे निभाया दोस्ती का फर्ज
Christmas 2022: प्रयागराज में मशहूर असलम भाई का परिवार बीते 60 सालों से ईसाई धर्म के त्यौहार मे दुगनी खुशियां देने का काम कर रहा है।
Christmas: भारत त्योहारों का देश है। यहां जिस तरह होली में गुझिया, ईद में सिवई, दिवाली में मिठाई का महत्व है उसी तरह ईसाई धर्म के सबसे बड़े त्यौहार क्रिसमस में प्लम केक का बड़ा महत्व है। देश के सभी धर्मों के लोग हर पर्व को एक साथ मिलजुल कर मनाते हैं। ऐसे में प्रयागराज में मुस्लिम समुदाय के लोग एक मिसाल पेश कर रहे हैं। प्रयागराज में मशहूर असलम भाई का परिवार बीते 60 सालों से ईसाई धर्म के त्यौहार मे दुगनी खुशियां देने का काम कर रहा है। असलम भाई अपने तीन भाइयों के साथ बीते 60 सालों से क्रिसमस केक और क्रिसमस से जुड़ी सामग्री बनाने का काम कर रहे हैं।
खास बात यह है कि प्रयागराज के साथ-साथ कई जिलों में इनके द्वारा बनाए गए खास क्रिसमस केक की डिमांड भी बढ़ जाती है। नवंबर के महीने से ही क्रिसमस त्योहार को लेकर के तैयारियां शुरू कर दी जाती है। खास बात एक और भी है की असलम भाई की बुशी बेकरी प्रयागराज के सिविल लाइंस में स्थित है और उनकी बेकरी में हर धर्म के लोग अपना योगदान दे रहे हैं।
असलम भाई का कहना है कि 60 साल पहले उनके पिताजी ने छोटी सी जगह में इस कारोबार की शुरुआत की थी। असलम बताते हैं कि उनके पिता ने बताया कि उनकी सोच इस काम के लिए उस समय सामने आई जब एक ईसाई धर्म के दोस्त ने कहा कि क्रिसमस पर्व के लिए इलाहाबाद में केक की बेकरी बेहद कम है जिसकी वजह से उनके समुदाय के लोगों को परेशानी होती है। उनके दोस्त की इसी बात को ध्यान में रखते हुए मोहम्मद असलम के पिता ने खास क्रिसमस केक बनाने का फैसला किया।
उधर खास क्रिसमस केक लेने आए लोगों का कहना है कि मोहम्मद असलम और उनका परिवार एक मिसाल पेश कर रहा है। स्थानीय संदीप का कहना है कि वह पिछले 15 सालों से उनसे ही केक लेते हैं और उनके बनाए हुए खास क्रिसमस के केक अन्य जिलों में भी जाते हैं। उधर मोहम्मद असलम बताते हैं कि उनको बेहद खुशी होती है क्योंकि उनके इस कार्य से किसी के चेहरे पर मुस्कान मिल रही है। पिता के द्वारा शुरू किए गए इस काम को आगे ले जा रहे हैं जिससे उनको बेहद खुशी है इसके साथ ही साथ हर धर्म के लोग कभी प्यार मिल रहा है।
गौरतलब है कि मोहम्मद असलम जैसा परिवार ही देश में एकता की बानगी पेश कर रहा है। हालांकि प्रयागराज की मिट्टी भी ऐसी है कि इस शहर को भाईचारे की मिसाल के तौर पर भी संबोधित किया जाता है।