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शहर की दीवारों को बना दिया खूबसूरत

raghvendra
Published on: 27 July 2018 2:00 PM IST
शहर की दीवारों को बना दिया खूबसूरत
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शाहजहांपुर: इस शहर की दीवारें अब बोल रही हैं। स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दे रही हैं। इसके पीछे पहल है यहां के डीएम की और मेहनत है स्कूली बच्चों की। ये बच्चे रोजाना दीवारों पर लोगों को सन्देश देने वाली पेन्टिंग से दीवारों को सुन्दर बना रहे है। अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिलने पर बच्चे बेहद खुश हैं।

कभी ऊटपटांग पोस्टरों और वाल राइटिंग से कुरूप हो चुकी दीवारें अब यहां चित्रकारी से अलग अलग सन्देश दे रही हैं। दरअसल जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने जब सरकारी कार्यालयों की चारदीवारी का खराब हाल देखा तो उन्होंने स्कूली बच्चों को इन पर पेन्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया। जिलाधिकारी ने प्राईवेट और सरकारी स्कूल के बच्चों को पूरे नगर निगम की दीवारों को पेन्टिंग से सजाने और संवारने के लिए प्रतियोगिता करवा दी। प्राईवेट स्कूलों को अलग कैटेगरी में और बेसिक के बच्चों को अलग कैटेगरी में बांट दिया। डीएम के आहृान के बाद बच्चो ने सरकारी गन्दी दीवारों पर खूबसूरत पेन्टिंग करने का काम शुरू कर दिया।

आज आलम ये है कि कलेक्ट्रेट और जजी परिसर की दीवारों पर अलग अलग सन्देश वाली पेन्टिंग दिखाई देने लगी हैं। कहीं बेटी बचाओ का सन्देश तो कहीं स्वच्छता का सन्देश। इसके अलावा जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और स्कूल चलो जैसे कई सन्देशों वाली पेन्टिंग हर तरह नजर आ रही है। जिलाधिकारी का कहना है कि इस पहल से बच्चों में कला की कई प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा साथ लोगों में भी दीवारों को स्वच्छ रखने की भावना पैदा होगी।

बच्चों का कहना है कि उन्हें दीवारों पर पेन्टिंग करने में बहुत मजा आता है। इस काम में उनके टीचर भी उनका भरपूर साथ दे रहे हैं। बच्चों के इस हौसले को देखते हुए जिलाधिकारी उन्हें 15 अगस्त को सम्मानित करने की योजना बना रहे हैं।

बता दें कि इन्दौर, भोपाल, विशाखापत्तनम जैसे शहरों की दीवारों पर बेहद खूबसूरत पेंटिंग की गयी हैं। ओवरब्रिज के पिलर्स पर भी कलाकारी की गयी है जो इन शहरोन की खूबसूरती में चार चांद लगाती है। ये सब काम नगर निगम द्वारा स्वयं किया गया है।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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