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नहीं छोड़ पा रहे केसरिया रंग का मोह,अब सिविल में भी भगवाकरण
सूबे में योगीराज आते ही भगवा रंग की बल्ले-बल्ले हो गई है।भगवा रंग का मोह भंग नहीं हो रहा है।सरकारी भवनों से लेकर यहां तक कि एनेक्सी का भी भगवाकरण हो चुका है। अधिकारी अपने विभाग के मंत्रियों को खुश करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसको लेकर
लखनऊ: सूबे में योगीराज आते ही भगवा रंग की बल्ले-बल्ले हो गई है।भगवा रंग का मोह भंग नहीं हो रहा है।सरकारी भवनों से लेकर यहां तक कि एनेक्सी का भी भगवाकरण हो चुका है। अधिकारी अपने विभाग के मंत्रियों को खुश करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसको लेकर सरकार के खिलाफ विपक्ष ने कई बार जमकर हंगामा भी काटा है। लेकिन हालत अब पहले से भी बदतर होते जा रहे हैं। अब एक नया मामला सुर्खिंयों में आया है जो कि लखनऊ के सिविल अस्पताल का है।
इलाहाबाद बैंक से सटे गेट के ऊपर जो बोर्ड लगा है उसका बैकग्राउंड पूरी तरह से भगवा रंग का दिख रहा है।स्क्रीन के आगे और पीछे दोनों तरफ भगवा रंग चढ़ गया है। इसके अलावा अस्पताल की पानी टंकी भी भगवा रंग में तब्दील हो चुकी है। दूसरी ओर, अस्पताल के जिम्मेदारों का कहना है कि कई वर्षों पहले से अस्पताल का यही रंग है। हमने कोई बदलवा नहीं किया है। रंग उड़ जाने के कारण नया कलर कराया गया है।
नहीं छोड़ पा रहे केशरिया रंग का मोह, अब सिविल में भी भगवाकरण
पहले था ऐसा
अस्पताल के आकस्मिक प्रवेश द्वार पर कोई बदलाव नहीं है। पहले की तरह ही सफेद रंग के बोर्ड पर नीले से सिविल अस्पताल का पूरा नाम दर्ज है। लेकिन दूसरे गेट पर पूरी तरह से बदलाव है।
अस्पताल में भगवा रंग के बोर्ड का क्या काम
सिविल के परिसर में उसी गेट के ठीक बगल में पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थनाथ सिंह के फोटो सहित बैनर लगा है। आपको बता दें कि इस बैनर का बैकग्राउंड भी पूरी तरह से भगवा रंग का है।
सरकार को खुश करने का प्रयास
अक्सर जब भी सिविल अस्पताल में वर्तमान सरकार का कोई भी मंत्री आता है तो वह नए भगवा रंग वाले गेट से ही अंदर जाता है। इमरजेंसी प्रवेश द्वार पर हमेशा सीवर की बदबू आती है तो इसीलिए वीआईपीयों का प्रवेश इसी गेट से होता है। तो यह स्पष्ट तौर पर दिख रहा है कि सिविल प्रशासन के लोग योगी सरकार को खुश करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
क्या कहते हैं चिकित्सा अधीक्षक
सिविल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशुतोष दुबे का कहना है कि वर्ष 1996 से अस्पताल का यही रंग है। रंग गायब होने के चलते उसके वास्तिवक रंग से रंगवाया गया है। हम लोग अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने में लगे हैं। उन्होंने भगवाकरण की बात पूरी तरह से काट दी।