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Amethi News: निःशुल्क इलाज का दावा अमेठी सीएचसी में हो रहा है खोखला साबित

Amethi News: प्रदेश सरकार का बेहतर एवं निः शुल्क इलाज देने का दावा अमेठी सीएचसी में खोखला साबित हो रहा है। अस्पताल में कमीशन खोरी के चलते बाहर की दवा लिखकर आर्थिक शोषण किया जा रहा है।

Surya Bhan Dwivedi
Published on: 13 Feb 2023 5:49 PM GMT
The claim of free treatment is proving hollow in Amethi CHC
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अमेठी: सीएचसी में निःशुल्क इलाज का दावा झूठा साबित

Amethi News: प्रदेश सरकार का बेहतर एवं निः शुल्क इलाज देने का दावा अमेठी सीएचसी में खोखला साबित हो रहा है। अस्पताल में कमीशन खोरी के चलते इलाज कराने आ रहे मरीजों को बाहर की दवा लिखकर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। यही नहीं खुलेआम एमआर दवा कंपनियों की मार्केटिंग और सेलिंग करने का काम अस्पताल में करते देखे जा सकता है। यहां तक मरीजों को इंजेक्शन लगाने का काम करते संविदा सफाई कर्मी को भी देखा गया। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर जिम्मेदार अधिकारी भी जांच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

सामुदायिक स्वास्थ केंद्र अमेठी में सीएम योगी के निर्देशों की खुलकर अनदेखी की जा रही है। निशुल्क इलाज की उम्मीद लगाए ग्रामीण अंचलों और दूरदराज इलाकों से आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों के साथ खुलेआम आर्थिक शोषण हो रहा है। अस्पताल में दवाएं मौजूद होने के बावजूद भी तैनात फार्मासिस्ट बहार मेडिकल की दवा लिख रहे हैं। जिसे लेने के लिए इन मरीजों और तीमारदारों को मजबूर होना पड़ रहा है।फार्मासिस्ट एवं दवा कंपनी के एमआर खुलेआम मरीजों के सामने दवा की डिलिंग कर रहे है। हद तो तब हो गई जब सफाई कर्मी मरीजों को इंजेक्शन लगा रहा है।

वहीँ वही स्थानीय मरीज प्रज्ञा पांडे ने बताया की आज हम रविवार के दिन अमेठी सरकारी अस्पताल में आए हैं। इलाज करवाने। पाठक सर को दिखा रहे हैं ।पाठक जी का नाम नहीं जानती हूं। मै पिछली बार भी रविवार को दिखाई थी। जब से पहली बार पाठक जी को दिखाई हूं तब से मुझे बहुत आराम है। आज हम अपने पैर से अस्पताल चलकर आए हैं। हमें बहुत आराम है।

फार्मासिस्ट से दवा की सेटिंग कर रहा एजेंट

अस्पताल में हो रही कमीशन खोरी को तब और बल मिल गया जब अस्पताल के अंदर फार्मेसी कंपनी के दवाओं की मार्केटिंग करने के लिए एमआर घूमता नजर आया। एमआर बताता है कि वह डॉक्टर साहब को अपनी कंपनी की दवा को दिखाने आया था।ताकि उसकी मार्केटिंग और सेलिंग हो सके जब उससे पूछा गया कि तुम क्या यहां दबा देते हो तो उसने बताया कि दवा देने का काम दूसरा व्यक्ति आकर करता है। जिससे साफ जाहिर होता है कि जिला अस्पताल में तैनात सरकारी डॉक्टर बाहर की दबाव को लिखने और बेचने में कितनी दिलचस्पी दिखाते हैं।तस्वीरों में भी साफ देखा जा सकता है की फार्मासिस्ट दवा एजेंट से कैसे सेटिंग बना रहा है।यह कहीं ना कहीं अस्पताल में हो रही कमीशन खोरी की कहानी को बयां करता है।

सफाई कर्मी मरीजों को लगा रहा इंजेक्शन

हद तो तब हो गई जबअस्पताल में तैनात संविदा सफाई कर्मी इंजेक्शन लगाते देखा गया। जो कहीं ना कहीं अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही को भी उजागर करता है। एक सविदा सफाई कर्मी का काम इंजेक्शन लगाने का ना होने के बावजूद भी वह अस्पताल में आने वाले मरीजों को इंजेक्शन लगा रहा है, जो कहीं ना कहीं मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ भी है।

चिकित्सक मामले से है बेखबर

वही फार्मासिस्ट के इलाज को लेकर अधीक्षक डॉक्टर सौरभ सिंह ने बताया कि फार्मासिस्ट दवा करने के लिए अलाऊ नहीं है। सिर्फ एलाऊ है तो इंजेक्शन लगाने के लिए ।बाहर की दवा हो चाहे अंदर की दवा हो वो कोई भी दवा नहीं लगा सकते ।सिर्फ इंजेक्शन लगाना ही उनका काम है। यदि उन्होंने ऐसा किया है ।तो उनको पत्र देकर उनके ऊपर कार्यवाही करेंगे।

पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विमलेश शेखर ने बताया कि पूरे मामले की जांच करा कर अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा जांच में दोषी पाए जाने वाले कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।

Shashi kant gautam

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