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Sonbhadra News: कक्षा सात की छात्रा का अपहरण कर किया था दुष्कर्म, बीस वर्ष कैद की मिली सजा

Sonbhadra News: तीन वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की को अगवा कर दुष्कर्म (Kidnappe and Rape) करने के मामले में अदालत ने दोषी को बीस वर्ष कैद की सजा सुनाई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 5 May 2022 3:13 PM GMT
Sonbhadra News: कक्षा सात की छात्रा का अपहरण कर किया था दुष्कर्म, बीस वर्ष कैद की मिली सजा
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Sonbhadra News: तीन वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की को अगवा कर दुष्कर्म (Kidnappe and Rape) करने के मामले में अदालत ने दोषी को बीस वर्ष कैद की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो की अदालत ने बृहस्पतिवार को यह फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई करते समय अदालत न आरोपी रवि उर्फ रविशंकर को अपहरण तथा दुष्कर्म का दोषी पाया। दोषसिद्धि के आधार पर 20 वर्ष का कारावास और 65 हजार अर्थदंड की सजा (penalty sentence) सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक वर्ष के अतिरिक्त कैद का आदेश पारित किया गया। अर्थदंड जमा होने के बाद, पूरी धनराशि पीड़िता को दी जाएगी।

कुछ यह है घटनाक्रम

अभियोजन कथानक के शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने शाहगंज थाने पहुंचकर 17 मार्च 2019 को एक तहरीर दी। उसमें अवगत कराया कि उसकी 14 वर्षीय बेटी जो कक्षा सात की छात्रा है। 10-11 मार्च 2019 की भोर में चार बजे से गायब है। शक जताया कि उसके गायब होने में रवि उर्फ रविशंकर पुत्र सुरेश सिंह निवासी कोलकाड़ी थाना शाहगंज का हाथ हो सकता है। पुलिस को यह भी अवगत कराया कि उसने नात रिश्तेदारों के अलावा हर संभावित जगहों पर खोजबीन की लेकिन बेटी का कहीं पता नहीं चल पा रहा। इस पर पुलिस ने अपहरण एवं पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की।

दौरान विवेचना आरोपी की गिरफ्तारी की गई और उसके कब्जे से पीड़िता को बरामद किया गया। इसके बाद पीड़िता के बयान एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर विवेचना पूरी करते हुए चार्जशीट रवि उर्फ रविशंकर के खिलाफ न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गई। वहां मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन किया। किए गए अपराध की परिस्थितियां जांची।

इसके आधार पर रवि पर दोषसिद्ध पाते हुए उसे 20 वर्ष की कैद और 65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। जेल में बिताई गई अवधि को नियमानुसार सजा में समाहित करने के लिए कहा गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि और सत्य प्रकाश त्रिपाठी एडवोकेट ने मामले की पैरवी की।

Shashi kant gautam

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