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Hathras Bhagdad: 'भोले बाबा' को क्लीन चिट, भगदड़ के लिए न्यायिक आयोग ने पुलिस और आयोजकों को बताया जिम्मेदार

Hathras Stampede: सत्संग के दौरान हाथरस में हुए भगदड़ मामले को लेकर भोले बाबा उर्फ़ नारायण सरकार को क्लीन चिट मिल गई है।

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Newstrack Network
Published on: 21 Feb 2025 12:27 PM IST (Updated on: 21 Feb 2025 12:44 PM IST)
Hathras Stampede
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Hathras Bhagdad: हाथरस भगदड़ मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को क्लीन चिट दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, भगदड़ के लिए पुलिस और सत्संग आयोजकों की लापरवाही जिम्मेदार रही। इस घटना में 121 लोगों की मौत हुई थी। सूत्रों के अनुसार, न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसे सदन में रखने की मंजूरी मिल गई। रिपोर्ट में कहा गया कि पुलिस को आयोजन स्थल पर बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करना चाहिए था। साथ ही, आयोजकों को भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए थी।

आयोग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सिफारिशें दी हैं। इसमें प्रमुख रूप से पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रत्येक आयोजन स्थल का निरीक्षण और आयोजकों को अनुमति शर्तों का कड़ाई से पालन कराने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इन सिफारिशों का उद्देश्य भविष्य में इस तरह की त्रासदियों को रोकना है।

2 जुलाई 2024 हुई थी भगदड़

हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में 2 जुलाई 2024 को हुए सत्संग में मची भगदड़ में 121 से अधिक श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। इस दर्दनाक घटना की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया, जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव कर रहे हैं। उनके साथ सेवानिवृत्त आईएएस हेमंत राव और सेवानिवृत्त आईपीएस भावेश कुमार सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया।

भोले बाबा द्वारा कराया गया था सत्संग

इस सत्संग का आयोजन साकार नारायण विश्व हरि उर्फ भोले बाबा द्वारा किया गया था। साकार हरि मूल रूप से कासगंज जिले के बहादुरनगर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने करीब 26 साल पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर आध्यात्मिक प्रवचन देना शुरू किया। वे खुद को इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) का पूर्व अधिकारी बताते हैं। मैनपुरी में स्थित उनके आश्रम का क्षेत्रफल 21 बीघा में फैला हुआ है। 2014 तक वे अपने पैतृक गांव में ही सत्संग करते थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने देशभर में प्रवचन यात्राएं शुरू कीं।

साकार हरि का नाम 2000 में एक विवादित मामले में सामने आया था, जिसमें उन्हें चमत्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। उनके प्रवचनों में उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड से भी बड़ी संख्या में अनुयायी शामिल होते हैं।



Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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