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फोटोग्राफी तक सीमित स्वच्छ भारत मिशन योजना

raghvendra
Published on: 14 Feb 2020 10:36 AM GMT
फोटोग्राफी तक सीमित स्वच्छ भारत मिशन योजना
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कपिल देव मौर्य

जौनपुर: स्वच्छ भारत मिशन योजना जौनपुर में दम तोड़ता नजर आ रहा है। वजह ये है कि जिला प्रशासन और नगर पालिका के जिम्मेदारों ने जमीनी स्तर पर सफाई के काम की बजाए कागजी बाजीगरी पर ज्यादा ध्यान लगाया है। सफाई का काम मुख्यालय की मुख्य सडक़ों तक ही सीमित है। गलियों और मुहल्लों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। मुहल्लों में जहां-तहां कूड़े के ढेर देखे जा सकते हैं।

नगर पालिका परिषद जौनपुर में कुल 39 वार्ड हैं जिसमें 8 वार्ड विगत चुनाव के समय नये बनाये गये थे। शहर के भीतर नगर पालिका क्षेत्र में 31 वार्डों के आस पास सडक़ों पर सफाई कराके प्रशासन के शीर्ष अधिकारी और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अपनी फोटो ख्ंिाचवाने में जुटे रहते हैं। रात्रि कालीन सफाई अभियान चलाकर सोशल मीडिया पर फोटो वायरल कराई जाती है लेकिन सच ये है कि नगर पालिका क्षेत्र के मुहल्लों की गलियां आज भी जस की तस गंदी ही हैं। नगर पालिका क्षेत्र में जुड़े 8 नये वार्डों की भी यही हालत है। नये वार्डों में लगभग 1.50 लाख की आबादी रहती है। नये वार्डों में सफाई के अलावा नाली, सडक़ अथवा शुद्ध पेय जल की व्यवस्था तक नहीं की गई है। इन वार्डों का गठन हुए लगभग तीन साल होने को हैं।

जिला प्रशासन के अधीन राजकीय कालोनी और पार्क की दशा बेहद खराब है। राजकीय कालोनी में जगह जगह कूड़े के ढेर हैं, सडक़ें टूटी हुई हैं। पार्क की सफाई के लिए नोडल अधिकारी बनाये गये मुख्य राजस्व अधिकारी के आवास के सामने बने सुमित्रा नन्दन पार्क तक में गंदगी का साम्राज्य है। पार्क को सरकारी कर्मचारियों ने अपने जानवरों के लिए गौशाला बना कर रख दिया है। शहर के बीचोंबीच बाईपास मार्ग पर नये पुल से धर्माविला तक सडक़ के दोनों की खाली जगह को कूड़े का डंपिंग ग्राउंड बना दिया गया है जिसके कारण पूरा वातावरण प्रदूषित रहता है।

भारत सरकार द्वारा सफाई के बाबत सर्वे रिपोर्ट मांगी गई है। आम जनता से सफाई के बाबत रेटिंग कराई जा रही है। आरोप है कि नगर पालिका के ईओ और पालिका के तमाम कर्मचारी मुहल्लों में नगर वासियों के मोबाइल नम्बर लेकर कोड जारी कर खुद ही सफाई की रेटिंग कर रहे हैं।

सब जगह यही हाल

शाहगंज, मुंगराबादशाहपुर, केराकत, मछलीशहर, खेतासराय, जफराबाद, मडिय़ाहूं, बदलापुर में भी सफाई व्यवस्था बदहाल है। गांवों को पूरी तरह से नजरंदाज किया गया है। कहने को तो गांवो में सफाई कर्मी तैनात हैं लेकिन इसमें भी सब कागजी खेल है। जिलाधिकारी द्वारा गांवों में तैनात सफाई कर्मियों को गांवों में रहने का आदेश तो दिया है लेकिन सफाईकर्मी इस आदेश का पालन नहीं कर रहे है और जिला प्रशासन कुछ भी नहीं कर पा रहा है।

सफाई के लिए नोडल अधिकारी बनाये गये मुख्य राजस्व अधिकारी का कहना है कि जनपद को स्वच्छ रखने के लिए अभियान जारी है। जब तक जनता सहयोग नहीं करेगी तब तक इस अभियान की सफलता कठिन होगी। अभियान से कुछ तो लाभ हुआ है कि शहर साफ सुथरा दिख रहा है। नगर पालिका की अध्यक्ष श्रीमती माया टंडन ने बताया कि शासन से मिले बजट के तहत नये वार्डों के विकास एवं साफ सफाई की योजना बनायी गयी है लेकिन सफाई कर्मियों की कमी के कारण नये वार्डों में सफाई व्यवस्था प्रभावित है। ग्रामीण क्षेत्रों में गांवों में सफाई के बारे में डीपीआरओ ने कहा कि कहीं कोई समस्या है तो प्रधान मुझसे बताएं, समस्या का निराकरण होगा।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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