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कुछ पक रहा हैः मुलायम से मिलने के बाद CM अखिलेश-PK में चली 3 घंटे मीटिंग

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Published on: 7 Nov 2016 11:59 AM GMT
कुछ पक रहा हैः मुलायम से मिलने के बाद CM अखिलेश-PK में चली 3 घंटे मीटिंग
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लखनऊ: यूपी में बीजेपी को शिकस्त देने के लिए क्‍या खिचड़ी पक रही है अभी कुछ नहीं पता। सोमवार को मुलायम अखिलेश में 45 मिनट तक मीटिंग के बाद सीएम अखिलेश और कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ 3 घंटे तक मीटिंग हुई है।

इस मीटिंग से यह कयास लागाए जा रहे हैं कि कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन हो सकता है। इसके साथ ही इस मीटिंग के बाद यह भी तय हुआ है कि अगली मीटिंग में सपा और कांग्रेस के बड़े नेता भी शामिल होंगे।

अगर सपा कांग्रेस चाहेगा तो कौन रोकेगा गठबंधन

सीएम अखिलेश सोमवार सुबह खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के आवास पर गए थे। प्रजापति के पिता का निधन हो गया है। सीएम इसी को लेकर उनसे मिलने गए थे। उन्होंने वहां संवाददाताओं से कहा कि महागठबंधन पर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव लेंगे लेकिन यदि सपा और कांग्रेस गठबंधन करना चाहते हैं तो उसे कौन रोक लेगा।

अखिलेश ने कहा कि किसी भी गठबंधन में पहले ये देखना होगा कि कितना नफा नुकसान होगा । वो महागठबंधन पर अपनी बात पार्टी के मंच पर ही रखेंगे। हालांकि इस मामले में पार्टी अध्यक्ष से उनकी बात हुई है।

क्या हुआ था5 नवंबर को

5 नवंबर को सपा के रजत जयंती समारोह में अलग अलग गुट में बंटे पुराने समाजवादी एक मंच पर आए थे लेकिन कांग्रेस को इसमें न्यौता नहीं दिया गया था। समारोह में आए जनतादल यू,जनतादल एस,राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोकदल और इंडियन नेशनल लोकदल के नेताओं ने एक सुर से होने वाले चुनाव में महागठबंधन की वकालत की थी और कहा था कि सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ऐसा कर पाने में सक्षम हैं।

अब सवाल ये उठ रहा है कि सपा 5 नवंबर को समाजवादी मंच पर इकट्ठा हुए विभिन्‍न दलों के साथ मिलकर महागठबंधन बनाएगी या फिर कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन बनाएगी ? बहरहाल, बीजेपी के खिलाफ सपा की अगली रणनीति क्‍या होगी इस सवाल का जवाब अभी भी अंधेरे में ही है।

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मुलायम के टच में हैंं पीके

-प्रशांत किशोर गठबंधन को लेकर मुलायम सिंह से कई बार मुलाकात कर चुके हैं।

-इससे पहले मुलायम सिंह के साथ पीके की दो बार मुलाकात हो चुकी है।

-6 नवंबर को शिवपाल यादव की मौजूदगी में दो फेज में दोनों के बीच करीब 6 घंटे बातचीत हुई।

-इस मीटिंग में अखिलेश को भी होना था लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे थे।

-1 नवंबर को दिल्‍ली में मुलायम और प्रशांत की मुलाकात हुई थी।

-इन सभी मुलाकातों के पीछे अमर सिंह का बड़ा रोल बताया जा रहा है।

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दिल्‍ली में केसी त्‍यागी के घर पर मुलायम सिंह से मिले थे पीके...

मुलायम से पीके की मुलाकात ने भी किया था इशारा

-संभवत: अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर संकेत यूपी में कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के सपा अध्यक्ष से मुलाकात को लेकर ही दिए हैं।

-प्रशांत किशोर दिल्ली में जदयू के सांसद के सी त्यागी के आवास पर सपा अध्यक्ष से मिले थे और गठबंधन पर चर्चा की थी।

-उसी बातचीत के बाद ये बात सामने आई कि कांग्रेस की ओर से 125 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की गई है।

-मुलाकात सपा महासचिव अमर सिंह ने कराई थी।

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गुरुवार को पीके पर क्‍या बोले थे राज बब्‍बर

यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से बात करने पर ही सवाल उठा चुके हैं। गुरुवार को उन्‍होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान था कहा कि पीके किस हैसियत से सपा अध्यक्ष से मिलने गए थे। राज बब्‍बर ने कहा कि क्या उनसे किसी ने ऐसा करने को कहा था।

राज बब्बर ने कहा कि पार्टी के महासचिव और यूपी मामले के प्रभारी गुलाम नबी आजाद बुधवार को लगभग चार घंटे उनके साथ थे। उन्होंने चुनाव में प्रचार के तरीके और अन्य मामलों पर बात की लेकिन महागठबंधन को लेकर कोई भी चर्चा नहीं की। यदि ऐसी कोई कवायद हो रही थी तो वो जरूर इस मामले में बात करते।

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