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फिर जिंदा हो रहे तालाब, तो क्या अब बुझेगी बुंदेलखंड की प्यास?
महोबा: एक कहावत है, 'का वर्षा जब कृषि सुखाने'। मीलों पानी की तलाश में भटकने वाले बुंदेलखंड के लोगों की प्यास बुझाने के लिए अब यूपी सरकार तालाब खुदवा रही है। सीएम अखिलेश यादव तालाब खुदाई का जायजा लेने शनिवार को महोबा पहुंचे। उन्होंने चरखारी इलाके में तालाबों का निरीक्षण किया।
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तालाबों की खुदाई का चल रहा काम
-उन्होंने सिंचाई और पीने के पानी का स्रोत रहे तालाबों को फिर से जीवित करने का फैसला किया है।
-इसी क्रम में 100 से ज्यादा तालाबों के खुदाई का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है।
-सीएम के साथ डीएम वीरेश्वर सिंह और पुलिस कप्तान गौरव सिंह सहित आला अधिकारियों मौजूद रहे।
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-मेला ग्राउंड में सिंचाई विभाग ने बुंदेलखंड के 100 तालाबों का प्रजेंटेशन दिखाया। वे जनप्रतिनिधियों से भी मिले।
-चरखारी के 8 तालाबों की खुदाई का काम सिंचाई विभाग युद्धस्तर पर करा रहा है ।
-इसका मकसद बरसात के पानी का भंडारण करना है। तालाबों का गहरीकरण किया जा रहा है। इसका मानक एक मीटर से दो मीटर तक है।
और क्या कहा सीएम ने?
-चरखारी जनसभा में सीएम ने कहा "मैं यहां की जनता और इरीगेशन विभाग के अधिकारियों को उनके सहयोग और काम के लिए बधाई देता हूं।
-मैं दीपक सिंघल और उनकी टीम को बधाई देता हूं ।"
-100 बड़े तालाब बुंदेलखंड में खुदवा रहे हैं।
-सीएम ने कहा कि वह बुंदेलखंड में जल संकट नहीं होने देंगे।
-ओलावृष्टि और सूखे से किसान परेशान हैं।-सरकार ने उनकी मदद करने का काम किया है, पानी बचाने की जरूरत है।
डैम बनवा रहे हैं । कोशिश है खेतों तक पानी पहुंचाने की और इसके लिए हम लगातार काम करेंगे।
-समाजवादी पेंशन से बुंदेलखंड की मदद की।
-पर्यावरण और नदियों को बचाने का काम हो रहा है।
-पूरे प्रदेश में एक दिन में पांच करोड़ पेड़ लगाने का रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
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