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CM ने बदली बुंदेलखंड की तस्वीर, लोगों ने कहा- रहेंगे हमेशा कर्जदार
महोबाः सीएम अखिलेश यादव ने बुंदेलखंड के लोगों को सूखे से निजात दिलाने और पानी के भण्डारण क्षमता हो बढ़ाने के लिए तालाबों की खुदाई का काम कराया। इस काम को सीएम ने अपनी देखरेख में कराया। आज यहां के तालाब पानी से लबालब भरे है, जिससे महोबा में वाटर लेवल भी बढ़ गया है। पुराने तालाबों की खुदाई ने बुंदेलखंड का कश्मीर कहे जाने वाले चरखारी की तस्वीर को फिर से हरा कर दिया है। यहां के लोग सीएम के इस काम की सराहना कर रहे हैं।
सीएम ने शुरू कराई तालाबों की खुदाई
महोबा में सूखे से बिगड़े हालात पर केंद्र और प्रदेश सरकार एक दूसरे के ऊपर हमलावर हो गई थी। इस सियासत में वॉटर ट्रेन की सियासी चाल भी देखने को मिली। इन सब बातों से इतर सीएम ने बुंदेलखंड के सूखे को चुनौती के रूप में लिया। सभी जिलो में तालाबो के गहरीकरण के लिए खुदाई का काम युद्ध स्तर पर शुरू करा दिया।
सीएम ने किया था वादा
इसको गंभीरता से लेते हुए सीएम ने न केवल यहां के चंदेलकालीन तालाबों की खुदाई का काम शुरू कराया बल्कि इस काम को देखने के लिए खुद दो महीने पहले महोबा के चरखारी आए थे। उन्होंने इस दौरान लोगों से वादा किया था कि आगे आने वाले समय में महोबा को पानी की किल्लत से जूझना नहीं पड़ेगा। पुराने समय में खोदें गए तालाबों को 200 साल के बाद सीएम ने कायाकल्प कराया है।
सूखे ने छीनी चरखारी की सुंदरता
झीलों और तालाबों से घिरे महोबा के चरखारी गांव की सुंदरता को देखकर राज्य के पहले सीएम ने इसे बुंदेलखंड का कश्मीर कहा था, लेकिन बदलते परिवेश और सूखे के संकट ने महोबा शहर और चरखारी की न केवल सुंदरता को खत्म कर दिया बल्कि सूखे से बदहाली के हालत भी शुरू हो गए। सूखे की वजह से चरखारी के सभी 8 तालाब जल विहीन हो गए नतीजन घटता जलस्तर यहां के लोगो के लिए परेशानी का सबब बन गया। यहां की पेयजल समस्या और सूखे ने राज्य में सियासी हलचल मचा दी।
बुंदेलखंड रहेगा हमेशा सीएम का कर्जदार
तालाबों में भरा पानी चरखारी की खुशनवा तस्वीर को और भी सुहावन कर रहा है। सावन के शुरुआत में पानी के भण्डारण से वाटर लेवल भी सामान्य हो रहा है। चरखारी के इतिहासकार खेमराज पाठक राज्य सरकार द्वारा महोबा और चरखारी को ऐतिहासिक सौगात दिए जाने पर कहा कि बुंदेलखंड सीएम का हमेशा कर्जदार रहेगा।
राजाओं ने बनवाया था तालाब
पुराने समय में लोगों को भरपूर पानी मिले इसके लिए तत्कालीन राजाओं ने अपने-अपने शासनकाल में तालाबों का निर्माण कराया था। दूरगामी सोच के साथ राजाओं का यह बेशकीमती उपहार आज भी धरोहर के रूप में मौजूद है। जो जल संचय का पुख्ता साधन है।
क्या कहते हैं इतिहासकार खेमराज पाठक?
-चरखारी के पहले शासक महाराजा खुमान सिंह थे।
-उन्होंने 1761 से 1782 तक यहां राज किया।
-अपने शासन कल में किले के ऊपर 7 तालाब बनाकर उसमें घाटों का निमार्ण कराया।
-इनके बाद दूसरे राजा रहे महाराजा जयसिंह 1816 से 1820 के बीच विजयसागर तालाब बनवाया।
-इसे आज कोठी तालाब के नाम से जाना जाता है।
-वहीं महाराजा रतन सिंह ने 1845 से 1850 के बीच रतन सागर तालाब का निर्माण कराया।
-1870 से 1875 के बीच जयसागर तालाब बनवाया गया।
-महाराजा मलखान सिंह ने 1890 और 1892 के बीच मलखान सागर तालाब बनवाया।