×

UP News: पुरानी फाइल से! मुख्यमंत्री गुप्त को एक ‘इमेज मैनेजर‘ की तलाश

UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्त ने अपनी इमेज को सुधारने के लिए एक 'इमेज मैनेजर' की तलाश शुरू की है। उन्होंने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए मीडिया इंटरनेटिंग कंपनियों और मार्केटिंग एजेंसियों से सलाह ली है।

Yogesh Mishra
Published on: 10 May 2023 3:55 PM GMT (Updated on: 10 May 2023 4:16 PM GMT)
UP News: पुरानी फाइल से! मुख्यमंत्री गुप्त को एक ‘इमेज मैनेजर‘ की तलाश
X
up chief minister ram prakash gupta (social media)

Ram Prakash Gupta: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्त इन दिनों मीडिया द्वारा बनाई जा रही अपनी छवि को लेकर खासे परेशान हैं। उन्हें लगता है कि सरकार का सूचना और जनसंपर्क तंत्र इसके लिए जिम्मेदार है। वह मानते हैं कि यह तंत्र जनता के बीच उनकी और उनकी सरकार की सही छवि प्रस्तुत करने में नाकाम रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री का मानना है कि सूचना तंत्र को भी पूरी तरह दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह विशेषज्ञता का क्षेत्र है जबकि सरकारी तंत्र की अपनी सीमाएं हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री गुप्त अब एक मीडिया सलाहकार की तलाश में हैं, जो उनकी और सरकार की धुंधलाती छवि में चार चांद लगा सके।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार श्री गुप्त ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल के मीडिया प्रबंधन का अध्ययन कराना शुरु कर दिया है। अध्ययन में यह पाया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के कार्यकाल में सरकार के क्रियाकलाप तो खासे विवादित थे ही, इसके अलावा उनकी कार्यशैली के चलते विरोध भी काफी था । लेकिन मीडिया ने उनकी छवि लगातार एक मजबूत मुख्यमंत्री रुप में पेश की। इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, मायावती सभी के कार्यकाल में सरकार की छवि निखारने के लिए सूचना और जनसंपर्क विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाए गए। इस अभियान के तहत मुख्यमंत्री के तीन माह, छह माह और एक वर्ष पूरा करने के उपलक्ष्य में मीडिया अभियान चलाए गए। इसके अलावा सूचना तंत्र ने विशेष प्रकाशन भी किए। उनके कार्यकाल के एक वर्ष में 16 करोड़ रुपये विज्ञापन पर और 4.5 करोड़ रुपये प्रकाशन में खर्च किए गए थे।

दूसरी और मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्त का छह माह का कार्यकाल गुजर गया लेकिन अभी हाल में पर्यावरण दिवस पर छोटे से विज्ञापन के अलावा आज तक न तो कोई विशेष अभियान हुआ और न ही किसी विशेष प्रकाशन की व्यवस्था हो पाई। इसके चलते पिछले दिनों प्रदेश सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। मुख्यमंत्री पूरे अमले के साथ प्रदेश की वार्षिक योजना की बैठक में भाग लेने केंद्रीय योजना आयोग में उपस्थित थे उस समय प्रदेश सरकार द्वारा पंयाचत के क्षेत्र में किए गए सुधारों से संबंधित जो पुस्तिका योजना आयोग को दी गई उसके मुख्य पृष्ठ पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का चित्र छपा था। बाद में एक अधिकारी के सुझाव पर मुख्य पृष्ठ को फाड़ कर पुस्तिका जमा की गई। इसका पता चलने पर मुख्यमंत्री खासे नाराज हुए।

सूत्र बताते हैं कि राम प्रकाश गुप्त ने इस बात का भी संज्ञान लिया है कि कल्याण सिंह के कार्यकाल में दिल्ली से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र आब्जर्वर, जनसत्ता और इंडिया टुडे में भी प्रदेश सरकार के खासे प्रभावी विज्ञापन प्रकाशित हुए थे। सूत्र बताते हैं कि निजी क्षेत्र की जनसंपर्क एजेंसी रिडिफ्यूजन को भी कल्याण सरकार की छवि निखारने का जिम्मा प्रमुख सचिव की सलाह पर सौंपा गया था। इस एजेंसी ने पिकअप, नेडा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा जैसे कई निगमों की उपलब्धियों को आधार बनाकर सरकार की छवि सुधारने में काफी हद तक सफलता भी पाई है।
सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्त को भी कल्याण सिंह की तरह निजी क्षेत्र की बड़ी जनसंपर्क एजेंसियों से संपर्क साधने की सलाह दी गई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष उनकी अपनी पार्टी का उदाहरण भी रखा गया है। उन्हें बताया गया है कि भाजपा ने 1991 एवं 1996 के आम चुनाव में अपने विज्ञापन की कमान आर के स्वामी और राष्ट्रीय नामक विज्ञापन एजेंसियों को सौंपी थी।

लेकिन बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने इस सलाह को इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि उनके अपने कार्यकाल में अभी पिछले दिनों ही उद्योग बंधु ने प्रदेश में औद्योगिक वातातरण बनाने और पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी परफेक्ट रिलेशंस को सौंपी गई थी। इस एजेंसी ने इस संदर्भ में दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर में एक गोष्ठी भी आयोजित कराई । लेकिन यह गोष्ठी उद्देश्य हासिल करने में पूरी तरह विफल रही। एजेंसी प्रदेश सरकार द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों को भी ठीक से पूरा नहीं कर सकी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्त ने पिछले दिनों राजधानी की यात्रा के दौरान यह बात जोर देकर कही थी कि उनकी और उनकी सरकार के कार्यकलाप तो ठीक हैं मगर उनका मीडिया प्रबंधन ठीक नहीं है।
(मूल रूप से दैनिक जागरण के नई दिल्ली संस्करण में दिनांक 08 जून, 2000 को प्रकाशित)

Yogesh Mishra

Yogesh Mishra

Next Story