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चुनौतियों का साल होगा 2018, सीएम योगी देंगे इस साल हर घड़ी परीक्षा
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और खासकर सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए साल 2017 भले ही खुशियों भरा रहा हो पर साल 2018 अब उनकी कड़ी परीक्षा लेगा। कई ऐसे वादे
लखनऊ:उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और खासकर सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए साल 2017 भले ही खुशियों भरा रहा हो पर साल 2018 अब उनकी कड़ी परीक्षा लेगा। कई ऐसे वादे और दावे हैं जो इस बार अब मुंह खोलकर अपने पूरे होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। दरअसल इस साल को यूपी में 2019 की नींव माना जा रहा है यही वजह है कि योगी सरकार के लिए यह साल काफी खास होने के साथ चुनौतियों भरा होने वाला है।
2017 में मिली खुशियां
योगी सरकार और खुद मुख्यमंत्री को साल 2017 में कई खुशियां नसीब हुई। सबसे पहले तो जनता ने भाजपा को 14 साल के वनवास के बाद सत्ता सौंपी वहीं योगी सरकार के हर फैसले को बिना लाग लपेट माना गया। दरअसल मुद्दा चाहे अवैध स्लाटर हाउस का रहा हो, पिछली सरकारों की जांच का या फिर एंटी रोमियो स्कवाड का सबको जनता ने सिर आंखों पर बैठाय़ा। गड्ढा मुक्ति की डेडलाइन खत्म होने और काम न होने को भी जनता ने नज़रअंदाज कर दिया। वहीं साल 2017 के जाते जाते नगर निगम में मिली जीत ने भाजपा के शासन और खुद योगी आदित्यनाथ को स्थापित कर दिया। वहीं अब इनमें से ही बहुत से फैसले योगी सरकार को नए साल में चुनौतियों की शक्ल में मिलने वाले है।
वादे होंगे चुनौतियां
खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 उम्मीदों का साल बता दिया है। उन्होंने युवाओं को भरोसा दिलाया है कि 2018 में यूपी में नौकरियों की बरसात होगी। इन नौकरियों की उपलब्धता और पारदर्शिता दोनों कसौटी पर होगी। जिस तरह से एनएचएम में घोटाले की खबर सामने आई है वो अलार्म है अगर सरकार समझे। इसके अलावा हनीमून पीरियड खत्म हो गया है अब विपक्षी पूरी धार से सरकार पर वार करेंगे। बिजली की उपलब्धता के दावे को लेकर सरकार की बात लोगों की कसौटी पर होगी। सरकार ने फिर से सूबे के सारी सड़कों को गड़्ढामुक्त करने की बात की है पिछली बार तो सरकार नई है के जोर से यह डेडलाइन नज़रअंदाज कर दी गयी पर इस बार जनता की निगाहें सरकार के वादे और उसके पूरे होने पर टिकी हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव अगर समय पर भी होते हैं तो सितंबर 2018 से ही लोकसभा की रेस शुरु हो जाएगी। पिछले लोकसभा चुनाव में 73 सीटें जीतने के बाद यूपी से पार्टी को उम्मीद है ऐसे में यहां पर चुनौती बेहद ज्यादा होगी।