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गोरखपुर में CM योगी का दावा, UP में अब 2.25 लाख एक्टिव केस

इस समय देश में कोरोना का कहर जारी है तो वहीं दूसरी ओर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि यूपी में 30 अप्रैल से कोरोना एक्टिव केस में तेजी से कमी देखने को मिला है।

Purnima Srivastava
Reporter Purnima SrivastavaPublished By Shweta
Published on: 10 May 2021 11:51 AM GMT (Updated on: 10 May 2021 11:56 AM GMT)
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गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रदेश में वृहद स्तर पर चलाए गए अर्ली अग्रेसिव ट्रेस टेस्ट और ट्रीट अभियान के व्यापक परिणाम सामने आए हैं। पिछले दस दिनों में राज्य में कोरोना के एक्टिव केस में 85000 से अधिक की कमी आई है। कोरोना के फर्स्ट वेव में उत्तर प्रदेश ने बेहतर मुकाबला किया था सेकंड वेव में भी उसी प्रबंधन के साथ काम किया जा रहा है।सीएम योगी सोमवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोविड नियंत्रण को लेकर गोरखपुर-बस्ती मंडल की समीक्षा बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

बता दें कि उन्होंने कहा कि कोरोना के सेकंड वेव के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूरे देश मे बड़ी मजबूती से अभियान चल रहा है। देश मे सबसे अधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश भी कोरोना से पूरी मजबूती से लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बड़े बड़े विशेषज्ञ यह आशंका जता रहे थे कि उत्तर प्रदेश में 5 से 10 मई के बीच प्रतिदिन 1 लाख कोरोना केस आएंगे। लेकिन अर्ली अग्रेसिव ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट अभियान का परिणाम रहा कि आशंका के विपरीत आज 21 हजार एक्टिव केस हैं। कल यह संख्या 23 हजार थी। एक्टिव केस की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि कोरोना के फर्स्ट वेव में अधिकतम एक्टिव केस की संख्या 68 हजार और एक दिन में मिले केस की अधिकतम संख्या 7500 थी।

जबकि सेकंड वेव में 30 अप्रैल को अधिकतम एक्टिव केस की संख्या 3.10 लाख और एक दिन के अधिकतम केस की संख्या 24 अप्रैल को 38055 थी। स्पष्ट है कि सेकंड वेव में संक्रमण का फैलाव कई गुना ज्यादा था। इस रफ्तार के चलते ऑक्सीजन की मांग भी तेजी से बढ़ी। कोरोना के फर्स्ट वेव में ऑक्सीजन की डिमांड पूरी करने को मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट ही पर्याप्त थे। सेकंड वेव में अचानक मांग बढ़ गई। सीएम योगी ने पीएम मोदी को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उनके मार्गदर्शन में ऑक्सीजन की मांग को पूरी करने के लिए देश में पहली बार वायुसेना के विमानों से ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्स्ट वेव में 350 मीट्रिक टन तक लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन की जरूरत पड़ी थी लेकिन कल उत्तर प्रदेश में एक हजार मीट्रिक टन की आपूर्ति की गई।

सीएम योगी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सिन सबसे बड़ा अस्त्र है। उत्तर प्रदेश में 1.40 करोड़ लोगों का कोविड टीकाकरण हो चुका है। इसमें 1.38 करोड़ 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को तथा एक लाख से अधिक 18 वर्ष से 45 वर्ष के बीच के लोगों को टीका लगाया गया है। सीएम ने कहा कि आज से प्रदेश में 4000 केंद्रों पर 45 वर्ष से अधिक के लोगों के लिए तथा 11 जिलों के 200 केंद्रों पर 18 वर्ष से अधिक के लोगों को बिना भेदभाव, निशुल्क टीका लगाया जा रहा है। 18 वर्ष से अधिक के लोगों को निशुल्क टीका प्रदेश सरकार और 45 वर्ष से अधिक के लोगों को केंद्र सरकार उपलब्ध करा रही है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के फर्स्ट वेव में जब उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में 500 बेड के डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का उदघाटन किया था। तब बहुत मरीज नहीं थे। बीच मे कुछ लोग इसे बंद करने को कहते थे लेकिन हमने इसे बंद नहीं होने दिया। गोरखपुर व पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों का जीवन बचाने में इस डेडिकेटेड कोविड अस्पताल, डॉक्टरों व अन्य स्टाफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अलग अलग जनपदों में भी ऐसा ही कार्य हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की रणनीतिक सफलता को कोरोना कर्फ्यू से जोड़ा गया है। इसके तहत आरआरटी, निगरानी समितियों को गांव गांव सक्रिय किया गया। हर गांव में कोविड स्क्रीनिंग हो रही है। आरआरटी एंटीजन टेस्ट कर रही है। लोगों को उनके घर तक मेडिकल किट पहुंचाई जा रही है। यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि किसी के पास होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं है तो गांव में ही क्वारन्टीन सेंटर बनाकर उसे यह सुविधा दी जाए। लोगों तक जितनी जल्द दवा व अन्य सुविधाएं पहुंचेंगी, मृत्यु दर उतनी ही कम होगी।

सीएम ने कहा एक-एक व्यक्ति का जीवन कीमती

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक एक व्यक्ति का जीवन कीमती है। सरकार इसे बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना से बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है। हाई रिस्क कटेगरी के लोग जैसे 10 साल तक के बच्चे, 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, एकब्से अधिक गम्भीर बीमारी से पीड़ित लोग घरों से बाहर न निकलें। घर पर भी मास्क लगाएं। अन्य लोग भी अनावश्यक बाहर जाने से बचें। जरूरी होने पर निकलना पड़े तो मास्क व ग्लब्स का इस्तेमाल अवश्य करें, दो गज की दूरी का पालन जरूर करें। कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर खुद के साथ समाज की सुरक्षा की जा सकती है। सीएम ने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

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