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CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- IAS अफसरों की दिखनी चाहिए परफॉर्मेंस
लखनऊ: राजधानी में गुरुवार (14 दिसंबर) को शुरू हुए आईएएस वीक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आईएएस अफसरों को नसीहत देते हुए कहा कि आप जिस जगह पर बैठे हैं, उसी हिसाब से परफॉर्मेंस भी दिखनी चाहिए।
हालिया आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच हुए विवाद की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि दूसरे कैडर के अफसरों की भी आप लोगों से शिकायत रहती है। यह कहते हुए वह मंच पर बैठे डीजीपी सुलेखान सिंह की तरफ मुखातिब हुए और कहा, क्यों ऐसा ही होता है ना? योगी ने साफ कहा कि आईएएस अफसरों से कोई खुश नहीं है। सीएम विधानभवन स्थित तिलक हाल में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
दिए गए ये प्रेजेंटेशन
-अपर मिशन निदेशक निखिल चन्द्र शुक्ला ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा भूमि विवाद के समाधान पर प्रेजेंटेशन दिया।
-डीएम गौतमबुद्धनगर बीएन सिंह ने डीएम वार रूम (War Against Ignorance And Misinformation) पर प्रस्तुति दी।
-डीएम गाजियाबाद ने ऊर्जा मित्र पर प्रेजेंटेशन दिया।
-डीएम/सीडीओ बिजनौर ने ओडीएफ पर प्रस्तुति दी।
-डीएम कन्नौज ने शैक्षिक गुणवत्ता संवद्धर्न के लिए नवाचार की स्थापना की जरूरत बताई।
ये हैं आईएएस वीक का कार्यक्रम
-14 दिसंबर को 10:00 से 1:30 बजे तक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का कांफ्रेंस।
-3:15 से 6:00 बजे तक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का कॉफ्रेंस।
-1:30 से 3:00 बजे तक सीएम आवास पर लंच।
-7:45 से 9:00 बजे तक राजभवन में डिनर।
-9:00 से 10:00 बजे तक राजभवन में सांस्कृतिक संध्या।
-15 दिसम्बर को 10:00 से 1:00 बजे तक सीएसआई में वार्षिक आम सभा।
-10:30 से 12:00 बजे तक स्पाउस मीट।
-1:30 से 3:00 बजे तक ग्रुप लंच।
-7:00 से 9:00 बजे तक सर्विस डिनर।
-7:30 से 10:30 बजे तक स्पाउस डिनर और सांस्कृतिक संध्या।
-16 दिसम्बर को 10 बजे से दो बजे तक IAS और IPS इलेवन के बीच क्रिकेट मैच।
-तीन से चार बजे तक फोटोग्राफी काम्पिटीशन।
-तीन से चार बजे तक फ्लावर अरेंजमेंट काम्पिटीशन।
-चार से पांच बजे तक चिल्ड्रेन्स क्वीज।
-पांच से छह बजे तक पेंटिंग/रंगोली कॉम्पिटीशन।
-7:30 से दस बजे तक डिनर और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
-17 दिसम्बर को 4:30 से 5:30 बजे तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सर्विस एट होम।
सीएम योगी ने अफसरों को दिखाया आईना
सीएम योगी ने अपने संबोधन में वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों को आईना दिखाते हुए कहा कि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन एक वरिष्ठ अधिकारी थे और उन्होंने ऐसे चुनाव सुधार लागू किए जो आज भी प्रशंसनीय हैं। उन्होंने इन्दौर के जिलाधिकारी के प्रयासों की भी प्रशंसा की। उनका कहना था कि सरकार ने अधिकारियों को काम करने की खुली छूट दे रखी है। पर राष्ट्रीय स्तर पर यूपी के नेतृत्व को बनाये रखने के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को और अधिक प्रयास करने होंगे।
डीएम जनप्रतिनिधियों से करें अच्छा व्यवहार
सीएम योगी ने डीएम, एसएसएपी, मण्डलायुक्त और शासन के अफसरों को अपनी कार्य प्रणाली को और सुचारु बनाने का सुझाव देते हुए कहा कि डीएम का जनप्रतिनिधियों से व्यवहार अच्छा होना चाहिए। जिलों की समस्याओं का समाधान जिलों में ही हो जाना चाहिए। डीएम जनता से संवाद बनाएं। जनता को गुणवत्तापरक प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए सत्ता का विकेन्द्रीकरण जरूरी है। यह सच है कि कोई भी व्यक्ति अकेले सारा कार्य नहीं कर सकता। विभागों के उप विभागों से ताल-मेल बनाने से काम आसान होगा, इससे कमिश्नरी स्तर पर भी अच्छे परिणाम आएंगे।
मिल रही हैं अवैध खनन की शिकायतें
योगी ने कहा कि कई जनपदों से अवैध खनन की शिकायतें अभी भी मिल रही हैं। सभी डीएम अपने-अपने जिलों में अवैध खनन पर रोक लगाएं। जहां अच्छे कार्य हुए हैं उनकी ‘सक्सेज स्टोरी’ प्रकाशित की जाए। आम जनता तक तथ्यात्मक जानकारी पहुंचे। सरकार अगले माह ‘सीएम हेल्पलाइन’ लागू कर रही है। शासन जनसमस्याओं के सुनवाई की स्थिति की माॅनीटरिंग भी करेगा।
उदयोग बंधु की बैठकें न होने पर गंभीर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागाध्यक्ष यह तय करें कि उनके विभाग प्रभावी ढंग से कार्य करें और लोगों को ‘गुड गवर्नेन्स’ से लाभान्वित करें। जिला उद्योग बन्धु की बैठकें आयोजित न हो पाने को गम्भीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि ये बैठकें पूरी गम्भीरता से आयोजित की जाएं। योगी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की गरिमा बनी रहनी चाहिए, पर उनकी जिम्मेदारियां भी तय की जानी चाहिए। समस्या समाधान पर उनका फोकस होना चाहिए।
आईएएस वीक में जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर हो मंथन
उन्होंने सुझाव दिया कि आईएएस वीक के दौरान जनता को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के तरीकों पर मंथन किया जाए। प्रशासन के मामले में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की सेवाएं सर्वाेच्च हैं। ऐसे में उन्हें अपनी कार्य प्रणाली का विशेष ध्यान रखते हुए अपनी गरिमा बनाए रखनी चाहिए। वरिष्ठ अधिकारी जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का वहन करते हुए योजनाओं को धरातल पर लागू करें।