TRENDING TAGS :
हिचकोले खाती सड़कों को देख सातवें आसमान पर पहुंचा CM का गुस्सा और फिर....
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कायाकल्प के लिए सरकारी मशीनरी पिछले चार सालों से कसरत कर रही है। शहर के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने खजाना खोल दिया है। लेकिन हकीकत ये है कि वर्ल्डक्लास तो छोड़िए, ये शहर सड़क जैसी बुनियादी समस्या से पार नहीं पाया है।
यह भी पढ़ें: ईनामी बीजेपी पार्षद को बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय ने लगाईं रोक
अपने 29 वें दौरे पर वाराणसी पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ जब शनिवार की आधी रात शहर में जारी विकास कार्यों की जमीनी हकीकत जानने निकले तो दंग रह गए। हिचकोले खाती सड़कें और उनमें भरा पानी, जगह-जगह ट्रैफिक की अव्यवस्था देख सीएम का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। नतीजा सीएम रात्रि भ्रमण कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर वापस लौट गए।
नहीं पहुंचे कबीरचौरा अस्पताल
तय कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री रात तकरीबन 10 बजकर 10 मिनट पर सर्किट हाउस से रात्रि भ्रमण पर निकले। सबसे पहले उनका काफिला लालपुर स्थित रिंगरोड के पास पहुंचा। लेकिन इस बीच सीएम का सामना विकास की जमीनी हकीकत से हुआ। सर्किट हाउस से निकले के कुछ दूरी पर ही जगह-जगह गड्ढ़ायुक्त सड़कें थी। सड़क पर सफाई व्यवस्था भी नदारद दिखी। सीएम जैसे-तैसे लालपुर स्थित रिंगरोड पहुंचें तो यहां लाइट का कोई इंतजाम नहीं किया गया था।
लिहाजा अंधेरे में ही पांच मिनट बिताने के बाद उनका काफिला गोईंठहा एसटीपी प्लांट पहुंचा। यहां उन्होंने अधिकारियों के साथ लगभग 15 मिनट बिताए और कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश के साथ सीएम सारनाथ के लिए निकल पड़े। बताया जा रहा है कि इस दौरान मुख्यमंत्री का सामना एक बार फिर खस्ताहाल सड़कों से हुआ।
दस मिनट की दूरी में सीएम को सड़क में बने बीस से ज्यादे गड्ढे झेलने पड़े। सीएम सारनाथ स्थित म्यूजियम पहुंचे। यहां उन्होंने फसाड़ लाइटें देखी और महज ढ़ाई मिनट में ही चलते बने। सूत्रों के मुताबिक शहर की अव्यवस्था से सीएम इस कदर नाराज थे किं रात्रि भ्रमण का कार्यक्रम तुरंत रद्द कर दिया और अधिकारियों को सर्किट हाउस लौट जाने का निर्देश दिया। जबकि कबीरचौरा अस्पताल में पहले से पुलिसकर्मी मौजूद थे और सीएम का इंतजार हो रहा था।
अधिकारियों को लगाई जमकर लताड़
अपने वाराणसी दौरे पर सीएम के तेवर इस बार अलग दिखे। बार-बार निर्देशों के बाद भी शहर की सूरत बदलती नहीं दिख रही है। यही नहीं जनवरी में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन से चिंता और बढ़ गई है। रात्रि भ्रमण से पहले सीएम ने अधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में तीन घंटे तक की मैराथन बैठक की। इस दौरान उन्होंने ध्वस्त ट्रैफिक व्यवस्था, को सुधारने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने साफ कह दिया कि अधूरे विकास कार्यों के लिए अब टाइमलाइन नहीं बढ़ाई जाएगी। जरुरत पड़े तो श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर कार्य किया जाए।