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सीएम योगी कर रहे थे अस्पताल का निरीक्षण, बगैर मास्क पहने बैठी थी महिला, तभी...
उत्तर प्रदेश में बुधवार को अस्पतालों में पहुंचकर मरीजों से फीडबैक लेने का सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार सुबह लखनऊ स्थित डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल पहुंचे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बुधवार को अस्पतालों में पहुंचकर मरीजों से फीडबैक लेने का सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार सुबह लखनऊ स्थित डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी गेट की तरफ से प्रवेश करने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इमरजेंसी के बाद आईसोलेशन वार्ड का भी निरीक्षण किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अस्पताल में करीब 20 मिनट रुके। इस दौरान अस्पताल के निदेशक डा. डीएस नेगी ने मुख्यमंत्री को अस्पताल में दी जा रही सेवाओं के बारे में बताया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने वहां भर्ती मरीजों व उनके परिजनों से फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने निदेशक से कहा कि सुनिश्चित करें कि ओपीडी और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को सुचारु रूप से इलाज मिलता रहे।
मरीजों से ली इलाज की जानकारी
अस्पताल में साफ-सफाई पर भी लगातार नजर बनाये रखें। इस दौरान मुख्यमंत्री जब ओपीडी हॉल के पास से गुजर रहे थे तो वहां पेट दर्द की शिकायत के साथ एक महिला मरीज सुमित्रा कुर्सी पर बैठी थी, उसके पास मास्क नहीं था, मुख्यमंत्री ने उससे बात की।
इसके बाद मरीज को तत्काल मास्क उपलब्ध कराया गया। आईसोलेशन वार्ड के निरीक्षण के समय निदेशक डा. डीएस नेगी के साथ ही आईसोलेशन वार्ड के प्रभारी व चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशुतोष दुबे भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कोरोना वार्ड में भर्ती संदिग्ध मरीजों से मिलकर उनके स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान साथ में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके पोरवाल भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को भी राजधानी के डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का आकस्मिक निरीक्षण किया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आम जनता से अस्पताल की सेवाओं की जानकारी प्राप्त की थी और चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के कार्य को राज्य सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण से निपटने के लिए और गति प्रदान की है। विभिन्न श्रेणी के कोविड अस्पतालों की स्थापना, वहां डॉक्टरों सहित हर स्तर के प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों की उपलब्धता, दवा एवं संक्रमण से बचाव वाले उपकरणों की व्यवस्था के साथ-साथ अन्य रोगियों के लिए टेलीमेडिसिन के द्वारा चिकित्सीय परामर्श तथा इमरजेंसी सेवाओं का संचालन कराया जा रहा है।