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जब सांसद थे सीएम तो कर्मचारियों के पक्ष में लिखा था पत्र, अब दिलाई जा रही उसकी याद
लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ जब सांसद थे तब उन्होंने यूपी के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने को तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था। अब वह यूपी के सीएम हैं। ऐसे में कर्मचारी संगठनों के निगाह मुख्यमंत्री योगी के फैसले पर है कि वह अब इस पर क्या निर्णय लेंगे? संगठन सीएम को पुरानी पेंशन व्यवस्था पर उनकी सहमतियों की याद भी दिला रहे हैं।
21 मई 2013 को योगी आदित्यनाथ ने बतौर सांसद तत्कालीन पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि नयी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों को सेवाकाल के दौरान धन निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है। सेवानिवृत्ति पर उसे क्या रिटर्न मिलेगा। यह बाजार पर निर्भर करेगा। सरकार न्यूनतम पेंशन की भी गारंटी नहीं ले रही है। इसलिए नयी पेंशन व्यवस्था की जगह पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू रहने दिया जाए। इस अवधि में केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के वेतन से काटी गई धनराशि उनके जीपीएफ खाते में ब्याज सहित जमा कराई जाए।
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राजनाथ सिंह ने भी दिया था नयी पेंशन नीति की समीक्षा का भरोसा
सन 2014 में बतौर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा था कि यदि सरकार में आयें तो नई पेंशन नीति की समीक्षा होगी। इस सिलसिले में उन्होंने यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को भी पत्र लिखा था। पत्र में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का अनुरोध किया गया था।
अब इसी की याद दिला रहे हैं कर्मचारी संगठन
अब राज्य के कर्मचारी संगठन सीएम अखिलेश यादव को इसी की याद दिला रहे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि पूर्व में सीएम योगी ने पीएम मनमोहन को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली पर अपनी सहमति जताई थी। इसलिए उन्हें अपनी पूर्व सहमतियों के अनुरूप कार्यवाही कराना चाहिए।