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सांसद-विधायकों को चेतावनी, गोरखपुर पहुंचे CM योगी के सख्त तेवर

मुख्यमंत्री ने नसीहत देते हुए कहा कि 'दस दिन में हुई बयानबाजी से पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान हुआ है। इसे दस दिन के अंदर सुधारें।'

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Published on: 30 Aug 2020 2:06 PM IST
सांसद-विधायकों को चेतावनी, गोरखपुर पहुंचे CM योगी के सख्त तेवर
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सीएम योगी ने दी सांसद-विधायकों को चेतावनी (file photo)

गोरखपुर: पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता केके सिंह को मुख्यालय संबद्ध किये जाने के बाद गोरखपुर के सांसदों और विधायकों में हुई खेमेबाजी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को इशारों ही इशारों में कड़ा संदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने नसीहत देते हुए कहा कि 'दस दिन में हुई बयानबाजी से पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान हुआ है। इसे दस दिन के अंदर सुधारें।' गोरखपुर के एनेक्सी भवन में हुई बैठक के बाद निकले सांसद रवि किशन और नगर विधायक डॉ.राधा मोहन अग्रवाल के सुर में नरमी भी अंदर की गर्मी की तरफ संकेत कर रही थी। मुख्यमंत्री की बैठक ने निकले नगर विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने अंदर की तल्खी के सवाल पर सियासी अंदाज में कहा कि 'लोकतांत्रिक तरीके से संवाद हुआ है, हमारे बीच विवाद कहा था।'

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cm yogi (file photo) सीएम योगी ने दी सांसद-विधायकों को चेतावनी (file photo)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर में इन मुद्दों पर चर्चा की

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर में एनेक्सी भवन में जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में बाढ़, कोविड 19 से लेकर इंसेफेलाइटिस को लेकर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान सभी की निगाहें गोरखपुर शहर विधायक डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल और सांसद रवि किशन के बीच हुए विवाद पर थी। सभी टकटकी लगाए थे, कि आखिर विवाद को लेकर मुख्यमंत्री का क्या रूख है। हालांकि बैठक में मुख्यमंत्री पूरे प्रकरण में सीधे-सीधे कुछ बोलने से बचते रहे। अलबत्ता, उन्होंने यह जरूर कहा कि सभी जनप्रतिनिधि मिल कर काम करें। पिछले दस दिनों में बयानबाजी से पार्टी की जो छवि खराब हुई है, उसे सुधारें।

डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल ने सियासी अंदाज में कहा

बैठक से बाहर निकले डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल ने सियासी अंदाज में कहा कि उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। पिछले दिनों जो कुछ हुआ वह आपसी संवाद था। मीडिया को गलतफहमी हुई है। यह लोकतंत्र है। सभी की अपनी-अपनी सोच होती है। हम अपनी बात सरकार को बताते हैं और मीडिया उसे विवाद का नाम दे देता है।

वास्तव में इसके लिए उपयुक्त शब्द विवाद नहीं, संवाद होना चाहिए। उनके मुताबिक, बैठक में मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से कोविड-19 के संक्रमण के खिलाफ चल रही लड़ाई में सहयोग मांगा। वहीं सांसद रवि किशन ने भी बैठक से निकलने के बाद सधे हुए शब्दों का इस्तेमाल किया। सांसद रविकिशन ने बताया कि सीएम ने सबसे कहा कि एकजुट रहें। पिछले दस दिनों गोरखपुर को लेकर जो बातें हुई हैं, उन्हें ठीक करें। सांसद ने कहा कि बैठक में विभिन्न विषयों पर बात हुई। इस प्रकरण को लेकर डिटेल में बात नहीं हुई।

पीडब्ल्यूडी के अभियंता को मुख्यालय संबद्ध किये जाने के बाद बड़ा सवाल, 'कौन जीता-कौन हारा'

bjp-leader radha-mohan-agarwal (file photo) सीएम योगी ने दी सांसद-विधायकों को चेतावनी (file photo)

डॉ.राधा मोहन द्वारा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर पीडब्लूडी के सहायक अभियंता केके सिंह को मुख्यालय संबद्ध किये जाने के बाद गोरखपुर की सियासत में भूचाल आ गया है। इंजीनियर का ट्रांसफर रोकने के लिए सांसद रवि किशन, विधायक संगीता यादव, महेन्द्र पाल सिंह ने उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। विधायक शीतल पांडेय के पैड पर भी इंजीनियर को ईमानदार बताते हुए ट्रांसफर रोकने की सिफारिश हुई थी, लेकिन विधायक ने पैड के दुरूपयोग की बात कहते हुए विवाद से खुद को अलग कर लिया था।

विवाद के बीच बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान और उनके विधायक भाई डॉ.विमलेश पासवान नगर विधायक के पक्ष में आ गए थे। वहीं तल्खी बढ़ी तो सांसद रविकिशन ने डॉ.राधा मोहन से इस्तीफा मांग लिया। कैम्पियरगंज के विधायक फतेहबहादुर और डा.राधा मोहन के बीच तो फेसबुक पर जमकर वार-पलटवार भी हुआ। दोनों एक दुसरे को बेईमान बताते रहे।

पार्टी हाईकमान ने डॉ.राधा मोहन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया

इस बीच पार्टी हाईकमान ने डॉ.राधा मोहन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया लेकिन विवादों का सिलसिला थमा नहीं। पिछले दो दिन से जनप्रतिनिधियों का रुख थोड़ा नरम दिखाई दे रहा था। शनिवार को डा.राधा मोहन अपने फेसबुक पर पीडब्लूडी इंजीनियर को सम्बद्ध किए जाने का आदेश लागू हो जाने की सूचना पोस्ट की। इंजीनियर को मुख्यालय संबद्ध किये जाने के बाद सियासी गलियारे में चर्चा है कि पूरे विवाद में आखिर कौन जीता, कौन हारा?

ravi-kishan (file photo) सीएम योगी ने दी सांसद-विधायकों को चेतावनी (file photo)

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विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ इतने नाराज क्यो हैं

सवाल यह कि आखिर विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ इतने नाराज क्यो हैं? सांसद रविकिशन से लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री फतेह बहादुर खुद नगर विधायक के खिलाफ हमलावर थे, या फिर किसी के इशारे पर वे हमलावर थे? मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल भले ही शान्ति हो गई लेकिन नगर विधायक द्वारा यह कहा जाना कि यहां ठाकुरों की सरकार चल रही है। पर आलाकमान खामोश ही रहेगा, या फिर अंदर ही अंदर बड़ी कार्रवाई की तैयारी है? या फिर इसे प्रदेश में शीर्ष स्तर पर चल रहे गुटबाजी का इसे हिस्सा मान लिया जाएगा?

पूर्णिमा श्रीवास्तव

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