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ये हैं ! सीएम योगी के चित्रगुप्त, कोई खाली हाथ नहीं लौटता.. नाम डंडा बाबा
गोरखपुर : योगी आदित्यनाथ द्वारा सूबे की कमान संभालने के बाद से मिनी सीएमओ यानी गोरखनाथ मंदिर में भी फरियादियों की भीड़ बढ़ गई है। इसमें अधिकतर फरियादी गांव के हैं, और पढ़े-लिखे भी नहीं हैं। इन फरियादियों के मददगार बनें हैं योगी के चित्रगुप्त। जो मंदिर में आने वाले पीडि़तों का प्रार्थनापत्र लिख उनकी मदद कर रहे हैं।
गोरखनाथ मंदिर परिसर में एक जमाने से ध्रुव प्रताप सिंह अपनी सेवा दे रहे हैं। इन्हें मंदिर में आने वाले फरियादी ‘डंडा बाबा’ के नाम से जानते हैं। डंडा बाबा सभी फरियादियों की मदद के लिए उपस्थित रहते हैं। साक्षर और निरक्षर दोनों तरह के फरियादी जो अपना प्रार्थना पत्र नहीं लिख पाते हैं, वह डंडा बाबा की मदद लेते हैं। एक फरियादी सुशील बताते हैं कि वह यहां पर आए थे, डंडा बाबा ने प्रार्थनापत्र लिखकर उनकी मदद की है। उन्हें उम्मीद है कि हर बार की तरह इस बार भी उन्हें यहां से न्याय मिलेगा।
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डंडा बाबा से लोग तब भी प्रार्थना पत्र लिखवाते रहे हैं, जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री नहीं बने थे, और गोरखनाथ मंदिर में उनका दरबार लगता रहा है। योगी आदित्यनाथ जब मुख्यमंत्री बन गए, तो मंदिर में आने वाले फरियादियों की संख्या भी अचानक बढ़ गई। ऐसे में योगी आदित्यनाथ से न्याय की आस लगाने वाले अधिकतर लोग ऐसे थे, जो गांव-देहात से थे। डंडा बाबा बताते हैं, कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से यहां भीड़ काफी बढ़ गई है। ऐसे में उन्हें हर रोज 200 से 250 प्रार्थनापत्र लिखना पड़ रहा है। वह लोगों की निःस्वार्थ भाव से मदद कर रहे हैं।
डंडा बाबा ऐसे लोगों की मदद करने में जरा भी संकोच नहीं करते हैं। जब मंदिर में कम फरियादी आते थे तब भी वह लोगों के प्रार्थना पत्र लिखते रहे हैं, और मंदिर में भीड़ बढ़ने के बाद भी वह निरंतर पत्र लिखते रहते हैं। माथे पर तिलक, गले में रुद्राक्ष की माला, सिर पर भगवा साफा और भगवा वस्त्र होने के साथ ही, उनके हाथ में भगवा कलम ही उनकी पहचान बन चुकी है। तनाव तो जैसे उनसे कोसो दूर रहता है। बगैर किसी झुंझलाहट के वह लोगों की बात सुनते हैं, और प्रार्थना पत्र लिखकर उनकी मदद करते हैं। उसके बाद प्रार्थनापत्र के साथ योगी आदित्यनाथ के लेटर पैड पर आवश्यक निर्देश लिखकर उसे प्रार्थनापत्र के साथ संलग्न कर दिया जाता है।
गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय प्रबंधक द्वारिका तिवारी बताते हैं, कि पहले भीड़ कम होती थी। लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से यहां पर भीड़ काफी बढ़ गई है। ऐसे में डंडा बाबा और तीन अन्य लोगों को पीडि़तों के प्रार्थनापत्र लिखकर मदद के लिए लगाया गया है। वह बताते हैं, कि यह पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय को हर रोज शाम को आगे की कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिया जाता है।
वह बीच-बीच में उठकर जनता दरबार के बाहर भी जाते हैं, और बाहर बैठे पीडि़तों से पूछते हैं कि कोई ऐसे भी फरियादी तो नहीं है जिसे कोई परेशानी है। इसके साथ ही वह यह भी पूछते हैं, कि किसी का प्रार्थनापत्र तो नहीं लिखना है। यदि हां, तो वह झट से उसे लेकर भीतर जाते हैं और फिर कलम लेकर प्रार्थनापत्र लिखने बैठ जाते हैं।
डंडा बाबा निःस्वार्थ भाव से पीडितों को अपनी सेवा देकर उनकी मदद कर रहे हैं। जब से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं, तबसे उनकी लिखने-पढ़ने की जिम्मेदारी भी काफी बढ़ गई है। ऐसे में उन्हें लोग योगी आदित्यनाथ और गोरखनाथ मंदिर के चित्रगुप्त कहकर भी बुलाने लगे हैं।