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पीजीआई निरीक्षण के लिए पहुंचे सीएम योगी, लिया मरीजों का हाल-चाल

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Published on: 2 Aug 2017 5:29 PM IST
पीजीआई निरीक्षण के लिए पहुंचे सीएम योगी, लिया मरीजों का हाल-चाल
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लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को निर्धारित प्रोटोकॉल के आधार पर एसजीपीजीआई का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उन्होंने करीब 45 मिनट तक अस्पताल परिसर का घूम-घूमकर जायजा लिया। सबसे पहले उन्होंने पुराने सैंपल कलेक्शन कमरे का निरीक्षण किया। इसके बाद रजिस्ट्रेशन हॉल में जाकर मरीजों से बातचीत की। बिल्डिंग के प्रथम फ्लोर पर स्थित स्वाइन फ्लू वार्ड में जाकर मरीजों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने मरीजों के बाबत समस्याओं का तुरंत निस्तारण करने के निर्देश भी दिए।

-राजधानी में इन दिनों स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ता जा रहा है।

-इसको लेकर प्रदेश सरकार रोजाना निर्देश जारी कर रही है।

-शहर में सबसे अधिक स्वाइन फ्लू के मामले एसजीपीआई हॉस्पिटल और आस-पास के क्षेत्रों से आ रहे हैं।

-इसी समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हॉस्पिटल को निर्देश दिए हैं।

अधिक शिकायतें आने के कारण सीएम योगी आदित्यनाथ अस्पताल परिसर के स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीजों का हालचाल लेने पहुंचे थे।

आगे की स्लाइड में जानिए और क्या कदम उठाए सीएम योगी ने

न्यू ओपीडी भवन का किया निरीक्षण

सीएम योगी आदित्यनाथ ने न्यू ओपीडी भवन का निरीक्षण किया। नई बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर सीएम ने करीब दस मिनट गुजारे। इस दौरान बहुत से मरीज सीएम से मिलने की गुजारिश करते रहे। लेकिन सिक्योरिटी टाइट होने के चलते कोई भी सीएम योगी तक नहीं पहुंच सका। उन्होंने अस्पताल परिसर में आधे घंटे गुजारे और मरीजों की समस्याएं सुनी।

मीडियो को अंदर नहीं जाने दिया

सीएम योगी के निरीक्षण में मीडिया को अस्पताल परिसर के अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, मरीजों को दिक्क्त न हो इसके लिए मीडिया पर रोक लगाई गई थी।

आगे की स्लाइड में जानिए किस तरह वीआईपी की वजह से बिगड़ी मासूम की तबियत

प्रदेश के सन्यासी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को एसजीपीजीआई में स्वाइन फ्लू के मरीजों का हाल तो ले लिया, लेकिन बाकी मरीजों की हालत खस्ता कर दी। एक ओर सीएम योगी निरीक्षण कर रहे थे, तो दूसरी ओर एक महिला हाथों में नवजात शिशु को लेकर अंदर जाने के लिए रो रही थी। उनको बाल विभाग में जाना था, लेकिन सीएम के निरीक्षण के कारण रास्ते बंद थे। किसी ने रोती हुई मां की सहायता नहीं की।

अस्पताल में करीब 45 मिनट तक चिकित्सा सेवा बाधित रही। डॉक्टरों से लेकर कर्मचारी सभी सीएम योगी के अगुवाई में लगे रहे। सीएम के निरीक्षण के दौरान रस्सी लगाकर मरीज व उनके तीमानदारों को सिक्योरिटी ने रोक दिया। मरीज के तीमानदार डॉक्टरों को अंदर दिखाने जाने के लिए सिक्योरिटी से निवेदन करते रहे लेकिन उनको अंदर जाने नहीं दिया। मरीजों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

मीडियो को देखकर रोने लगी महिला

इसी दौरान रोती हुई महिला Newstrack.com के रिपोर्टर के पास पहुंची और अपना दर्द बताते हुए रोने लगी। महिला का नाम अंजु था और वह फर्रुखाबाद से अपने 15 दिन की बच्ची का उपचार कराने आई थी। उसने बताया कि उसकी बच्ची को पीलिया है और जल्द ही सही उपचार नहीं मिला तो दिक्कत हो सकती है। महिला की समस्या सुनकर रिपोर्टर ने पीड़ित महिला के बच्ची को बाल विभाग में भर्ती कराया और संभावित इलाज के लिए ड्यूटी में रहे डॉक्टरों से बातचीत की।

महिला ने बताया अपना दर्द

महिला अंजू ने बताया कि यह उसका दूसरा बेबी है और यह कहते हुए रोने लगी कि पहला शिशु मर गया था और दूसरी का भी यही हाल है। स्थानीय डॉक्टर से इलाज कराके आई महिला ने बताया कि कुछ दिक्कत के कारण मेरा अब बच्चा नहीं हो सकता है। इसलिए कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। उन्होंने बताया कि यहां आई तो मैंने इमरेजेंसी में बेबी को दिखाया तो उन्होंने बाल विभाग में जाने को कहा और जाते समय रास्ते बंद हो गए। बेबी की तबीयत बिगड़ रही थी।

कहने को यह एक तो महज पीड़ित मां की समस्या है। वीआईपी के चलते अस्पतालों में अक्सर ऐसे केसों से मरीज दम तोड़ते रहते हैं।

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