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लॉकडाउन हुआ यूपी: सप्ताह में एक दिन बंद रहेगा प्रदेश, मास्क नहीं तो 10,000 का जुर्माना

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वजह से तेजी से बिगड़ते हालातों को देखते हुए सीएम योगी ने बड़ा फैसला किया है।

Vidushi Mishra
Published By Vidushi Mishra
Published on: 16 April 2021 1:31 PM IST
कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है।
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लॉकडाउन(फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वजह से तेजी से बिगड़ते हालातों को देखते हुए सीएम योगी ने बड़ा फैसला किया है। इस आदेश के तहत यूपी में रविवार को साप्ताहिक बंदी रहेगी। इसमें ग्रामीण,नगरीय क्षेत्रों में भी बंदी रहेगी। इस दौरान केवल आपातकालीन सेवाएं संचालित होंगी। ऐसे में रविवार को सिर्फ सैनीटाइजेशन के कार्य होंगे। इसके साथ ही सीएम योगी एक और घोषणा की है। प्रदेश में अब बिना मास्क पकड़े जाने पर 1000रुपये का जुर्माना देना होगा और अगर दुबारा पकड़े गए तो 10 गुना जुर्माना देना होगा। वहीं प्रशासन को सख्ती बरतने के कड़े निर्देश दिये गए हैं।

राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस का संक्रमण कहर बरपाने में लगा हुआ है। हर रोज हजारों मामलें सामने आ रहे हैं। श्मशान घाटों पर लाशों की कतारें लगी हुई है। चारों तरफ आफत मची है। ऐसे में सीएम योगी ने कठोर कदम उठाते हुए बड़ा ऐलान किया है। राज्य रविवार को पूरी तरह से बंद रहेगा यानी लॉक रहेगा। इस दौरान सिर्फ आपातकालीन और सैनीटाइजेशन कार्य को ही छूट दी गई है।


साथ ही प्रदेश में बिना मास्क पकड़े जाने पर भी सख्त नियम लागू किया गया है। जिसमें 1000 रुपये जुर्माना लगाया गया है और दोबारा पकड़े जाने पर 10 गुना जुर्माना देना होगा। इससे पहले बृहस्पतिवार को सीएम योगी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए गठित टीम-11 को दिशा-निर्देश दिए।

इसमें मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, गोरखपुर सहित 2000 से अधिक एक्टिव केस वाले सभी 10 जनपदों में रात्रि 8 बजे से प्रातः 7 बजे तक कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) प्रभावी किया जाए। सीएम ने कहा कि इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करें। लोगों को मास्क और सेनेटाइजेशन के महत्व को समझाएं। आवश्यकतानुसार प्रवर्तन की कार्रवाई भी की जाए।

आगे सीएम योगी ने कहा कि राजधानी लखनऊ में अन्य जनपदों के मरीजों का आगमन स्वभाविक है। इसलिए यहां अतिरिक्त व्यवस्था करने की आवश्यकता है। केजीएमयू और बलरामपुर हॉस्पिटल को डेडिकेटेड हॉस्पिटल के रूप में तैयार किया जाए। यह कार्य चरणबद्ध ढंग से हो। नॉन कोविड मरीजों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।



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