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CM योगी ने ठुकराई साढ़े तीन करोड़ की मर्सिडीज, मंत्री भी अब फार्च्यूनर छोड़ इनोवा से चलेंगे

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By aman
Published on: 4 July 2017 2:36 PM GMT
CM योगी ने ठुकराई साढ़े तीन करोड़ की मर्सिडीज, मंत्री भी अब फार्च्यूनर छोड़ इनोवा से चलेंगे
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CM योगी ने ठुकराई साढ़े तीन करोड़ की मर्सिडीज, बोले- पुरानी कार ही सही

लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी सादगी का परिचय देते हुए एक बार फिर खुद को नेताओं की भीड़ से अलग दिखने की कोशिश की है। सरकारी पैसों से एक करोड़ की लैंड-क्रूजर से चलने वाले अखिलेश यादव और अपनी बहुत लंबी फ्लीट के कारण पूरे देश में विख्यात मायावती के शाही अंदाज से अलग यूपी के सीएम आदित्यनाथ ने अफसरों के कहने के बावजूद तीन करोड़ रुपए की दो नई मर्सिडीज खरीदने से साफ़ इंकार कर दिया। इसकी जगह उन्होंने अखिलेश यादव की इस्तेमाल पुरानी गाड़ी से चलने में कोई गुरेज नहीं किया।

कौन सा प्रस्ताव किया खारिज

सीएम योगी ने राज्य संपत्ति विभाग के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें मर्सिडीज बेंज की दो नई SUV खरीदने का प्रस्ताव था। गौरतलब है, कि अखिलेश यादव ने सरकारी पैसों से दो मर्सिडीज SUV खरीदी थी। जिसमें से एक गाड़ी उन्होंने अपने पिता मुलायम को दी थी। चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने पुरानी मर्सिडीज सीएम स्टाफ को लौटा दी है। इससे पहले योगी अपने कैबिनेट मंत्रियों के लिए फार्च्यूनर गाड़ियां खरीदने पर रोक लगा दी है। योगी ने मंत्रियों को फार्च्यूनर के बजाय काफी सस्ती इनोवा गाड़ी खरीदने के आदेश दिए हैं।

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क्या कहते हैं योगी के मंत्री?

योगी आदित्यनाथ के स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह की मानें तो प्रदेश के सीएम को अपने ऐशोआराम से ज्यादा प्रदेश की चिंता है। वो कहते हैं, 'योगी जी संत हैं। योगी आदित्यनाथ जी यानी मुख्यमंत्री जी ने हम लोगों से भी कहा है, कि पहले प्रदेश की चिंता की जाए। प्रदेश की खस्ता हालात देखते हुए यह फिजूलखर्ची उन्हें बर्दाश्त नहीं है। वैसे भी वह सन्यासी हैं। उन्हें नई पुरानी गाड़ी से क्या भेद। वो हमेशा से सिर्फ प्रदेश के 22 करोड़ लोगों की चिंता करते हैं अपनी नहीं। यही फर्क है योगी आदित्यनाथ में और दूसरे नेताओं में।'

योगी ने किया खुद को भीड़ से अलग

योगी आदित्यनाथ अपनी जीवनशैली को लेकर पहले भी चर्चा में रहे हैं। उनकी सादगी से लोग काफी प्रभावित हैं। वहीं दूसरे मुख्यमंत्रियों की शाहखर्ची के ठीक उलट होने की वजह से यह उन्हें बाकी के नेताओं से अलग खड़ा करता है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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