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भ्रष्टाचार पर प्रहार: सीएम योगी ने तीन SDM को तहसीलदार बनाया

सीएम योगी के निर्देश पर तीन एसडीएम को तहसीलदार के पद पर डिमोट कर दिया गया है। इन तीनों अफसरों पर जमीन घोटाले का आरोप है

Rahul Singh Rajpoot
Published By Rahul Singh Rajpoot
Published on: 6 Jun 2021 3:36 PM IST
भ्रष्टाचार पर प्रहार: सीएम योगी ने तीन SDM को तहसीलदार बनाया
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सीएम योगी, फाइल फोटो, (सोशल मीडिया)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत तीन उपजिलाधिकारी (SDM) पर बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी के निर्देश पर तीन एसडीएम को तहसीलदार के पद पर डिमोट कर दिया गया है। इन तीनों अफसरों पर जमीन घोटाले का आरोप है और इसी के तहत इन्हें इनके पद से डिमोट कर तहसीलदार बना दिया गया है। इस संबंध में नियुक्ति विभाग की ओर से आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। ये तीनों एसडीएम प्रयागराज, मुरादाबाद और श्रावस्ती में तैनात थे।

एसडीएम रामजीत मौर्य

जिन तीन उपजिलाधिकारियों को डिमोट किया गया है उनमें रामजीत मौर्य प्रयागराज में, जेपी चौहान श्रावस्ती और अजय कुमार मुरादाबाद में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। प्रयागराज में तैनात रामजीत मौर्य पर आरोप है कि जब वह मिर्जापुर में तहसीलदार के पद पर तैनात थे तो उन्होंने निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिये उसे तय सीमा से अधिक जमीन खरीदने के मामले में नियम को ताक पर रखकर आदेश पारित किया था। इस मामले में उनके खिलाफ शिकायत की गई थी।

एसडीएम जेपी चौहान

श्रावस्ती में एसडीएम के पद पर तैनात जेपी चौहान पर आरोप है कि पीलीभीत में एसडीएम रहने के दौरान उन्होंने भी एक व्यक्ति को सरकारी जमीन का लाभ दिलाने के लिये आदेश पारित किया था। जांच में उन्हें दोषी पाया गया तो योगी सरकार ने उन्हें एसडीएम से तहसीलदार बना दिया है।

एसडीएम अजय कुमार

मुदाराबाद में तैनात एसडीएम अजय कुमार पर नोएडा अथॉरिटी में तहसीलदार रहने के दौरान एक व्यक्ति को अथॉरिटी की जमीन का फायदा पहुंचाने के लिये नियमों के विरुद्घ जाकर पत्र लिखा। शासन से पहले अजय कुमार की दो वेतन वृद्धि रोकने की संस्तुति की थी। वहीं इसी के साथ राज्य लोक सेवा आयोग ने दो अधिकारियों को पदावनत करने संबंधी सरकार के प्रस्ताव पर सहमति दी थी। हांलाकि फिलहाल तीनों को जांच में दोषी पाये जाने पर डिमोशन की कार्यवाई की गयी है, जिसके जरिये सरकार अधिकारियों को बड़ा संदेश भी देना चाहती थी।

चार अधिकारी बनाए गए थे चपरासी

बता दें ये कोई पहली बार नहीं हुआ है, जब सीएम योगी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की हो। इससे पहले भी इसी साल जनवरी के महीने में चार अधिकारियों को चपरासी बना दिया गया था। सीएम योगी के निर्देश पर बरेली, फिरोजाबाद, भदोही और मथुरा के अपर जिला सूचना अधिकारियों को पदावनत कर उनके मूल पदों पर भेज दिया था। बरेली में तैनात अपर जिला सूचना अधिकारी नरसिंग को पदावनत कर चपरासी, फिरोजाबाद के अपर जिला सूना अधिकारी दया शंकर को चौकीदार, अपर जिला सूचा अधिकारी के रूप में प्रोन्नत मथुरा के विनोद कुमार शर्मा और भदोही के अनिल कुमार सिंह को भी पदावनत कर सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक के रूप में उनके पुराने पद पर वापस लौटाया जा चुका है। इन सबपर नियम विरुद्घ प्रमोशन पाकर अधिकारी बनने का आरोप था।

भ्रष्टाचार नहीं होगा बर्दाश्त

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को कड़ा संदेश दे चुके हैं कि अगर कोई भ्रष्टाचार करते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इसी के तहत तीन एसडीएम को तहसीलदार बनाकर सीएम योगी ने साफ संदेश दे दिया है कि उनकी सरकार में करप्शन करने वाले किसी भी कीमत पर नहीं बचेंगे।



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