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कोरोना: योगी सरकार की चुनौती, मास्क और शारीरिक दूरी नियम का कैसे होगा पालन

केंद्र सरकार भी मंगलवार को कोरोनावायरस बचाव उपायों को लेकर मीटिंग करने जा रही है। कुरौना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर कई राज्यों ने रात्रिकालीन कर्फ्यू के विकल्प पर अमल शुरू कर दिया है।

Newstrack
Published on: 24 Nov 2020 10:36 AM IST
कोरोना: योगी सरकार की चुनौती, मास्क और शारीरिक दूरी नियम का कैसे होगा पालन
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कोरोना: योगी सरकार की चुनौती, मास्क और शारीरिक दूरी नियम का कैसे होगा पालन (Photo by social media)

लखनऊ: कोरोना से प्रदेश के लोगों की जान बचाने की सबसे बड़ी चुनौती योगी सरकार के सामने है। एंटीजन और आरटी पीसीआर के रिकॉर्ड जांच आंकड़ों को जारी कर योगी सरकार भले अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन उसकी अगली परीक्षा बड़ी कठिन होने वाली है। देश के अलग-अलग हिस्सों में जिस तरह से कोरोना के संक्रमित लोगों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह आदेश केवल कागजी ही ना रहे, इस पर सख्ती के साथ अमल हो। शारीरिक दूरी नियम का पालन हो। योगी सरकार अब यह परीक्षा पास करनी होगी।

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केंद्र सरकार भी मंगलवार को कोरोनावायरस बचाव उपायों को लेकर मीटिंग करने जा रही है

केंद्र सरकार भी मंगलवार को कोरोनावायरस बचाव उपायों को लेकर मीटिंग करने जा रही है। कुरौना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर कई राज्यों ने रात्रिकालीन कर्फ्यू के विकल्प पर अमल शुरू कर दिया है। इस मोर्चे पर योगी सरकार अभी तक सुस्त रफ्तार से काम करती दिखाई दे रही है। दिल्ली में वैवाहिक समारोह या सार्वजनिक कार्यक्रमों में 50 से अधिक की उपस्थिति पर रोक लगा दी गई है लेकिन योगी सरकार ने पहले 200 लोगों की अनुमति जारी की और अब सोमवार को इसे घटाकर 100 लोगों तक सीमित किया गया है। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वैवाहिक समारोह और सार्वजनिक कार्यक्रमों में पहुंचने वाले लोगों को कोरोना प्रोटोकाल के सारे नियमों का पालन करना होगा।

corona corona (Photo by social media)

इसके तहत हैंड वॉश, हैंड सेनीटाइजर, मास्क, थर्मल स्कैनिंग और शारीरिक दूरी नियम का पालन अनिवार्य कर दिया गया है। राजधानी लखनऊ समेत कुछ शहरों में मास्क ना पहनने वाले लोगों का चालान करते हुए भी पुलिस दिखाई दी है लेकिन ज्यादातर इलाकों में सरकार का यह इकबाल कायम नहीं है। दीपावली के बाजारों में जिस तरह से भीड़-भाड़ दिखी है । भयभीत करने वाली है। आम जनता के साथ ही सरकारी अमला भी कोरोनावायरस बचाव प्रोटोकॉल को लेकर पहले जैसा गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है। इसकी वजह भी अनलॉक डाउन की प्रक्रिया है जिसमें सरकार की ओर से ऐसा माहौल बनाया गया जिससे लोगों को यह आभास हुआ कि कोरोनावायरस खत्म हो गया है।

लोगों को इस महामारी के प्रति गंभीर और जागरूक कर पाती है

अब एक बार फिर सरकार के सामने बड़ी चुनौती है कि वह किस तरह से लोगों को इस महामारी के प्रति गंभीर और जागरूक कर पाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी मीटिंगों में सरकारी अधिकारियों से कहा है कि टीम वर्क से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। अब देखना यह है कि सरकारी अधिकारी मुख्यमंत्री के निर्देश को कितनी गंभीरता से लेते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग वा सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने के नियम का कितनी सख्ती से अनुपालन कराते हैं। कोरोनावायरस से बचाव के लिए योगी सरकार की यही सबसे बड़ी परीक्षा है और सबसे बड़ी रणनीति भी।

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सरकार ने कड़े किए हैं नियम

कोरोनावायरस को पाने के लिए योगी सरकार ने कड़े नियम लागू किए हैं। सरकार के लिए राहत की बात यह है कि कोरोना संक्रमण की दर इस समय 3.5 फ़ीसदी की दर्ज हो रही है। लेकिन चिंताजनक बात यह है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद लगभग 70000 तक पहुंच चुकी है। इसमें से सक्रिय मामले केवल 23776 हैं। प्रदेश सरकार ने सोमवार को बताया है कि 2067 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। रविवार को 145 704 कोरोना जांच की गई है।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

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