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उत्तर प्रदेश अब एक्सपोर्ट का हब बन चुका हैः सीएम योगी आदित्यनाथ

UP hub of exports: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज लोकभवन में मिशन रोजगार के तहत एमएसएमई मेले के उद्घाटन के अवसर पर लाभाथियों से किया सवांद ।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 30 Jun 2022 8:47 AM GMT (Updated on: 30 Jun 2022 12:27 PM GMT)
Cm Yogi adityanath
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सीएम योगी आदित्यनाथ (social media)

Yogi Government: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आज कहा कि वित्तीय संस्थाओं को अगले पांच वर्षो का एक लक्ष्य तय करना चाहिए। इससे लोगों के मन में वित्तीय संस्थाओं के प्रति विश्वास बनेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के लिए वित्तीय और शिक्षण संस्थाओं को चाहिए कि वह केन्द्र और प्रदेष सरकार की योजनाओं की जानकारी देने का काम करें। साथ ही वित्तीय संस्थाएं भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करें। जिससे बैंको के व्यवसाय को भी आगे बढाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज लोकभवन में मिशन रोजगार (mission rozgar) के तहत एमएसएमई मेले (msme loan fair) के उद्घाटन के अवसर पर लाभाथियों से सवांद कर रहे थें। उन्होंने एक लाख नब्बे हजार लाभार्थियों को 16 हजार करोड़ के लोन वितरण कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने पांच सीएचसी का भी उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले यह क्षेत्र पूरी तरह से उपेक्षित था। लेकिन इसके बाद जब प्रदेश में नई सरकार का गठन हुआ तो नई सरकार के सामने बड़ी चुनौती बेरोजगारी की दर सबसे अधिक थी। देश के सबसे बड़े प्रदेश के युवाओं की आंकाक्षाएं भी अधिक थी। कृषि को छोड़कर अन्य कोई रास्ता नहीं था उनमें से न जाने कितने डार्कजोन ब्लाक थें। केन्द्र की योजनाओं को लागू करने में केाई दिलचस्पी नहीं थी। कमी पैसे की नहीं बल्कि राज्य सरकार की इच्छा शक्ति की कमी थी। लेकिन 2017 के बाद न केवल कृषि के क्षेत्र में बल्कि रोजगार के क्षेत्र में नई शुरुआत की। एक जनपद एक उत्पाद की योजना लांच की जिसका लाभ यह रहा है कि एक लाख 56 हजार करोड का एक्सपोर्ट हुआ है।

रोजगार देने का काम

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसका परिणाम यह है कि रोजगार देने का काम हुआ है। पहले यहां के लोगों की तमन्ना थी कि उन्हे भी लोन भी मिले। पर उन्हे नहीं मिलता था पर राज्य सरकार ने बैंकों से लोन लेकर काम करने का रास्ता दिखाया और कोरोना काल में देष में पहली बार लोन मेले का आयोजन किया गया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश का युवा नौकरी मांग नहीं रहा है बल्कि नौकरी देने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेष का जो उद्यमी है वह बैंको की पूंजी की भी गारंटी देगा। ऐसी योजना बनाएगें जिससे राज्य सरकार उनके लिए एक सम्बल का काम करें।

उन्होंने कहा कि जिन परिवारों को नौकरी नहीं मिली जिन्हे रोजगार नहीं मिला। ऐसे परिवारों को राज्य सरकार जोड़ने का काम करेगी। इसमें बैंको की भी बडी भूमिका रहेगी। अगले पांच वर्षो का एक लक्ष्य तय होना चाहिए। इससे लोगों के मन में वित्तीय संस्थाओं के प्रति विश्वास बनेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लोगों को पता नहीं होता है। शिक्षण संस्थाओं को चाहिए कि वह केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी रखें। साथ ही वित्तीय संस्थाएं भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करें। इससे बैंको का व्यवसाय भी आगे बढ़ाएगा।

सीएम योगी की पहल, उद्यमियों को बांटा 16 हजार करोड़ का लोन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में आयोजित वृहद ऋण मेला के अंतर्गत 1.90 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को 16 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में कुछ लाभार्थियों को ऋण के चेक वितरित किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के लिए 2.35 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक ऋण योजना का शुभारम्भ भी किया। मुख्यमंत्री ने यह ऐलान भी किया कि प्रदेश सरकार छोटे उद्यमियों की मदद तो कर रही रही है और अब जल्दी ही सरकार एक ऐसी योजना लाएगी जिसमें हर परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी, रोजगार या स्वतः: रोजगार से जोड़ा जाएगा।

हर परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने या रोजगार से जोड़ने का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संकल्प पत्र में यह वादा किया गया था, जिसे जल्द ही पूरा करने का संकेत मुख्यमंत्री ने गुरूवार को दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान देते हैं, जिसके चलते ही बीते पांच वर्षों में यह सेक्टर यूपी में एक बड़ी ताकत बन गया है। अखिलेश सरकार में यह सेक्टर पूरी तरह से उपेक्षित था। वर्ष 2016-17 में अखिलेश सरकार ने 6,35,583 एमएसएमई इकाईयों को 27,202 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया था, जबकि योगी सरकार के बीते कार्यकाल के दौरान एमएसएमई सेक्टर में कारोबार करने के लिए 95,37,900 लोगों ने 2.50 लाख करोड़ रुपए का ऋण लिया था। जिसके चलते यूपी में इस सेक्टर की तस्वीर बदली। अब देश की 14 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयां यूपी में हैं और प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों के चलते इस सेक्टर में लगातार निवेश बढ़ रहा है। हर जिले में नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना हो रही है। कोरोना के वैश्विक संकट के दौरान भी इस सेक्टर में करीब डेढ़ लाख से अधिक नई इकाइयां इस सेक्टर में लगाई गई।

एमएसएमई योजना के तहत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, ओडीओपी वित्त पोषण योजना के लाभार्थियों को भी इसका लाभ मिलता है इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज 2022-23 के लिए 2.35 लाख करोड़ रूपये की वार्षिक ऋण योजना का भी शुभारंभ हो रहा है जिससे कि प्रदेश के उद्यमियों और हस्तशिल्पियों की मदद की जा सके और प्रदेश को आर्थिक रूप से विकसित बनाया जा सके।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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