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कुंभ में प्रत्यक्ष दिख रहा भारतीय संस्कृति का दर्शन: सीएम योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय संस्कृति का दर्शन 'वसुधैव कुटुम्बकम् है। कुम्भ में यह प्रत्यक्ष दिख रहा है। कुम्भ में देवी-देवता ना दिखें पर साइबेरियन पक्षी दिख जाएंगे। यह पक्षी हर वर्ष इसी एक माह के लिए प्रयागराज आते हैं फिर वापस साइबेरिया के लिए प्रस्थान कर जाते हैं।

Anoop Ojha
Published on: 18 Jan 2019 4:04 PM GMT
कुंभ में प्रत्यक्ष दिख रहा भारतीय संस्कृति का दर्शन: सीएम योगी
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लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय संस्कृति का दर्शन 'वसुधैव कुटुम्बकम् है। कुम्भ में यह प्रत्यक्ष दिख रहा है। कुम्भ में देवी-देवता ना दिखें पर साइबेरियन पक्षी दिख जाएंगे। यह पक्षी हर वर्ष इसी एक माह के लिए प्रयागराज आते हैं फिर वापस साइबेरिया के लिए प्रस्थान कर जाते हैं। आप मान सकते हैं देखने के लिए दृष्टि चाहिए और आपके पास ईश्वर ने आपको वह दृष्टि भी दी है और वह कला भी दी है कि उसे आप अपने कैमरों में कैदकर लोगों को बता सकते हैं कि कैसे पूरी दुनिया नर और नारी ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण जीव सृष्टि किसी न किसी रूप में प्रयागराज की धरती पर उपस्थित होती है। मुख्यमंत्री योगी ने कुम्भ दर्शन हेरिटेज एंड फोटोग्राफी ट्रेल की शुरूआत के दौरान यह बात कही।



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उन्होंने कहा कि इस बार कुंभ कुछ स्पेशल है। इसलिए भी है कि कुंभ की दृष्टि से देश के जिन चार स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है। इसमें जो कुंभ का विराट स्वरूप देखने को मिलता है। वह प्रयागराज की धरती पर होता है। क्योंकि देश की सात पवित्र नदियों में से तीन का संगम प्रयागराज में है। यूनिस्को ने सांस्कृतिक धरोहर के रूप में कुंभ को मान्यता दी है। कुंभ में देश के 6 लाख गांवों का प्रतिनिधित्व होगा। 92 देशों के प्रतिनिधि भी कुंभ में आएंगे। देश का हर मत, संप्रदाय और पंथ के लोग कुंभ के 45 दिन के आयोजन में प्रयागराज आएंगे।



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आस्था को सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित प्रोग्राम में सीएम ने कहा कि 45 दिन के आयोजन में पूरी दुनिया कुंभ में दिखेगी। आस्था के साथ-साथ पुरातन परम्परा और आधुनिकता का संगम है। मात्र सवा वर्ष में फ्लाई ओवर और अंडर पास बनाए गए हैं। 264 सड़कों का मेकओवर हुआ। 3200 हेक्टेयर के बड़े क्षेत्र में आयोजन फैला है। न कोई प्रदूषण ना गन्दगी, 45 दिन का अद्भुत आयोजन है। यहां अभूतपूर्व सुरक्षा है। देश का पहला इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम है। श्रद्धालुओं को 450 वर्षों के बाद अक्षयवट के दर्शन और पूजा का अवसर मिला है। पार्किंग स्थल संगम तट से 5 किलोमीटर के अंदर है। वहां से शटल बसें और ई-रिक्शों की व्यवस्था है। संस्कृति विभाग की सिंधुघाटी सभ्यता से आज तक की संस्कृति की प्रदर्शनी लगी है। कुम्भ में देश के सभी महानगरों से एयर कनेक्टीविटी सुविधा है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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