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UP Politics: सीएम योगी के इस कदम ने बढ़ा दी यूपी की सियासी हलचल! अखिलेश, अनुप्रिया और केशव की बढ़ गई टेंशन?

UP Politics: 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से उत्तर प्रदेश की सियासत में भारतीय जनता पार्टी और उसके बीच कथित कलह के दावों की चर्चा इस समय सुर्खियों का हिस्सा बनी हुईं हैं। अब सीएम योगी के एक कदम ने पक्ष और विपक्ष सबको चौंका दिया है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 26 July 2024 10:55 AM IST
CM Yogi Met Pallavi Patel
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CM Yogi Met Pallavi Patel   (photo: social media )

UP Politics: 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी से निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ही प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के भीतर कथित कलह के दावे किए जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव लगातार दावा कर रहे हैं कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कुछ अन्य नेता मिलकर योगी सरकार को गिराना चाह रहे हैं। यही नहीं अखिलेश यादव ने तो बीते दिनों केशव प्रसाद मौर्य को मॉनसून ऑफर तक दे दिया था।

अब इन सबके दावों और ऑफर्स के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक कदम से पक्ष और विपक्ष दोनों की टेंशन बढ़ा दी हैं। जब गुरुवार शाम को यह सूचना प्रदेश के सियासी और सुर्खियों के गलियारे में पहुंची कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी की विधायक और अपना दल कमेरावादी पार्टी की नेता पल्लवी पटेल से मुलाकात की तो यह सबके लिए आश्चर्य की बात थी।

यूं तो दोनों के बीच इस मुलाकात को शिष्टाचार बैठक का नाम दिया जा रहा है लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो सीएम योगी ने एक ही तीर से तीन निशाने साध दिए हैं। अब देखना यह होगा कि ये तीर निशाने पर लगता है या नहीं यह तो समय ही बताएगा लेकिन योगी और पल्लवी पटेल की जिस समय यह मुलाकात हुई है उसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

पहला निशाना-डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

डिप्टी सीएसम केशव प्रसाद मौर्य 2024 लोकसभा चुनाव के बाद से ही सरकार और संगठन के बीच कथित अनबन के दावों के केंद्र में रहे। वहीं लखनऊ में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के दौरान संगठन और सरकार में फर्क समझाकर, केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष को जो मुद्दा दिया, उसके बाद से ही प्रदेश बीजेपी में कथित कलह के दावे किए जाने लगे। अब सीएम योगी ने उन्हीं पल्लवी पटेल से मुलाकात की है जिन्होंने केशव प्रसाद मौर्य को 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सिराथू से धूल चटाया था। सीएम योगी और पल्लवी के इस मुलाकात से यह संदेश देने की कोशिश हो रही है कि जिस तरह से केशव बीजेपी के सहयोगियों को साथ लाकर खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं अब दूसरी ओर से भी बाजी खाली नहीं जाने दी जाएगी।


दूसरा निशाना- अनुप्रिया पटेल

बता दें कि अपना दल (सोनेलाल) की नेता और मीरजापुर से पार्टी सांसद और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने ही 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद सबसे पहले आरक्षण के मुद्दे के जरिए यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधा था। अनुप्रिया और पल्लवी दोनों सगी बहनें हैं लेकिन सियासत की महत्वाकांक्षाओं ने दोनों के रास्ते अलग-अलग कर दिए। राज्यसभा चुनाव 2024 के समय जब यह दावा किया जा रहा था कि पल्लवी, अखिलेश यादव द्वारा प्रत्याशियों के चयन से नाराज हैं, उस समय अनुप्रिया पटेल के पति और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने इसे नौटंकी बताया था। पल्लवी के एनडीए के साथ आने के सवाल पर उस समय आशीष ने कहा था कि यह फैसला गठबंधन का नेतृत्व करेगा। माना जा रहा है कि सीएम योगी ने पल्लवी पटेल से मुलाकात कर अनुप्रिया खेमे को सियासत की नई संभावनाओं के जन्म लेने का संदेश भेज दिया है।


तीसरा निशाना- अखिलेश यादव

2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में 111 सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी को सबसे बड़़ा झटका इस साल फरवरी में उस समय लगा था जब उसके 6 विधायकों ने पाला बदल कर बीजेपी के प्रत्याशी को वोट कर दिया। फिलहाल विधानसभा में सपा के 105 विधायक हैं। इसमें से एक पल्लवी पटेल भी हैं। पल्लवी को सपा ने अपने टिकट पर सिराथू से चुनाव लड़ाया था। कई मौकों पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और उनकी पत्नी मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव यह बात कह चुकी हैं कि पल्लवी, सपा के टिकट पर विधायक हैं।


...तो अखिलेश के लिए फूलपुर चुनाव हो जाएगा मुश्किल

यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। जिसमें से एक सीट फूलपुर भी है। फूलपुर से बीजेपी विधायक रहे प्रवीण पटेल अब लोकसभा सांसद बन चुके हैं। ऐसे में यहां भी उपचुनाव होने हैं। सपा की यह कोशिश है कि वह 10 सीटों में से उन पर भी अपना कब्जा जमाए जो बीजेपी के पास थीं। मुख्यमंत्री योगी से पल्लवी की मुलाकात के बाद फूलपुर में बीजेपी के लिए भी समीकरण और आसान हो सकते हैं। सपा से नाराज पल्लवी ने 2024 लोकसभा चुनाव भी पीडीएम मोर्चा बना कर लड़ा था। ऐसे में आगामी उपचुनाव में अखिलेश के लिए फूलपुर सीट जीतने का सपना, सपना ही रह सकता है। पल्लवी पटेल सिराथू से विधायक हैं। सिराथू से फुलपूर की दूरी भी करीब 94 किलोमीटर है।

अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा की सीएम योगी से मुलाकात के बाद खुद पल्लवी पटेल, अखिलेश यादव, अनुप्रिया पटेल, आशीष पटेल और केशव प्रसाद मौर्य की क्या प्रतिक्रिया आती है। उनकी प्रतिक्रियाओं के आधार पर ही उत्तर प्रदेश की सियासत के नए समीकरण गढ़े जाने के आसार हैं।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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