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IPS Ashok Shukla: फंस गए SP साहब! आजम खान को दी राहत, CM Yogi ने लिया एक्शन, जानिए पूरा मामला
IPS Ashok Shukla: अशोक कुमार शुक्ल रामपुर के एसपी के रूप में तैनात थे। इस दौरान उन्होंने शत्रु संपत्ति मामले में सपा नेता आजम खान को राहत दी थी।
IPS Ashok Shukla: रामपुर पुलिस अधीक्षक रहने के दौरान शत्रु संपत्ति के मामले में आजम खान का मुकदमे से नाम निकालने और विवेचना से गंभीर धाराओं को हटाने का निर्देश देने के मामले में अब तत्कालीन एसपी अशोक शुक्ला पर गाज गिरी है। गृह विभाग ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। जांच के लिए दो सदस्यीय टीम भी नियुक्त कर दी गई है। टीम में अलीगढ़ की मंडलायुक्त IAS चैत्रा वी. और IG विजिलेंस मंजिल सैनी को शामिल किया गया है। जांच के बाद समिति गृह विभाग को रिपोर्ट सौंपेगी।
आरोप पत्र से आजम खान का नाम नदारद
अशोक कुमार शुक्ल रामपुर के एसपी के रूप में तैनात थे। इस दौरान उन्होंने शत्रु संपत्ति मामले में सपा नेता आजम खान को राहत दी थी। अशोक शुक्ल पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व मंत्री आजम खां से संबंधित सिविल लाइंस थाने में दर्ज मुकदमे में विवेचक को ही बदल दिया था। इसके साथ ही धाराओं के साथ भी छेड़छाड़ की गई। जानकारी के मुताबिक केस से गंभीर धाराएं हटा दी गईं। मामले से धारा 467, 471 को हटा दिया गया। अदालत में दोषपूर्ण आरोप पत्र दाखिल किया गया। मगर आरोप पत्र में आजम खान के नाम का जिक्र भी नहीं था।
सीएम योगी का निर्देश
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मामले में सीएम योगी के निर्देश के बाद पूर्व एसपी के खिलाफ जांच शुरु की गई है। मामले में एसपी के साथ जिले के कई अधिकारियों के मिले होने की बात कही जा रही है। अशोक शुक्ल मौजूदा वक्त में सीबीसीआईडी में डीआईजी के पद पर तैनात हैं। मामले की जांच के दो वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दी गई है। दस्तावेजों में हेराफेरी के आरोपों की जांच शुरु कर दी गई है। दो सदस्यीय टीम जल्द ही सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
शत्रु संपत्ति से जुड़ा है मामला
यह मामला जौहर विवि परिसर के अंतर्गत शत्रु संपत्ति से जुड़ा हुआ है। यह संपत्ति इमामुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी। यह विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए थे। जमीन को 2006 में भारत सरकार के अंतर्गत दर्ज किया गया था। सरकारी जमीन पर जब जौहर विवि के निर्माण के दौरान यह मामला सामने आया था। राजस्व विभाग की जांच में इस मामले का खुलासा हुआ। जांच में पाया गया कि जमीन फर्जी तरीके से आफाक अहमद के नाम कर दी गई थी। साथ ही रिकार्ड के पन्ने भी फटे पाए गए थे। इस मामले पर रामपुर के थाना सिविल लाइंस में 2020 में मुकदमा दर्ज कराया गया था।