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संघ की गोपनीय रिपोर्ट ने बढ़ाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेचैनी

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Published on: 2 Feb 2019 7:08 AM GMT
संघ की गोपनीय रिपोर्ट ने बढ़ाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेचैनी
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संघ की गोपनीय रिपोर्ट ने बढ़ाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेचैनी

पूर्णिमा श्रीवास्तव

गोरखपुर। सपा-बसपा गठबंधन, प्रियंका गांधी के रूप में कांग्रेस के ब्रह्मास्त्र के बीच गोरक्षप्रांत की 13 लोकसभा सीटों को लेकर आरएसएस की गोपनीय रिपोर्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेचैनी बढ़ा दी है। 2014 के प्रदर्शन के नजदीक पहुंचने की चुनौती के बीच योगी अब सांसद, विधायक से लेकर संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं के साथ गोपनीय बैठकें कर सभी कील-कांटे दुरूस्त करने की जुगत में हैं। योगी को 16 और 17 फरवरी को प्रयागराज के कुंभनगर में होने वाली संघ की बैठक में जीत का फार्मूला रखना है जिसे लेकर वह सियासी होमवर्क में जुटे हुए हैं।

संघ ने राजनीतिक दृष्टि से पूर्वांचल को चार प्रांतों में बांटा है। संघ की अंदरूनी रिपोर्ट बताती है कि गोरक्ष प्रांत में पार्टी के सांसदों के जनाधार की स्थिति ठीक नहीं है। रिपोर्ट के बाद योगी की नींद उड़ी हुई है। योगी अभी गोरखपुर उपचुनाव में पार्टी की हार भी नहीं भूले हैं। इसलिए वह कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर कर उनमें जोश भरने की कवायद में जुटे हुए हैं। योगी की बढ़ी सक्रियता उनकी बेचैनी की तस्दीक भी कर रही है। बदले-बदले से योगी न सिर्फ कार्यकर्ताओं को तव्वजो दे रहे हैं बल्कि भाजपा सांसदों और संगठन के लोगों से घंटों मंत्रणा कर रहे हैं।

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नाराजगी दूर करने में जुटे योगी

सीएम की कुर्सी पर बैठने के बाद योगी ने अपने हल्ला बोल दस्ते हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं पर भी अघोषित कफ्र्यू लगा दिया था। कार्यकर्ताओं को सख्त मनाही थी कि वह पैरवी के लिए लेटर पैड का इस्तेमाल न करें। थाना और अफसरों के चेम्बर में वे नजर नहीं आने चाहिए। अब बदली परिस्थितियों में योगी हियुवा के पदाधिकारियों के साथ ही चुनाव में प्रभावी कार्यकर्ताओं के साथ भोजन कर रहे हैं। पिछले सप्ताह गोरखपुर से हिन्दू युवा वाहिनी के चुनिंदा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को लखनऊ बुलाया गया था। योगी ने सभी को लोकसभा चुनाव में कमर कसकर तैयार होने का निर्देश दिया। इतना ही नहीं पिछले महीने नगर निगम के पार्षदों को भी योगी ने लखनऊ बुलाकर खातिरदारी की थी। योगी ने गोरखपुर नगर निगम के भाजपा पार्षदों के साथ भोजन किया, चुनाव को लेकर जीत का मंत्र दिया और स्मार्ट फोन गिफ्ट में देकर उन्हें विदा किया। भाजपा के पार्षद मुख्यमंत्री के बदले अंदाज को लेकर थोड़े अचरज में तो हैं, लेकिन पूरी तरह खामोशी ओढ़े हुए हैं।

भाजपा पार्षद दल के नेता ऋषि मोहन वर्मा सधे हुए शब्दों में सिर्फ इतना कहते है कि योगी जी हमारे अगुवा हैं। उनका हर निर्देश हमारे लिए सूत्र वाक्य है। नाराजगी दूर करने से लेकर फीडबैक लेने की गरज से योगी गोरक्षप्रांत के एक-एक भाजपा सांसद और लोकसभा सीट पर प्रभावी संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं से वन-टू-वन मंत्रणा कर रहे हैं। पिछले 27 जनवरी को योगी ने गोरखपुर के सर्किट हाउस में डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, महराजगंज और कुशीनगर लोकसभा क्षेत्र से जीते भाजपा सांसदों और संगठन के पदाधिकारियों से लंबी मंत्रणा की। बैठक में सपा-बसपा के गठबंधन और प्रियंका गांधी की राजनीति में दस्तक से पडऩे वाले राजनीतिक प्रभाव पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने न सिर्फ सांसदों और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया बल्कि उन्हें इन राजनीतिक शक्तियों से निपटने का मंत्र भी दिया। इसके साथ ही योगी ने सीटवार जातिगत, राजनीतिक स्थितियों, विरोधी दलों के सम्भावित उम्मीदवारों, उनकी रणनीति और उसके मुकाबले भाजपा के लिए कौन सी रणनीति उचित होगी सहित कई विषयों पर लम्बी बात भी की। मुख्यमंत्री ने सांसदों को नसीहत दी कि केन्द्र और प्रदेश की कल्याणकारी नीतियों के चलते 60 फीसदी से अधिक मतदाता भाजपा के समर्थन में हैं। इन्हें न सिर्फ सहेजने की जरूरत है बल्कि फ्लोटिंग वोटरों को भी अपने पक्ष में करना होगा। 70 फीसदी वोट को टारगेट कर चलने से ही जीत सुनिश्चित होगी।

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योगी जल्द फिर करेंगे बैठक

बैठक में मौजूद गोरखपुर-काशी प्रांत के उत्तर प्रदेश सहप्रभारी सुनील ओझा ने जीत का मंत्र देते हुए कहा कि कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित हुए लोगों से हर हाल में सम्पर्क होना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही एक बार फिर गोरखपुर के सर्किट हाउस में मिल रहे हैं। वह गोरखपुर, बांसगांव, सलेमपुर, देवरिया, आजमगढ़, बलिया, घोसी, लालगंज सहित आठ लोकसभा क्षेत्रों की लोस चुनाव संचालन समितियों के साथ अलग-अलग बैठक कर लोकसभा चुनाव में जीत के मंत्र की तलाश करेंगे। बैठक को लेकर डुमरियागंज से भाजपा सांसद जगदम्बिका पॉल का कहना है कि मुख्यमंत्री में ऊर्जा है। पीएम, सीएम का नेतृत्व, कार्यकर्ताओं की ऊर्जा और केन्द्र-प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं के बल पर एक बार फिर भाजपा केन्द्र में वापसी करेगी। कांग्रेस और गठबंधन के पास देश-प्रदेश को आगे ले जाने का कोई मास्टर प्लॉन नहीं है।

मोदी लहर में जीते सांसदों को लेकर संशय

आरएसएस का अंदरूनी सर्वे बताता है कि गोरखपुर-बस्ती-आजमगढ़ मंडल के अधिकतर सीटों पर 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों को मोदी लहर का लाभ मिला था। संघ के लोग भी मान रहे हैं कि पांच वर्ष बाद मोदी मैजिक का असर कम हुआ है। ऐसे में पार्टी के बेसवोट और मोदी लहर के वोट को जोड़कर जीत हासिल करने वाले प्रत्याशियों को गठबंधन और कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलने वाली है। संघ को गोरखपुर-बस्ती मंडल की एक भी सीट पर जीत की गारंटी नहीं दिख रही है। सिर्फ एक स्थिति में गोरखपुर लोकसभा की सीट सुरक्षित मानी जा रही है, जब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी मैदान में उतरें। युवा चेहरे के रूप में बस्ती से जीते हरीश द्विवेदी, संतकबीर नगर से शरद त्रिपाठी और बांसगांव से जीते कमलेश पासवान को लेकर क्षेत्र में गुस्सा साफ दिख रहा है। वहीं महराजगंज में पंकज चौधरी और कुशीनगर में राजेश पांडेय भी अपने संसदीय क्षेत्रों में अपेक्षित विकास कराने में नाकाम रहे हैं। पंकज चौधरी के प्रति गन्ना किसानों का गुस्सा साफ दिख रहा है। पंकज आनंद नगर की बंद पड़ी चीनी मिल को नहीं चलवा सके। उल्टे उनके प्रयासों के बाद भी निजी क्षेत्र की गडौरा की चीनी मिल बंद हो गई। महराजगंज मुख्यालय तक रेल लाइन पहुंचाने का दावा करने वाले पंकज इसे पांचवीं जीत के बाद भी हकीकत में नहीं बदल सके हैं। वहीं देवरिया में दिग्गज कलराज मिश्रा से भी लोगों को निराशा ही हाथ लगी है। केंद्र में मंत्री रहने के बाद भी कलराज के पास गिनाने को कुछ नजर नहीं आ रहा है। यही वजह है कि इस सीट से आधा दर्जन दावेदार जोर लगा रहे हैं। सिर्फ डुमरियागंज के सांसद जगदम्बिका पॉल के पास विकास के नाम पर कुछ बताने के लिए नजर आ रहा है। रेलवे लाइन और प्रमुख शहरों को ट्रेन की सुविधा, मेडिकल कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटी की स्थापना को पॉल अपनी उपलब्धि बता रहे हैं।

16 और 17 फरवरी में प्रयागराज में होगा संघ का चुनावी कुंभ

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की तरफ से आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति प्रयागराज के कुंभ में 16 व 17 फरवरी को तैयार की जानी है। आरएसएस ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर गोरक्ष प्रांत, अवध, काशी और कानपुर प्रांत के पदाधिकारियों, लोकसभा क्षेत्र के सभी समन्वयकों को बुलाया है। आरएसएस के चार प्रांतों में लोकसभा की 38 सीटें हैं। संघ के कर्ताधर्ता बैठक में वर्तमान संभावित प्रत्याशी और सांसदों का रिपोर्ट कार्ड देखेंगे। इसके साथ ही गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर लोकसभा चुनाव में जीत का मंत्र भी दिया जाएगा। गोरक्ष प्रांत में ही लोकसभा की 13 सीटें हैं। इन सीटों को लेकर संघ की निगेटिव रिपोर्ट है। माना जा रहा है कि कुंभ की बैठक के बाद ही 38 सीटों पर उम्मीदवारों की तस्वीर साफ होगी। संघ के सूत्रों की मानें तो आधे से अधिक सीटों पर उसे नये चेहरे की तलाश है।

मोदी-शाह इस रणनीति से बढ़ाएंगे वोट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मजबूत मौजूदगी के बाद भी पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कार्यकर्ताओं में जोश भरने में कोई कसर छोडऩा नहीं चाहते हैं। फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के कई नेता गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल में कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। गोरक्ष प्रांत की 13 लोकसभा सीटों पर पुराना प्रदर्शन दोहराने को लेकर भाजपा ने मास्टर प्लॉन तैयार किया है। 8 फरवरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह महराजगंज में बूथ अध्यक्षों से सीधा संवाद करेेंगे। इस कार्यक्रम में 10 जिलों के 25 हजार 605 बूथ अध्यक्षों को हिस्सा लेना है। भाजपा गोरखपुर से ही किसानों को साधने की रणनीति का भी खुलासा कर सकती है। माना जा रहा है कि गोरखपुर में 23 और 24 फरवरी को गोरखपुर के फर्टिलाइजर ग्राउंड में होने वाले राष्ट्रीय किसान अधिवेशन में मोदी किसानों के लिए गेम चेंजर प्लॉन की घोषणा कर दें। अधिवेशन में 8000 से ज्यादा किसान नेता, प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। अधिवेशन का उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की रैली को भी संबोधित करेंगे।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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