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कोरोना के तीसरे चरण से घबराने की जरूरत नहीं, इससे निपटने के लिए हम तैयार: CM योगी

सीएम योगी ने कहा हम कोरोना के तीसरे चरण से निपटने के लिए तैयार हैं। इससे घबराने की जरुरत नहीं है।

Shreedhar Agnihotri
Reporter Shreedhar AgnihotriPublished By Shreya
Published on: 17 May 2021 4:22 PM GMT
कोरोना के तीसरे चरण से घबराने की जरूरत नहीं, इससे निपटने के लिए हम तैयार: CM योगी
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का मानना है कि राज्य सरकार के प्रयासों से अनुमान के विपरीत इस पर अंकुश लगाने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के दूसरे दौर में भी विशेषज्ञों का मानना था कि प्रदेश में 25 अप्रैल के बाद प्रतिदिन एक लाख कोरोना संक्रमण के मामले आएंगे। इस बार सामूहिक प्रयास से संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाने में सफलता मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों को कोरोना संक्रमण (Corona Virus) तीसरे चरण को लेकर तमाम आशंकाएं हैं। उन्होंने कहा कि इसको लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है। केंद्र एवं राज्य सरकार इससे निपटने के लिए सभी व्यवस्थाएं करने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने पहले ही इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया है।

कोरोना के मामलों में आई काफी कमी

राज्य में 24 अप्रैल, 2021 को कोरोना संक्रमण के 38,055 मामले आए थे, जो अब तक सर्वाधिक है। आज कोरोना संक्रमण के 10,600 केस आए हैं। राज्य में 30 अप्रैल को कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक एक्टिव मामले 3,10,000 थे। प्रदेश सरकार ने संक्रमण की रोकथाम के लिए ट्रेस, टेस्ट एंड ट्रीट का एग्रेसिव कैंपेन चलाया। इसके फलस्वरूप संक्रमण के एक्टिव केस घटकर आज 1,63,000 रह गए हैं। इस प्रकार संक्रमण के मामलों में 1,47,000 की कमी आई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना को लेकर प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था का हाल जानने के लिए इन दिनों प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। वह पिछले दो दिनों से वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। आज उन्होंने गाजियाबाद दौरे के दौरान कहा कि राज्य सरकार सभी जिलों में ऑक्सीजन की अनवरत उपलब्धता सुनिश्चित करा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 1080 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। सभी जिलों में 72 घंटे से अधिक की रिजर्व ऑक्सीजन उपलब्ध है।

ऑक्सीजन के सुचारू परिवहन के लिए क्रायोजेनिक टैंकर की व्यवस्था के लिए ग्लोबल टेंडर किया गया है। प्रदेश में आक्सीजन टैंकर की ऑनलाइन ट्रैकिंग व्यवस्था लागू है, जिसकी सराहना नीति आयोग ने की है। मेरठ मण्डल में कुल 35 आक्सीजन प्लाण्ट तथा गाजियाबाद में 9 आक्सीजन प्लाण्ट स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिन्हें केन्द्र व राज्य सरकार लगाने जा रही है, जिसमें से कुछ सीएसआर व कुछ निजी क्षेत्र की कम्पनियां लगायेंगी।

प्रदेश में लगातार बढ़ रही रिकवरी दर

मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के नियत्रंण तथा उपचार की प्रभावी व्यवस्था की गई है। हमारे प्रयासों के बेहतर नतीजे मिल रहे हैं, रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है। संक्रमण की पाॅजिटिविटी दर में निरंतर गिरावट दर्ज हो रही है। अप्रैल में पाॅजीटिविटी दर 16.33 प्रतिशत थी, जो तेजी से घटकर अब 4.8 प्रतिशत हो गयी है। गाजियाबाद में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 03 लाख 45 हजार 196 लोगों का निःशुल्क टीकाकरण किया जा चुका है।

साथ ही, 18 से 44 आयु वर्ग के 17,822 युवाओं का राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क टीकाकरण कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रथम चरण में राज्य में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक एक्टिव मामलों की संख्या 67 हजार तक सीमित रही। इसी प्रकार प्रथम चरण में एक 1 दिन में राज्य में कोरोना के सर्वाधिक 7,200 मामले प्रकाश में आए थे।

कोरोना की जांच कराता युवक (फोटो- न्यूजट्रैक)

प्रतिदिन कराए जा रहे तीन लाख टेस्ट

इस समय केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में प्रतिदिन 2.5 लाख से 03 लाख टेस्ट किये जा रहे हैं। मार्च, 2021 में यह क्षमता 1.5 से 02 लाख की थी। इसमें भी लगभग दो गुने की वृद्धि की गई है। प्रदेश के अब तक लगभग 4.5 करोड़ टेस्ट संपन्न हो चुके हैं। व्यापक पैमाने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। पहले चरण में लेवेल-1 के बेड की आवश्यकता अधिक थी। राज्य में लेवल-1 के 1,16,000 तथ लेवल-2 व लेवल-3 के लगभग 23,000 बेड तैयार किये गए थे। दूसरे चरण में लेवल-2 व लेवल-3 के बेड की माँग अधिक थी, राज्य में कोरोना वायरस उपचार के लिए लेवल-2 तथा लेवल-3 के लगभग 80,000 बेड बढ़ाये गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण नियंत्रित हो रहा है। गाजियाबाद में आज 269 मामले आए हैं। ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण का प्रसार नियंत्रित करने के लिए व्यापक रणनीति बनाकर लागू की गई है। 72,000 निगरानी समितियों के माध्यम से लक्षण युक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जा रही है।

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