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UP News: CM योगी का सख्त एक्शन, अब अफसर नोट कर लें सांसदों और विधायकों का फोन नंबर, नहीं तो खैर नहीं

MP MLA Phone Call: विधानसभा के मानसून सत्र में एक विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की कि जिले के अफसर उनका फोन नहीं उठाते हैं। इसको देखते हुए सरकार की तरफ से एक आदेश में कहा गया है कि फोन न उठाने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Ashish Pandey
Published on: 9 Aug 2023 5:10 PM IST (Updated on: 10 Aug 2023 8:47 AM IST)
UP News: CM योगी का सख्त एक्शन, अब अफसर नोट कर लें सांसदों और विधायकों का फोन नंबर, नहीं तो खैर नहीं
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CM Yogi Strict Action (Photo- Social Media)

UP News: जनप्रतिनिधियों का फोन न उठाने वाले अफसरों पर योगी सरकार सख्त हो गई है। अक्सर इसकी शिकायतें जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही थीं कि अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। उत्तर प्रदेश में जनप्रतिनिधियों (संसदों, और विधानमंडल सदस्यों) का फोन न उठाना अब अधिकारियों को भारी पड़ सकता है। योगी सरकार ने इसके लिए कड़ा संदेश देते हुए उन्हें संसद और विधानमंडल सदस्यों के प्रति शिष्टाचार और प्रोटोकॉल के पालन का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त एक्शन (CM Yogi Strict Action)

शासन की ओर से जारी आदेश में सभी विभागों के अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के कॉल उठाने या किसी विशेष परिस्थिति में कॉल न उठा पाने पर मैसेज के साथ बाद में उन्हें कॉल बैक करने की हिदायत दी गई है। कहा गया है कि ऐसा न करने वाले अफसरों पर एक्शन लिया जाएगा। शासन की ओर से अफसरों को जनप्रतिनिधियों के मोबाइल नंबर अपने फोन में सेव करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे को यूपी विधानसभा में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने एक सदस्य ने उठाया था। इस पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आश्वासन देते हुए कहा था कि इस पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसी क्रम में शासन की ओर से मंगलवार देर शाम सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव को इस संबंध में समस्त अधीनस्थ अधिकारियों से आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।

‘कॉलबैक किया जाना सुनिश्चित किया जाए‘-

शासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों के प्रति प्रोटोकॉल के अनुपालन में अनेक आदेशों के बावजूद इसका पालन नहीं किया जा रहा है। समस्त विभागों के मंडलीय और जनपदीय अधिकारियों को आदेशित किया जाए कि वे अपने जिले के सांसद और विधानमंडल के सदस्यों के मोबाइल नंबर को अनिवार्य रूप से अपने मोबाइल में सेव करें। किसी महत्वपूर्ण बैठक या अदालत के समक्ष होने की स्थिति में उनकी कॉल आने पर रिसीव न कर पाने की दशा में जानकारी होने पर मैसेज के साथ ही उन्हें कॉलबैक किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

...तो होगी सख्त कार्रवाई-

शासन के आदेश में ये भी कहा गया है कि इसका अनुपालन नहीं करने वाले अफसरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें ये भी निर्देश दिया गया है कि जनप्रतिनिधियों के मोबाइल नंबर सेव किए जाने की सूचना प्रत्येक अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी अपने प्रभारी अधिकारी को और प्रभारी अधिकारी जिलाधिकारी को देंगे। जिलाधिकारी अपने जिले की सूचना मंडलायुक्त को एवं मंडलायुक्त अपनी सूचना शासन में संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव को देंगे। संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव प्राप्त सूचना संकलित कर उसकी एक प्रति संसदीय शिष्टाचार व पत्राचार अनुभाग को उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा, जिलाधिकारी अपने जिले में संबंधित जनप्रतिनिधि (संसद सदस्य व विधानमंडल सदस्य) के मोबाइल नंबर कार्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करेंगे।

दरअसल जनप्रतिनिधियों की अक्सर यह शिकायतें रही हैं कि अधिकारी हमारा फोन नहीं उठाते हैं। इसी को लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत की गई थी जिसके बाद शासन का आदेश आया है।



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Ashish Pandey

Ashish Pandey

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