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सीएम योगी ने किया सुपोषण अभियान की शुरुआत, कही ये बड़ी बातें
लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सुबह साइंटिफिक कन्वेंशन सेन्टर पहुंचे और स्वास्थ्य मेले का जायजा लिया। बता दें कि यूपी के 75 जिलो में सुपोषण अभियान शुरू होगा। इसकी शुरूआत आज सीएम योगी ने किया। 6 विभाग मिलकर इस अभियान को चलाएंगे|
सीएम योगी-अनुभव सुनाते हुए कहा कि जब बीआरडी मेडिकल कॉलेज गया तो पहले मेडिकल कॉलेज प्रशाशन ने जाने से रोका। तीसरी मंजिल पर वार्ड था। मई जून के महीने था। पंखे नही चल रहे थे। प्रचंड गर्मी थी। 25 बच्चो के वार्ड में 100 बच्चे थे। एक एक बेड में 4-4 बच्चे लेते थे। 1998 से कोई ऐसा वर्ष नही हुआ जब इस मुद्दे को सदन में नही उठाया। पहली बार हम पूर्वी यूपी में जेई और एईएस के वैक्सीनशन में सफल हुआ। 20 साल से यह बीमारी है पर किसी सरकार ने नही ध्यान नही दिया। बीआरडी मीडिया की सुर्खियों में बना रहा।
बीआरडी मामले पर कहा निगेटिव न्यूज़ का गहरा असर पड़ा
ऑक्सीजन के अभाव में मौत की खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि तब मैंने कहा कि यह सामान्य मौत है। बीआरडी में पूछा क्या मामला है। वार्ड में देखा ऐसा कुछ ही नही है। मीडिया ने इसको मुद्दा बनाया। तो मंत्री और डीजी हेल्थ को भेजा उन्होंने रिपोर्ट दी। योगी ने कहा कि निगेटिव आकंड़े कहाँ से आये। बीआरडी में आंतरिक राजनीति थी। हमे वहां पर चिकित्सकों की काउंसलिंग करनी पड़ी। वह मरीज नही लेते थे कहते थे साहब न्यूज़ बनेगा। उन्होंने कहा कि सीएम योगी- निगेटिव न्यूज़ का गहरा असर पड़ा। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के बाद डॉक्टरों की काउंसलिंग करनी पड़ी, यह आंतरिक राजनीति थी।
मैने कहा कि इंसेफलाइटिस का कारण क्या है सरकार के स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में बताओ। हम लोगो ने विगत वर्ष से इसे एक अभियान के रूप में लिया। ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास और नगर विकास, महिला और बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग को जोड़कर 38 जिलों में योजना चलाई। स्वच्छता से वेक्टर बोर्न रोग से बचा जा सकता है।
पूर्व सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि-
इसके पूर्व बड़ी संख्या में टीचर पढ़ाने का काम नही करता था। कोई ठेका पट्टा का काम करता था कोई और काम पहले प्रदेश में प्रॉक्सी टीचर बहुत ज्यादा थे। अभियान चलाकर उसे खत्म किया। स्कूल में टीचर की तस्वीर लगाई गई। एक समिति बनाई गई। जांचा गया कि उक्त टीचर ही पढ़ाने आता है या नही। जो प्रॉक्सी टीचर रखता है। उसकी नौकरी जाएगी। अब टीचर स्कूलों में आने लगे हैं। साथ उन्होंने कहा कि व्यवस्था से जुड़े लोगों का निठलापन, निकम्मापन की वजह से सरकारी स्कूल के भवन समय से पहले जर्जर हो जाते हैं।
जिनकी संवेदना मर गई ऐसे कर्मचारी बोझ
जिसकी मानवीय संवेदना मर जाती है वह बोझ है। इस संवेदना को जगाने की जरूरत है। खाद्यान्न घोटाले पर कहा कि गरीब का खाद्यान्न बाजार में बिकेगा। यह संवेदनहीनता नही तो क्या है। तकनीक का उपयोग से भ्रष्टाचार पर रोक लगायेंगे।
आधार कार्ड को राशन से जोड़ने का फायदा
यूपी में 30 लाख फर्जी राशन कार्ड पाए गए। जिनका राशन था उन्हें दिलाने की मुहिम चलाई। पोषण मिशन को डीबीटी के माध्यम से जोड़ना चाहिए। हमने एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चार जगहों पर चल रहे हैं। पैसा सीधे उसके एकाउंट में भेजेंगे और कहेंगे कि आप जहां से चाहे वहां से राशन खरीदे। कोटेदारों से कहेंगे कि वह कुछ और व्यवसाय कर लें। इससे सरकार का पैसा बचेगा। सहजन के पेड़ घर के सामने लगाए इसकी सब्जी खाने से प्रोटीन मिलेगा। व्यक्ति कुपोषण का शिकार नही हो सकता है।