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Ayodhya News: सीएम योगी ने रामास्वामी मंदिर में किया जगतगुरू रामानुजाचार्य की प्रतिमा का अनावरण
Ayodhya News: सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या भारत ज्ञान की भूमि है तथा यहां पर साक्षात मनुष्यों ने वेद को अध्ययन कर नई-नई दृष्टि एवं परम्पराओं को बढ़ाया है।
Ayodhya News: अयोध्या भारत ज्ञान की भूमि है तथा यहां पर साक्षात मनुष्यों ने वेद को अध्ययन कर नई-नई दृष्टि एवं परम्पराओं को बढ़ाया है, जो हमेशा मानवता के लिए संदेश देता रहेगा। उक्त बातें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करते हुए कहा कि दसवी सदी में दक्षिण के प्रसिद्व सन्त रामानुजाचार्य जी ने द्ववैत वाद की स्थापना की जिसमें लक्ष्मीनारायण की पूजा प्रधान होती है, चाहे कोई भी बात हो द्ववैत अद्ववैत विशिष्टा द्ववैत सभी वेदान्त की व्याख्या करने वाले ईश्वर तक पहुंचाने वाले मार्ग है। मुख्यमंत्री ने रामानुजाचार्य एवं इनके पीठ से जुड़े हुये सभी संतों को बधाई दिया तथा भगवान की जन्मस्थली को 120 साल बाद और उसके विकास के लिए सराहना भी करता हूं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज अयोध्या में मुख्य कार्यक्रमों में रामास्वामी मंदिर जगतगुरू रामानुजाचार्य की प्रतिमा (स्टेच्यू आफ डिग्निटि) मूर्ति का अनावरण तथा अगले चरण में हर्षण नगर हनुमान गुफा के पास राममंत्रर्था मण्डपम श्रीराम मंत्र महायज्ञ रजत जयंती कार्यक्रम में भाग लिया तथा दीपोत्सव 2022 की शासन एवं स्थानीय अधिकारियों के साथ तैयारी की समीक्षा किया गया। मुख्यमंत्री का आगमन हवाई पट्टी पर हुआ तथा गोलाघाट में श्री रामास्वामी मंदिर में जगतगुरू रामानुजाचार्य के मूर्ति का अनावरण किया गया।
इस स्थान की स्थापना रामानुजाचार्य सम्प्रदाय के जगतगुरू द्वारा किया गया था, जिसका मूल स्थान तिरूनारायणपुरम मेलुकोटे, कर्नाटक में स्थित है। इस पीठ मं वर्तमान पीठाधीश्वर श्री यदुगिरि यतिराज रामानुजाचार्य है, इनकी प्रेरणा से मर्यादा मूर्ति स्टेच्यू आफ डिग्निटि का अनावरण किया गया। यह मंदिर रामास्वामि मंदिर (अम्मा जी मंदिर) के रूप में गोलाघाट रोड पर निर्मोचन चैराहा पर स्थित है। इसके पीठाधीश्वर हाथ में त्रिदंड धारण करते है।
उक्त अवसर पर मुख्यमंत्री को इसके पीठाधीश्वर द्वारा सनातन संस्कृति की रक्षा करने वाला अध्यात्म को बढ़ाने वाला उच्चकोटि का उपासक तथा संस्कृति का रक्षक बताया गया। उक्त अवसर पर अयोध्या के प्रसिद्व संतों में श्री धाराचार्य श्री राघवाचार्य सहित अनेक गणमान्य मनीषी एवं विद्वान उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि दसवी सदी में दक्षिण के प्रसिद्व सन्त रामानुजाचार्य ने द्ववैत वाद की स्थापना की जिसमें लक्ष्मीनारायण की पूजा प्रधान होती है, चाहे कोई भी बात हो द्ववैत अद्ववैत विशिष्टा द्ववैत सभी वेदान्त की व्याख्या करने वाले ईश्वर तक पहुंचाने वाले मार्ग है। मुख्यमंत्री ने रामानुजाचार्य एवं इनके पीठ से जुड़े हुये सभी संतों को बधाई दिया तथा भगवान की जन्मस्थली को 120 साल बाद और उसके विकास के लिए सराहना भी करता हूं।
उक्त अवसर पर पीठाधीश्वर एवं संत कमल नयन दास, राजकुमार दास, सुरेश दास सहित सभी पूज्य संतों के अलावा सांसद लल्लू सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, रामचन्दर यादव, मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रोली सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री अगले चरण में हर्षण नगर स्थित श्रीराम मंत्रार्थ मण्डपम में आयोजित श्रीराम मंत्र महायज्ञ रजत जयंती महामहोत्सव के कार्यक्रम में भाग लिया। उक्त अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज से वर्षो पूर्व इस पीठ के संस्थापक पीठाधीश्वर जगतगुरू रामहर्षण दास महराज द्वारा रामायण की रचना की थी जिसमें भारत भूमि को दिव्य मनुष्यों को जन्म देने वाला पृथ्वी पर एक मात्र स्थान बताया और इसमें जहां श्री राम का जन्म हुआ हो अवलौकिक स्थान है। इस विचार को भारत एवं विश्व में फैलाने वाले श्रीराम हर्षण महाराज जी को मैं नमन करता हूं तथा वर्तमान पीठाधीश्वर द्वारा जो श्रीराम मंत्र का महायज्ञ आयोजित किया गया है। यह समाज व सभी के लिए प्रेरणादायक है इसके पूर्व के पीठाधीश्वर द्वारा 13 करोड़ राम मंत्र का जाप करके सिद्वि प्राप्त की गयी थी जो आम जनमानस के लिए कल्याणकारक रही उनको भी नमन करता हूं। इस अवसर पर अयोध्या के प्रसिद्व संत महात्मा उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय श्रीराम कथा संग्रहालय में दीपोत्सव 2022 की तैयारी की समीक्षा की। इस बैठक में मुख्यमंत्री का स्वागत पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, मण्डलायुक्त नवदीप रिनवा, जिलाधिकारी नितीश कुमार, ए0डी0जी0 लखनऊ जोन, पुलिस उपमहानिरीक्षक अमरेन्द्र प्रसाद सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशान्त वर्मा आदि द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। दो दर्जन से अधिक विभागीय अधिकारी, वेण्डर, आदि ने भाग लिया।
दीपोत्सव 2022 की समीक्षा बैठक की
दीपोत्सव 2022 के सम्बंध में विस्तृत विवरण प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमें बताया कि अयोध्या में 18 लाख दीपों का प्रज्जवलन होगा जिसमें अयोध्या के प्रमुख स्थल सम्मिलित है। 15 लाख दीपों के राम की पैड़ी पर प्रज्ज्वलन कराकर विश्व रिकार्ड बनाया जायेगा। नयाघाट पर मंत्रोचार के साथ भव्य सरयू आरती होगी। सम्पूर्ण अयोध्या व दीपोत्सव स्थल पर लाइटिंग कार्य होगा, ग्रीन म्यूजिकल आतिशबाजी होगी। अयोध्या के प्रमुख स्थलों पर अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय रामलीलाओं का मंचन होगा, इसके अलावा 5 लाख दीपक भी अयोध्या के 40 स्थलों पर प्रज्जवलन होगा। राम चरित्र मानस के सभी काण्ड पर आधारित डिजिटल झांकी निकाली जायेगी। इसके अलावा सूचना विभाग द्वारा भी परम्परागत झांकी/शोभायात्रा निकाली जायेगी। दीपोत्सव का थ्री0डी होलोग्राफी प्रजेन्टेशन मैपिंग एवं भव्य म्यूजिकल शो होगा। 7 देशों के अन्तर्राष्ट्रीय एवं 9 भारतीय राज्यों की रामलीलाओं तथा विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा। बैठक में प्रजेन्टेशन के पश्चात ए0डी0जी0 लखनऊ द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी गयी।
प्रजेन्टेशन के पश्चात मुख्यमंत्री द्वारा दीपोत्सव का आयोजन दिव्यता एवं भव्यता के साथ-साथ सभी विभाग समन्वय के साथ आयोजन करायें। आधारभूत कार्यो को पूरा किया जाय तथा साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय। अयोध्या के अंदर के सड़कों के मरम्मत एवं निर्माण कार्यो में भी प्राथमिकता दिया जाये तथा पुराने मठ एवं मंदिरों के रंगाई पुताई पर भी ध्यान दिया जाय, इसके लिए संस्कृति विभाग द्वारा निर्देश दिया जा चुका है। नयाघाट से श्रीराम जन्मभूमि मार्ग के चैड़ीकरण के कार्यो में प्राथमिकता देते हुये इसको मिशन मोड में लाया जाय तथा नवनिर्मित बस स्टेशन के ज्यादा संचालन हेतु कार्यवाही किया जाय। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बहुत जगह गड्ढे बने हुये है उसको भी सम्बंधित अधिकारियों से बात कर दीपोत्सव के पूर्व ठीक कराया जाय।