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कुछ कहती हैं ये नजदीकियां: जब अपर्णा यादव के कान्हा उपवन पहुंचे सीएम योगी तो उठे कई सवाल
आखिर अपर्णा और प्रतीक की संस्था पर इतनी मेहरबानी का सबब क्या है? सवाल फिर वहीं आकर रूक जाता है कि क्या मुलायम के बेटे और बहु बीजेपी में जाएंगे ? अपर्णा तो वैसे भी अपने विचारों और सोच से सपा में सहज महसूस नहीं करतीं।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अब संरक्षक बना दिए गए मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की लगातार बीजेपी के साथ बढ रही नजदीकी राजनीतिक हलकों में चर्चा का सबब बनी हुई है। अपर्णा ने सपा के टिकट पर लखनऊ कैंट सीट से विधानसभा चुनाव लडा था लेकिन वो कांग्रेस से बीजेपी में आईं रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं।
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अपर्णा पीएम नरेंद्र मोदी के काम की तारीफ करती रही हैं। पिछले साल पीएम के राजधानी में हुए एक कार्यक्रम में भी वो शामिल हुई थीं। उस वक्त भी ये चर्चा खूब हुई थी कि क्या वो बीजेपी में शामिल होंगी?
हालांकि अपर्णा ने इससे पूरी तरह से इनकार किया था। उनका कहना था कि बस वो पीएम की कार्यशैली को पसंद करती हैं। मेहनत से पीएम के काम करने का तरीका किसी को भी उनका प्रशंसक बना सकता है।
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यूपी में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद योगी आदित्यनाथ जब सीएम बने तो वो सरकारी आवास में आने के पहले वीवीआईपी गेस्ट हाउस में रह रहे थे। अपर्णा अपने पति प्रतीक के साथ उनसे मिलने वहां गई थीं। चर्चा उस वक्त भी हुई थी उनके बीजेपी में आने की। अपर्णा ने उस वक्त कहा था कि वो सीएम को बधाई देने आई थीं।
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सुखद संयोग है कि दोनों उत्तराखंड के हैं। अपर्णा का जन्म भले ही राजधानी लखनऊ में हुआ है लेकिन वो उत्तराखंड के गढवाल की रहने वाली हैं। जबकि आदित्यनाथ पौड़ी के रहने वाले हैं। उस वक्त वो आदित्यनाथ नहीं बल्कि अजय हुआ करते थे। यह भी कहा जाता है कि दोनों के बीच रिश्तेदारी भी है।
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अपर्णा और सीएम की आज 31 मार्च को फिर मुलाकात हुई। दोनों कान्हा उपवन में मिले। कान्हा उपवन आवारा पशुओं की देखभाल के लिए बनाई गई संस्था है जिसे प्रतीक और अपर्णा देखते हैं। गाय समेत सडकों पर घूमने वाले अन्य पशुओं की देखभाल के लिए ये संस्था बनाई गई है।
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सीएम के कान्हा उपवन आने की सूचना के पहले ही आला अधिकारी और मंत्री स्वाति सिंह वहां पहुंच गई थीं। कान्हा उपवन जहां पहले सिर्फ आवारा पशु दिखाई देते थे अचानक अधिकारियों और बीजेपी समर्थकों से भरा नजर आया। स्वाति सिंह ने कहा कि कान्हा उपवन को फंड की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। सीएम आए तो कान्हा उपवन में गाय को चारा खिलाया। पूरा कान्हा उपवन 54 एकड में फैला है।
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आखिर अपर्णा और प्रतीक की संस्था पर इतनी मेहरबानी का सबब क्या है? सवाल फिर वहीं आकर रूक जाता है कि क्या मुलायम के बेटे और बहु बीजेपी में जाएंगे ? अपर्णा तो वैसे भी अपने विचारों और सोच से सपा में सहज महसूस नहीं करतीं। तो क्या सपा से चुनाव उन्होंने मजबूरी में लडा था?
जी हां, सीएम से लगातार दो बार मुलाकात तो यही राजनीतिक संदेश देती है कि वो बीजेपी में शामिल होने के लिए अपनी जमीन तैयार कर रही हैं।
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