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सीएम योगी ने अधिकारियों को चेताया, कही ये बड़ी बात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपने जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अनुभव किया है कि 90 प्रतिशत से अधिक मामले राजस्व और पुलिस विभाग से सम्बन्धित होते हैं। समय से इन प्रकरणों का समाधान न होने पर बड़े विवाद पैदा हो जाते हैं।

Aditya Mishra
Published on: 17 Aug 2019 9:08 PM IST
सीएम योगी ने अधिकारियों को चेताया, कही ये बड़ी बात
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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपने जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अनुभव किया है कि 90 प्रतिशत से अधिक मामले राजस्व और पुलिस विभाग से सम्बन्धित होते हैं। समय से इन प्रकरणों का समाधान न होने पर बड़े विवाद पैदा हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि हर संवर्ग के अधिकारी द्वारा प्रतिदिन सुबह साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक एक घण्टे जनसुनवाई की जाए। इससे जन शिकायतों का प्रभावी समाधान सम्भव होगा।

प्रतिदिन सुनवाई करने से धीरे-धीरे जनता की सन्तुष्टि बढ़ती जाएगी और शिकायतें भी कम होती जाएंगी।

हमारी सरकार के कार्यकाल में तीन बार डीपीसी कर तहसीलदार संवर्ग के 299 अधिकारियों को प्रान्तीय सिविल सेवा में प्रोन्नति दी गई है, जबकि यह पदोन्नतियां वर्षों से लम्बित थीं।

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सिविल सेवा के अधिकारियों में 60 प्रतिशत प्रोन्नत अधिकारी

इसके अलावा पात्रता में शिथिलीकरण भी किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कार्यरत लगभग 1000 प्रान्तीय सिविल सेवा के अधिकारियों में 60 प्रतिशत प्रोन्नत अधिकारी हैं।

मुख्यमंत्री आज यहां प्रान्तीय सिविल सेवा (प्रोन्नत अधिकारी) संघ के सामान्य अधिवेशन-2019 के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग का सबसे बड़ा और पुराना संवर्ग होने के कारण आपकी भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस संवर्ग के अधिकारियों को अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों के निर्वहन के अवसर मिलते हैं।

परिणाम देने के लिए विशेष अवसर की नहीं होती जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिणाम देने के लिए विशेष अवसर की जरूरत नहीं होती है। मौजूदा तंत्र में भी अच्छे परिणाम दिये जा सकते हैं। इसके लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि सेवा से बढ़कर कोई धर्म और पुण्य का कार्य नहीं है। इस संवर्ग के अधिकारियों का जनता से सीधा जुड़ाव होता है। आप सभी को जनता की सेवा निष्पक्ष भाव से पुण्य समझकर करनी चाहिए।

पुण्य और सेवा भाव से किये गये कार्य में दीर्घ कार्यावधि पीड़ा नहीं, खुशी देती है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी प्रतिदिन 17 से 18 घण्टे पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करते हैं।

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राजकीय सेवा को औपचारिकता ना समझें

इससे उन्हें आत्मिक संन्तुष्टि प्राप्त होती है। अधिकारियों को अवसर का लाभ उठाते हुए परिश्रमपूर्वक कार्य करना चाहिए। इससे अधिकारी स्वयं और उनका संवर्ग यशस्वी होगा।

उन्होंने कहा कि राजकीय सेवा को औपचारिकता नहीं समझा जाना चाहिए। यह अपने समाज, देश और प्रदेश की सेवा का अप्रतिम अवसर है।

राज्य सरकार द्वारा जन शिकायतों के निस्तारण के लिये आईजीआरएस पोर्टल और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन शुरू की गई है।

इसमें शिकायतकर्ता की सन्तुष्टि को शिकायत निस्तारण का आधार बनाया गया है।

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Aditya Mishra

Aditya Mishra

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