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House Certificate: सीएम योगी का ग्रामीण इलाकों को बड़ी सौगात, 10.81 लोगों को मिलेगा घरौनी प्रमाण पत्र

House Certificate: घरौनी प्रमाण पत्र (house certificate) मिलते ही वह अपने मकान का मालिकाना हक हासिल कर लेंगे, साथ ही अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 22 Jun 2022 1:38 PM GMT
CM Yogis big gift to rural areas, 10.81 people will get home certificate
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: Photo - Newstrack

Lucknow: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Sarkar) गांव में रहने वाली आबादी के लिए बड़ा कदम उठाया है। 23 जून यानी गुरुवार को उत्तर प्रदेश के 10.81 लाख से ज्यादा लोगों को डिजिटल माध्यम से उनके आवास का मालिकाना हक मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) लोगों को घरौनी प्रमाण पत्र को सौंपेंगे। जिससे अब ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी फायदा होगा।

घरौनी प्रमाण पत्र (house certificate) मिलते ही वह अपने मकान का मालिकाना हक हासिल कर लेंगे, साथ ही अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसमें सबसे ज्यादा फायदा आए दिन होने वाले विवाद से भी होगा। क्योंकि ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर विवाद जमीन को लेकर होते हैं, सरकार अब ऐसे विवाद को खत्म करने के लिए जो जहां पिछले कई सालों से रह रहा है उसे उसका मालिकाना हक (घरौनी प्रमाण पत्र) दे रही है। जिससे सारे विवाद का निपटारा हो जाएगा और वह व्यक्ति कानूनी तौर पर उसका मालिक हो जाएगा।

24 अप्रैल 2020 को पीएम मोदी ने की थी शुरुआत

बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले 24 अप्रैल 2020 को इस अभियान की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री ने यूपी के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बड़ी संख्या में लोगों को घरों में प्रमाण पत्र सौंपा था। सीएम योगी ने सभी 75 जिलों में घरौनी तैयार करने के निर्देश दिए थे। जिसका काम बड़ी तेजी से अभी भी चल रहा है। सूबे के 1,10,313 ग्रामों को चिन्हित कर अभिलेख तैयार किया गया है।

20 जून तक प्रदेश के कुल 68,641 ग्रामों में ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। 23,287 ग्रामों में कुल 34,28,305 घरौनियां तैयार हो चुकी हैं। बता दें प्रदेश में 23 दिसंबर, 2021 तक 5 चरणों में कुल 15,940 ग्रामों में 23,47,243 घरौनियों का वितरण हुआ है। पहले चरण में 346, दूसरे चरण में 229 ग्रामों में 10041, तीसरे चरण में 1001 ग्रामों में 157224, चतुर्थ चरण में 427 ग्रामों में 53424, पांचवें चरण में 2084823 दी गईं हैं।

घरौनी प्रमाण पत्र मिलने से ये होगा फायदा?

1. ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पत्ति संबंधी विवाद काफी कम होंगे।

2. न्यायालय में चल रहे विवादों का निस्तारण जल्द होगा।

3. आबादी क्षेत्र का प्रारंभिक डाटा तैयार होगा।

4. सरकार विकास योजनाओं को आसानी से संचालित कर सकेगी।

घरौनी प्रमाण पत्र क्या है? (What is house certificate?)

अब गांवों में रहने वाले लोगों के पास खेती के कागजों के साथ साथ घर के कागज भी सरकारी रिकार्डों में दर्ज होंगे। जिससे ग्रामीण एक क्लिक में तहसील से अपने घर के कागजात निकाल सकेंगे। जिसे घरौनी कहा जाएगा। इसके लिए शासन ने स्वामित्व योजना शुरू की है।

गांव के हर मकान की यूनीक आईडी होगी

स्वामित्व योजना (ownership plan) के तहत ग्रामीणों को दी जाने वाली घरौनी में हर मकान का यूनीक आइडी नंबर दर्ज होगा। 13 अंकों के इस आइडी नंबर में पहले छह अंक गांव के कोड को दर्शाएंगे। अगले पांच अंक आबादी के प्लांट नंबर को दर्शाएंगे और आखिरी के दो अंक उसके संभावित विभाजन को दर्शाएंगे।

घरौनी की कैटेगरी (Homeowner's Category)

-केंद्र सरकार के विभाग, निगम, प्राधिकरण आदि के भवन, भूमि

-राज्य सरकार के विभाग, निगम आदि के भवन और भूमि

-अर्ध सरकारी संस्थाओं के भवन और भूमि,

-सहकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह के भवन व भूमि,

-ग्राम पंचायत/स्थानीय निकाय के भवन व भूमि,

-निजी/व्यक्तिगत/पारिवारिक भवन व भूमि,

-निजी कंपनी, कॉरपोरेशन, फर्म आदि के भवन व भूमि,

-न्याय व धर्मार्थ संस्थाओं, एनजीओ के भवन व भूमि,

घरौनी पर मिल सकेगा लोन

गांवों की कृषि भूमि, ग्रामसभा, बंजर आदि भूमि का रिकार्ड तो रेवन्यू विभाग के पास होता है। कृषि भूमि (agricultural land) का मालिकाना हक दिखाने के लिए खसरा खतौनी बनाई जाती है, लेकिन आबादी में बने घरों का मालिकाना हक के लिए कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं होता। इससे तमाम परेशानियां सामने आती हैं। घरों का बंटवारा होने के बाद भी विवाद समाप्त नहीं होता है। इससे अदालती मुकदमें बढ़ते जा रहे हैं।

ग्रामीण बैंकों से लोन प्राप्त कर सकेंगे

इसके अलावा गांवों के घरों की यूनिक आईडी नहीं होती। मालिकाना हक नहीं होने से घरों को बैंकों में मॉर्गेज पर नहीं रखा जा सकता है। इस योजना के तहत मालिकाना हक मिलने के बाद खतौनी की तर्ज पर घरौनी बनेगी। जिसके आधार पर ग्रामीण बैंकों से लोन प्राप्त कर सकेंगे। अभी मकान के कागज ना होने के कारण बैंक ग्रामीणों को उनके मकान के आधार पर पर लोन नहीं देते थे।

घरौनी नक्शा कैसे निकालें?

देश के जो इच्छुक प्रॉपटी धारक सरकार द्वारा प्रदान किये जाने वाले घरौनी प्रमाण पत्र को डाउनलोड करना चाहते हैं तो घरौनी प्रमाण पत्र की ऑफिसियल वेबसाइट svamitva.nic.in पर जा कर निकाल सकते हैं।

Shashi kant gautam

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